Avinash Thakur

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Balancing my love of research by writing poetry..

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जिस प्रकार हम हर रंग को होली में आलिंगन करते है, आशा करता हूं की आप हमारे विविधताओं वाले देश के हर रंग को अंगीकार करेंगे। होली की ढेरो शुभकामनाए। ©Avinash Thakur

#विचार #Holi  जिस प्रकार हम हर रंग को होली में आलिंगन करते है,
आशा करता हूं की आप हमारे विविधताओं वाले देश के हर रंग को अंगीकार करेंगे।

होली की ढेरो शुभकामनाए।

©Avinash Thakur

# #Holi

7 Love

Alone खामोश कभी वो पूछते थे, और हम ख़ामोश रहते थे। वो इसपे रूठते थे, और हम ख़ामोश रहते थे। वो दिल की बात कहने और छुपाने में लगे रहते थे, वो दिल से जुझते रहते थे, और हम ख़ामोश रहते थे। मगर आज जो हमने उनसे दिल का किस्सा कह डाला, वो बदला ले रहे है हमसे, वो खामोश रहते है। वो चेहरा देखते रहते है मेरा कुछ नही कहते, मैं उनसे इश्क करता हूं, वो क्यों खामोश रहते है? ©Avinash Thakur

 Alone  खामोश

कभी वो पूछते थे, और हम ख़ामोश रहते थे।
वो इसपे रूठते थे, और हम ख़ामोश रहते थे।
वो दिल की बात कहने और छुपाने में लगे रहते थे,
वो दिल से जुझते रहते थे, और हम ख़ामोश रहते थे।
मगर आज जो हमने उनसे दिल का किस्सा कह डाला,
वो बदला ले रहे है हमसे,
वो खामोश रहते है।
वो चेहरा देखते रहते है मेरा कुछ नही कहते,
मैं उनसे इश्क करता हूं, वो क्यों खामोश रहते है?

©Avinash Thakur

#poem #Poetry #alone

5 Love

किसी से इश्क करने के लिए रूह का पाक होना बहुत जरुरी होता है। वरना आसान कहां होता है, दूसरो की हसीं को अपने मुस्कुराने की वजह बना लेना। ©Avinash Thakur

#OneSeason  किसी से इश्क करने के लिए रूह का पाक होना बहुत जरुरी होता है।
वरना आसान कहां होता है, दूसरो की हसीं को अपने मुस्कुराने की वजह बना लेना।

©Avinash Thakur

#OneSeason

7 Love

तुझसे ही ब्रह्मांड है, तू ही जगत अवतारी है, मगर फिर भी तू जगत जहां में वसुधा की दुखियारी है। विभोर करदे जो सबका मन, तू वो शायरों की शायरी है, एक दूजे को जो बांध सके, तू ही वो लिपि देवनागरी है। तू वंदना है, तू ही साधना है, तू ही भगवान की सबसे खूबसूरत कारीगरी है, जिसकी मैली हो गई दामन, तू वो गंगा यमुना नदी गोदावरी है। तू मां है, तू पत्नी है, तू बहन है, तेरे रूप हजार है, तुझसे ही रिश्ता सजे, तुझसे ही परिवार है। उठ खड़ी हो पूर्णशक्ति से, फिर रोशन करदे ये जहां, जा प्राप्त करके अधूरे स्वप्न, और जीत ले ये जहां। ©Avinash Thakur

#NationalSimplicityDay #orignalcontent #poem  तुझसे ही ब्रह्मांड है, तू ही जगत अवतारी है,
मगर फिर भी तू जगत जहां में वसुधा की दुखियारी है।

विभोर करदे जो सबका मन, तू वो शायरों की शायरी है,
एक दूजे को जो बांध सके, तू ही वो लिपि देवनागरी है।

तू वंदना है, तू ही साधना है, तू ही भगवान की सबसे खूबसूरत कारीगरी है,
जिसकी मैली हो गई दामन, तू वो गंगा यमुना नदी गोदावरी है।

तू मां है, तू पत्नी है, तू बहन है, तेरे रूप हजार है,
तुझसे ही रिश्ता सजे, तुझसे ही परिवार है।

उठ खड़ी हो पूर्णशक्ति से, फिर रोशन करदे ये जहां,
जा प्राप्त करके अधूरे स्वप्न, और जीत ले ये जहां।

©Avinash Thakur

बहुत चुभ रहा हूं सबको, छुरा हूं क्या? जितना बता रहे हो सबको, मैं इतना भी बुरा हूं क्या? ©Avinash Thakur

#Mic  बहुत चुभ रहा हूं सबको,
छुरा हूं क्या?
जितना बता रहे हो सबको,
मैं इतना भी बुरा हूं क्या?

©Avinash Thakur

#Mic

8 Love

#shayaranaandaz #ZakirKhan
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