किस नाम से पुकारूँ आपको
शिक्षक,गुरू,अध्यापक सभी तो हैं आप....
जीवन में जो न समझ पायी
उन कठिन सवालों के जवाब हैं आप....
कक्षा में सिखायी वो बातें,वो यादें,स्कूल मे बिताये वो दिन,
आपका वो सबको प्यार से पढाना,
गलतियों पर डाँटकर समझाना,
भविष्य में कुछ बनने का सपना दिखाना,
ऐसे हैं कुछ आप....
किताबों से प्यार करना सिखाया आपने
किताबों मे फैले उन शब्दों को,
एक पंक्ति में पिरोकर समझाना,
शब्दों के हर अर्थ को संक्षेप में बतलाना,
ऐसे हैं कुछ आप....
माता पिता के हर स्वरूप में हैं आप,
ऐसी छवि को नमन करती हूँ,
आपके ग्यान को समझकर
समझाने की कोशिश करती हूँ
मेरी जीवन की शिक्षा का आधार आपसे है,
मैं तो बस मिट्टी मात्र हूँ
आपके प्रोत्साहन,लगन से ही इस जीवन का संचालन करती हूँ
धन्यवाद,शुक्रीया या थैंक यू कहूँ आपको,सब कम है,
मेरे इस जीवन की कामयाबी के हर पल में,
भागीदार हैं आप
ऐसे हैं कुछ आप....
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here