Shahid Arman khanabadosh

Shahid Arman khanabadosh Lives in Delhi, Delhi, India

safe journeys seldom make good stories!

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#wordgasm  itna to ehtiyaat rakhein aap aur ham, ke apni khwahish ko ulfat ka naam na de dein!
wo jo alfaaz dil ke dhadkano se na nilkein, unhe ham paak muhabbat ka naam na de dein!
itna to ehtiyat rakhein aap aur ham, ke apne aap ko hi koi dhoka na de dein!

©Shahid Arman khanabadosh

#wordgasm

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ज़िन्दगी तू इतनी क्यों उलझी हुई है! रात दिन के जंग में तू कट रही है!! चंद सफ़हो का ही था किस्सा अगर मैं, ये किताबे ज़िन्दगी फिर क्यों बड़ी है!! मौत ने इक दिन ये पूछा ज़िन्दगी से, बेवफा तू किस क़दर ज़िद पर अड़ी है!! मान भी जा ज़िद का शीशा तोड़ भी दे! सांस ले पर ज़िंदा रहना छोड़ भी दे!! ज़िन्दगी ये सुन के बिल्कुल डर गई ! मौत से पहले ही थोड़ी मर गयी!! फिर जुटाके उसने अपने हौसले, ज़ख्म उसने दिल के सब करके हरे, टूटती साँसों से फिर लड़ने लगी, ज़िन्दगी कुछ ज़िद पे फिर अड़ने लगी, मुस्कुराकर मौत से कहने लगी, मेरी ज़िद अब और भी बढ़ने लगी!!😊

#Motivation #Zindagi #Zid  ज़िन्दगी तू इतनी क्यों उलझी हुई है!
रात दिन के जंग में तू कट रही है!!
चंद सफ़हो का ही था किस्सा अगर मैं,
ये किताबे ज़िन्दगी फिर क्यों बड़ी है!!
मौत ने इक दिन ये पूछा ज़िन्दगी से,
बेवफा तू किस क़दर ज़िद पर अड़ी है!!
मान भी जा ज़िद का शीशा तोड़ भी दे!
सांस ले पर  ज़िंदा रहना छोड़ भी दे!!
ज़िन्दगी ये सुन के बिल्कुल डर गई !
मौत से पहले ही थोड़ी मर गयी!!
फिर जुटाके उसने अपने हौसले,
ज़ख्म उसने दिल के सब करके हरे,
टूटती साँसों से फिर लड़ने लगी,
ज़िन्दगी कुछ ज़िद पे फिर अड़ने लगी,
मुस्कुराकर मौत से कहने लगी,
मेरी ज़िद अब और भी बढ़ने लगी!!😊

#nojoto #Zid #Zindagi #Motivation

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पैरों के चन्द आबलों से अगर घबराता मैं, तो शायद मुहब्बत की राह ना अपनाता मैं! किसी पे मरने को ज़िन्दगी ना समझता फिर, इश्क़ का फलसफा मुझे खाँम ही लगता फिर! तुम अगर नाज़ुक हो तो इसरार नही चलने का साथ, भूल जाओ के हमारे दरमियाँ थी कोई बात! मैने तुम को चाह कर आज़ादे बंदिश कर दिया, और उस बंदिश में ख़ुद को कैद भी है कर लिया! अब यही ग़म है, ख़ुशी भी है इसी फरियाद में, उम्र सारी काटनी है अब तुम्हारी याद में!

#bandish  पैरों के चन्द आबलों से अगर घबराता मैं,
तो शायद मुहब्बत की राह ना अपनाता मैं!
किसी पे मरने को ज़िन्दगी ना समझता फिर,
इश्क़ का फलसफा मुझे खाँम ही लगता फिर!
तुम अगर नाज़ुक हो तो इसरार नही चलने का साथ,
भूल जाओ के हमारे दरमियाँ थी कोई बात!
मैने तुम को चाह कर आज़ादे बंदिश कर दिया,
और उस बंदिश में ख़ुद को कैद भी है कर लिया!
अब यही ग़म है, ख़ुशी भी है इसी फरियाद में,
उम्र सारी काटनी है अब तुम्हारी याद में!

#bandish

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#Nojoto

#Nojoto

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#khanabadosh #unfettered #me

तू हार पे प्रहार कर! तू जीत को भी पार कर! तू दर्द को धनुष बना, नज़र को अपनी धार कर, यही है धर्म युद्ध का, ये नियति का है फैसला, ये वख्त की पुकार है, तू फिर से एक बार कर! तू दुख में क्यूँ विलीन है, तू अब भी दृष्टि हीन है, हृदय तेरा अनाथ है, तू बस दया का पात्र है, जो गिर के भी रुका नही विजयी उसी के साथ है! तू हौंसलों को दम लगा, तू कर्म का मरहम लगा, जो ज्वाला सा भड़क उठे हृदय को ऐसा ग़म लगा! तू कर्म ऐसा कर्म कर, परिणाम से हो जो निडर, तू राहतों को चीर दे, तू हारने का तज दे भय, तू रुक गया तो रुक गया ये ज़िन्दगी का कारवां, थको नही उड़ान से पुकारता है आसमां!

#Nojoto #khudi #Vijay #Yudh  तू हार पे प्रहार कर! तू जीत को भी पार कर! तू दर्द को धनुष बना, नज़र को अपनी धार कर, यही है धर्म युद्ध का, ये नियति का है फैसला, ये वख्त की पुकार है, तू फिर से एक बार कर! तू दुख में क्यूँ विलीन है, तू अब भी दृष्टि हीन है, हृदय तेरा अनाथ है, तू बस दया का पात्र है, जो गिर के भी रुका नही विजयी उसी के साथ है!  तू हौंसलों को दम लगा, तू कर्म का मरहम लगा, जो ज्वाला सा भड़क उठे हृदय को ऐसा ग़म लगा! तू कर्म  ऐसा कर्म कर, परिणाम से हो जो निडर, तू राहतों को चीर दे, तू हारने का तज दे भय, तू रुक गया तो रुक गया  ये ज़िन्दगी का कारवां, थको नही उड़ान से पुकारता है आसमां!
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