मुसाफ़िर क़लम

मुसाफ़िर क़लम Lives in Delhi, Delhi, India

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कैसे बताऊं कि मेरा मसला तुम नहीं हो, मेरा मसला ये है कि, बस तुम नहीं हो! ©मुसाफ़िर क़लम

#शायरी #तुम #fog  कैसे बताऊं कि मेरा मसला तुम नहीं हो,
मेरा मसला ये है कि, बस तुम नहीं हो!

©मुसाफ़िर क़लम

तुम... #fog #तुम #Love #Life

10 Love

मेरे पास तुम्हें देने के लिए बसन्त है। तुम्हारे शहर की गलियां पर बेहद तंग हैं।। ©मुसाफ़िर क़लम

#कविता #flowers #poem  मेरे पास तुम्हें देने के लिए 
बसन्त है। 

तुम्हारे शहर की गलियां 
पर बेहद तंग हैं।।

©मुसाफ़िर क़लम

कश्मकश! #flowers #poem #Life

13 Love

इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी, हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं ©मुसाफ़िर क़लम

#शायरी  इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं

©मुसाफ़िर क़लम

ज़िंदगी..! #Life

16 Love

सुना है दिल्ली सात बार तबाह हुई और बसी। आठवीं बार जब तुम गए, और अभी तक शहर जहां हम रहे फिर बसा नहीं।। ©मुसाफ़िर क़लम

#शायरी #yaadein #WoSadak #wodaur  सुना है
दिल्ली
सात बार तबाह हुई और बसी।

आठवीं बार जब तुम गए,
और
अभी तक शहर जहां हम रहे
फिर बसा नहीं।।

©मुसाफ़िर क़लम

वो दौर..! #WoSadak #wodaur #yaadein

11 Love

मैं रहूँ या ना रहूँ तुम मुझमे कहीं बाकी रहना मुझे नींद आये जो आखिरी तुम ख्वाबो में आते रहना बस इतना हैं तुमसे कहना मैं रहूँ या ना रहूँ तुम मुझमे कहीं बाकी रहना किसी रोज़ बारिश जो आये समझ लेना बूंदों में मैं हूँ सुबह धुप तुमको सताए समझ लेना किरणों में मैं हूँ... ©मुसाफ़िर क़लम

#लव❤ #motivate #लव  मैं रहूँ या ना रहूँ
तुम मुझमे कहीं बाकी रहना
मुझे नींद आये जो आखिरी
तुम ख्वाबो में आते रहना
बस इतना हैं तुमसे कहना
मैं रहूँ या ना रहूँ
तुम मुझमे कहीं बाकी रहना

किसी रोज़ बारिश जो आये
समझ लेना बूंदों में मैं हूँ
सुबह धुप तुमको सताए
समझ लेना किरणों में मैं हूँ...

©मुसाफ़िर क़लम

तुम मुझमे हो बाकी... #motivate #लव❤

15 Love

पेड़ गाँव में ही रह जाता है फल शहर चला जाता है ©मुसाफ़िर क़लम

#कविता #generation #flowers #Family  पेड़ गाँव में ही रह जाता है
फल शहर चला जाता है

©मुसाफ़िर क़लम

पीढ़ियाँ! #flowers #generation #Family

15 Love

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