Rakesh Kumar Dogra

Rakesh Kumar Dogra Lives in New Delhi, Delhi, India

गालिब की तरह तो नहीं पर हां एक गुलाबी सी मुंह में जु़बाँ हम भी रखते हैं, कोई बतलाए़ या हम बतलाएं क्या। कल रात शोर बहुत था मुझे नींद नहीं आई, सिरहाना मीर का क्यों लिया मैंने कोई बतलाए या हम बतलाएं क्या।

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तुम मुझे कितनी ही अलग करने की कौशिश कर लो, लेकिन मैं तुमसे जुदा नहीं हो सकता। ©Rakesh Kumar Dogra

#विचार #Past  तुम मुझे कितनी ही अलग करने की कौशिश
कर लो,
लेकिन मैं तुमसे जुदा नहीं हो सकता।

©Rakesh Kumar Dogra

#Past

28 Love

भूचाल आया मैं दबकर मरा नहीं था क्योंकि घर पल इतना सामान नहीं था। ©Rakesh Kumar Dogra

#शायरी  भूचाल आया मैं दबकर मरा नहीं था
क्योंकि घर पल इतना सामान नहीं था।

©Rakesh Kumar Dogra

भूचाल आया मैं दबकर मरा नहीं था क्योंकि घर पल इतना सामान नहीं था। ©Rakesh Kumar Dogra

27 Love

ब्रह्म वाक्य क्या है? जिसमें लेश मात्र भी भ्रम नहीं है। मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की है, वो सर्वव्यापी है कहां नहीं है। ©Rakesh Kumar Dogra

#कविता #God  ब्रह्म वाक्य क्या है?
जिसमें लेश मात्र भी भ्रम नहीं है।
मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की है,
वो सर्वव्यापी है कहां नहीं है।

©Rakesh Kumar Dogra

#God

23 Love

हरेक का दुख अलग है, क्योंकि दुख की परिभाषा तुम्हारा सुख परिभाषित करता है। ©Rakesh Kumar Dogra

#विचार #City  हरेक का दुख अलग है,
क्योंकि दुख की परिभाषा तुम्हारा सुख परिभाषित करता है।

©Rakesh Kumar Dogra

#City

19 Love

कुछ समय धैर्य से इसके साथ गुजारो फिर समझ आने लगेगा कि ये सिर्फ एक कारण है लाखों कारणों की बीच जिनसे आदमी मरता है। जिनका हार्ट फेल होता है वो तो सोचने तक का मौका नहीं देता। दूसरा ये एक ऐसी बीमारी है जिसे आप शिगुफा* समझिए ऊपर वाले का जो आपको सब चिन्ताओं worries से आपको पहले ही मुक्त कर देता है। आप को ये ज्ञान दे देता है कि ये दुनिया आप के बिना भी चल सकती है। दूसरों पर अपनों पर अपने बच्चों पर भरोसा तो रखिए। बस। *विलक्षण बात ©Rakesh Kumar Dogra

#ज़िन्दगी  कुछ समय धैर्य से इसके साथ गुजारो फिर समझ आने लगेगा कि ये सिर्फ एक कारण है लाखों कारणों की बीच जिनसे आदमी मरता है। जिनका हार्ट फेल होता है वो तो सोचने तक का मौका नहीं देता।
दूसरा ये एक ऐसी बीमारी है जिसे आप शिगुफा* समझिए ऊपर वाले का जो आपको सब चिन्ताओं worries से आपको पहले ही मुक्त कर देता है। आप को ये ज्ञान दे देता है कि ये दुनिया आप के बिना भी चल सकती है। दूसरों पर अपनों पर अपने बच्चों पर भरोसा तो रखिए। बस।
*विलक्षण बात

©Rakesh Kumar Dogra

मैं भी एक कैंसर पेशेंट हूं।

18 Love

#शायरी

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