Meenakshi Sharma

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kangra hp मैं महिलाओं के शोषण के खिलाफ हूं और उनकी समस्याओं को कविता के माध्यम से जनता तक पहुंचाएंगी।

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#शायरी #SAD  White फर्क
अपने और पराए के बीच का फर्क,
अक्सर खून के रिश्ते ही समझाते है,
अब राखी बेमोल है,
सिर्फ पत्नी की सहेली ही अपनी सगी हैं।

©Meenakshi Sharma

#SAD

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#कविता #runaway  
मेरी कविता _जिंदगी
क्या लिखूं मैं तेरे बारे में जिंदगी 
कभी लगता है तुझे जीना आसान,
तो कभी दर्द भरी लगती है राहें,
कभी सुख का प्यारा एहसास है जिंदगी,
तो कभी दुखों की पहचान है जिंदगी,
क्या कहूं मैं तेरे बारे में जिंदगी,
कभी लगता कांटों का ताज है जिंदगी,
तो कभी लगता फूलों का साज है जिंदगी,
मुश्किल वक्त में तूफान है जिंदगी,
तो अच्छे वक्त में एक ऊंची पहचान है जिंदगी,
कभी लगता है अंधेरी रात है जिंदगी,
तो कभी लगता है सूरज का प्रकाश है जिंदगी,
क्यूं बोलूं मैं तेरे बारे में जिंदगी,
कभी अशांत है तू तो कभी ,
सुकून का सच्चा एहसास है तूं,
कभी प्यार का नाम है जिंदगी,
तो कभी नफ़रत की शुरुआत हैं जिंदगी,
कभी गले का हार है जिंदगी......
स्वरचित कविता नाम मीनाक्षी शर्मा

©Meenakshi Sharma

#runaway जिंदगी

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#कविता  मिलना और बिछड़ना सब,
कुदरत की कहानी है,
नसीब मेरा मुझसे रुठ़ा,
जो अपने बिछड़ गए मुझसे,
मैं लिख दूं दर्द को अपने,
तो रोना आएगा तुमको,
मेरी कहानी का हर पन्ना,
तुम को भी  सताएगा,
मैं अकेली राह में चलती हूं,
तो रास्ते पीछे छूटते हैं,
पेड़ के पते गिरतें है,
तो वो भी पेड़ से बिछड़ते हैं,
पक्षियों के घोंसले टूटते हैं,
तो वो भी घरों से बिछड़ते हैं
बेटी मायके से बिछड़ती है,
बेटा भी घर परिवार से बिछड़ता है।

©Meenakshi Sharma

बिछड़ना

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#कविता  भाव भक्ति का मन में जब आता गया,
भक्त भक्ति के सागर में बहता गया,
भगवान भक्त के बनें भक्त उनका पुजारी बना,
दर्शन के प्यास भक्त के भगवान हो गए,
भक्त खो ही गया भगवान की महिमा देख कर,
भक्त धन्य हुआ भगवान को देख कर,
भक्त की आत्मा शुद्ध हुई तो उसको परमात्मा मिल गया,
मिलन परमात्मा के अंश का भी अनोखा हुआ,
भक्त ने  भाव भक्ति से भगवान को पा लिया,
भगवान ने भक्त को अपनी शरण में ले लिया,
भक्त की भक्ति से तन मन पवित्र हुए,
आत्म शुद्धि से एक प्यार रिश्ता बना,
इस रिश्ते को भक्त का नाम मिला,
मान मिला जग में सम्मान मिला।
Meenakshi Sharma

©Meenakshi Sharma

मिलन भक्त भगवान का

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#कविता  














जीवनसाथी
प्यार मिला जब प्रेमिका को पहली बार,
एहसास से प्रेमिका को सुकून मिला,
जो लगता था पहले गलत,
अब वो सब सही लगा,
किसी का प्यार जीवन बदल गया,
उसके मिलन की आस एक नई चमक भर गया,
प्यार के रंगों में रंग गया,
इंतजार की बेला फिर खत्म हुई,
दो प्यार करने वालो की भी,
इक नई कहानी जब शुरू हुई,
मांग सिंदूर चुड़ियों मंगलसूत्र पायल संग,
वो अपने सज्जना के लिए सजी,
दुल्हन बनी वो अपने दूल्हे की,
शादी के पवित्र बंधन में वो बंध गई,
प्यार को अपनी दुनिया बना कर,
किसी के घर की वो रौनक बनी,
पत्नी बनी वो बहूं बनी,
खूबसूरत से फिर वो सजी धजी।
Meenakshi Sharma

©Meenakshi Sharma

जीवनसाथी प्यार मिला जब प्रेमिका को पहली बार, एहसास से प्रेमिका को सुकून मिला, जो लगता था पहले गलत, अब वो सब सही लगा, किसी का प्यार जीवन बदल गया, उसके मिलन की आस एक नई चमक भर गया, प्यार के रंगों में रंग गया, इंतजार की बेला फिर खत्म हुई, दो प्यार करने वालो की भी, इक नई कहानी जब शुरू हुई, मांग सिंदूर चुड़ियों मंगलसूत्र पायल संग, वो अपने सज्जना के लिए सजी, दुल्हन बनी वो अपने दूल्हे की, शादी के पवित्र बंधन में वो बंध गई, प्यार को अपनी दुनिया बना कर, किसी के घर की वो रौनक बनी, पत्नी बनी वो बहूं बनी, खूबसूरत से फिर वो सजी धजी। Meenakshi Sharma ©Meenakshi Sharma

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#लव  एहसास 

प्यार तो हमको आता नहीं था,
एहसास तो तुमनें ही दिलाया था प्यार का,

वक्त के मंजर मैं खुद अकेले चली थी मैं,
तुमनें हाथ पकड़ा और साथ निभाया था,

रोई जब मैं उदास होकर तो,
 तुमने आकर गले लगाया था,

फिर भी एहसास से दूर थी मैं,
तुमने आकर दोस्ती का एक नाम दिलाया था,

दोस्ती में हम आगें बढ़ते गए,
परवाह तुम अब और ज्यादा करते गए,

तुम्हारी परवाह तुम्हें और पास ले आई,
और नाम मैं रिश्ते ने एक नई पहचान बनाई,

यह पहचान फिर हमसाया बनकर सामने आई,
तब दिल ने ही दिल को दिल की बात समझाई।

तुम्हारे प्यार की भी फिर प्रेम कहानी बन पाई,
और हमसफ़र के रुप में इस रिश्ते ने पहचान थी पाई।

©Meenakshi Sharma

एहसास प्यार तो हमको आता नहीं था, एहसास तो तुमनें ही दिलाया था प्यार का, वक्त के मंजर मैं खुद अकेले चली थी मैं, तुमनें हाथ पकड़ा और साथ निभाया था, रोई जब मैं उदास होकर तो, तुमने आकर गले लगाया था, फिर भी एहसास से दूर थी मैं, तुमने आकर दोस्ती का एक नाम दिलाया था, दोस्ती में हम आगें बढ़ते गए, परवाह तुम अब और ज्यादा करते गए, तुम्हारी परवाह तुम्हें और पास ले आई, और नाम मैं रिश्ते ने एक नई पहचान बनाई, यह पहचान फिर हमसाया बनकर सामने आई, तब दिल ने ही दिल को दिल की बात समझाई। तुम्हारे प्यार की भी फिर प्रेम कहानी बन पाई, और हमसफ़र के रुप में इस रिश्ते ने पहचान थी पाई। ©Meenakshi Sharma

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