Vishnu Rathore

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इश्क हमारा भी मुक़म्मल होता गर तुम फरेबी न होते। ©Vishnu Rathore

#vishnurathore #nojotohindi #HeartBreak #Quotes #Farebi  इश्क हमारा भी मुक़म्मल होता
गर तुम फरेबी न होते।

©Vishnu Rathore

आज तेरे बारे में कुछ लिखूं कि नहीं, तेरे दरवाजे से गुजरूं तुझे दिखूं कि नहीं। तेरे इरादे कुछ अच्छे नहीं लगते, हम सामने से किसी को अब बच्चे नहीं लगते। ये बढ़ती उम्र का तकाजा है, वैसे देखने में हम खिलाड़ी अब कच्चे नहीं लगते। सक के दायरे में आने लगे हैं हम दोनों, अब लोगों के इशारे मुझे अच्छे नहीं लगते। या तो तू ही कर दे अब इजहार-ए-मोहब्बत का, यूं हर रोज छिप-छिप कर दीदार करते हुए हम अच्छे नहीं लगते। लोग कहते हैं आशिक हमें, हम अधूरे से, लोगों कि जुबान पर सच्चे नहीं लगते, तेरे इरादे मुझे आजकल अच्छे नहीं लगते। ©Vishnu Rathore

#vishnurathore #nojotohindi #LoveStory #propose #confess  आज तेरे बारे में कुछ लिखूं कि नहीं,
तेरे दरवाजे से गुजरूं तुझे दिखूं कि नहीं।
तेरे इरादे कुछ अच्छे नहीं लगते,
हम सामने से किसी को अब बच्चे नहीं लगते।
ये बढ़ती उम्र का तकाजा है,
वैसे देखने में हम खिलाड़ी अब कच्चे नहीं लगते।
सक के दायरे में आने लगे हैं हम दोनों,
अब लोगों के इशारे मुझे अच्छे नहीं लगते।
या तो तू ही कर दे अब इजहार-ए-मोहब्बत का,
यूं हर रोज छिप-छिप कर दीदार करते हुए हम अच्छे नहीं लगते।
लोग कहते हैं आशिक हमें,
हम अधूरे से, लोगों कि जुबान पर सच्चे नहीं लगते,
तेरे इरादे मुझे आजकल अच्छे नहीं लगते।

©Vishnu Rathore

"मेरे बगैर जीने लगे हो" कहते थे कैसे जिएंगे तुम बिन, हम मर जाएं, अब मुझे छोड़ कर किसके साथ तुम जीने लगे हो! मेरे बगैर जीने लगे हो!! कहते थे तुम बिन हम अब न खुश रह पाएं, रोते-रोते हम मर जाएं! अब मुझे भूल कर रस खुशियां का किसके साथ तुम पीने लगे हो! मेरे बगैर जीने लगे हो!! कभी जो तुम यूं मुझे नजर आए, जरा भी न मुस्कुराए अब कौन-सा गम तुम पीने लगे हो! मेरे बगैर जीने लगे हो!! ©Vishnu Rathore

#merebagairjeenelageho #vishnurathore #nojotohindi #Bewafa #ishq  "मेरे बगैर जीने लगे हो"

कहते थे कैसे जिएंगे तुम बिन, हम मर जाएं,
अब मुझे छोड़ कर किसके साथ तुम जीने लगे हो!
मेरे बगैर जीने लगे हो!!
कहते थे तुम बिन हम अब न खुश रह पाएं, रोते-रोते हम मर जाएं!
अब मुझे भूल कर रस खुशियां का किसके साथ तुम पीने लगे हो!
मेरे बगैर जीने लगे हो!!
कभी जो तुम यूं मुझे नजर आए, जरा भी न मुस्कुराए
अब कौन-सा गम तुम पीने लगे हो!
मेरे बगैर जीने लगे हो!!

©Vishnu Rathore

"अतिथि" "सम्माननीय आगंतुक" है स्वरूप भगवान का। प्रिय अतिथि कब आओगे? आपके दीदार को मेरे चक्षु तरस गए हैं। सहृदय मन को भाने वाले, संपूर्ण वर्ष में कभी-कभी आने वाले। प्रिय अतिथि कब आओगे? मन व्याकुल है प्रिय तुमसे मिलने को, गपशप करते हंसते-ठिठुलाते, मन भर-भर के खुशियां लाते। प्रिय अतिथि कब आओगे? फूलों का थाल व्याकुल है, तुम्हारे स्वागत को, ये नन्हा-सा लाल व्याकुल है। बीत चले अरसे कई तुम्हें देखे हुए, इतना नहीं तरसे कभी, प्रिय अतिथि कब आओगे? घर बैठे दुनियां दिखलाते, तरह-तरह की बात बताते, ज्ञानता का पाठ पढ़ाते, संग तुम्हारे हम भ्रमण को जाते। प्रिय अतिथि कब आओगे? कब खुशियों को लाओगे, प्रिय अतिथि तुम जल्दी आना, अबकी बार जल्द मत जाना। ©Vishnu Rathore

#vishnurathore #nojotopeotry #nojotohindi #nojotopoem #Morning  "अतिथि"
"सम्माननीय आगंतुक" है स्वरूप भगवान का।
प्रिय अतिथि कब आओगे?
आपके दीदार को मेरे चक्षु तरस गए हैं।
सहृदय मन को भाने वाले,
संपूर्ण वर्ष में कभी-कभी आने वाले।
प्रिय अतिथि कब आओगे?
मन व्याकुल है प्रिय तुमसे मिलने को,
गपशप करते हंसते-ठिठुलाते,
मन भर-भर के खुशियां लाते।
प्रिय अतिथि कब आओगे?
फूलों का थाल व्याकुल है,
तुम्हारे स्वागत को,
ये नन्हा-सा लाल व्याकुल है।
बीत चले अरसे कई तुम्हें देखे हुए,
इतना नहीं तरसे कभी,
प्रिय अतिथि कब आओगे?
घर बैठे दुनियां दिखलाते,
तरह-तरह की बात बताते,
ज्ञानता का पाठ पढ़ाते,
संग तुम्हारे हम भ्रमण को जाते।
प्रिय अतिथि कब आओगे?
कब खुशियों को लाओगे,
प्रिय अतिथि तुम जल्दी आना,
अबकी बार जल्द मत जाना।

©Vishnu Rathore

दोस्ती, वफा, इश्क किस-किस का जुमला बनाओगे! कुछ तो साफ दिखने दो, इन आंखों को और कितना धुंधला दिखाओगे!! ©Vishnu Rathore

#vishnurathore #nojotohindi #yqquotes #Dosti  दोस्ती, वफा, इश्क किस-किस का जुमला बनाओगे!
कुछ तो साफ दिखने दो, इन आंखों को और कितना धुंधला दिखाओगे!!

©Vishnu Rathore

हर बार नहीं बुझा करते चिराग हवाओं से! कभी-कभी तेल की भी कमी होती!! हर घड़ी नहीं बरसते ये मौसमी बादल! कभी-कभी कुछ अपनों की कमी भी आंखों को नमी देती है!! ©Vishnu Rathore

#vishnurathore #nojotohindi #yqquotes #Tanhai #kami  हर बार नहीं बुझा करते चिराग हवाओं से!
कभी-कभी तेल की भी कमी होती!!
हर घड़ी नहीं बरसते ये मौसमी बादल!
कभी-कभी कुछ अपनों की कमी भी आंखों को नमी देती है!!

©Vishnu Rathore
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