उजाड़ कर बसे तो क्या बसे गुमान तुम्हारे सारे रह जाएंगे धरे के धरे,
मार कर जिए तो क्या जिए रह जाओगे तुम खुद में मरे के मरे,
दुखा कर दिल इश्क किए तो क्या किए रह जाओगे तड़पते के तड़पते,
बिखेर के अगर समेटा तो क्या समेटा रह जाओगे तुम बिखरे के बिखरे,
उलझा के अगर सुलझे तो क्या सुलझे रह जाओगे उलझे के उलझे,
छोड़ कर किसी को सुकूं पाया तो क्या पाया रह जाओगे तुम छूटे के छूटे,
तोड़ कर अगर जोड़ा तो क्या जोड़ा तुमने रह जाओगे टूटे के टूटे,
रुला कर हंसे तो क्या हंसे रह जाओगे तुम रोते के रोते,
गिरा कर उठे किसी को तो क्या उठे तुम रह जाओगे गिरे के गिरे,
पाप करके गंग में धुले तो क्या धुले तुम रह जाओगे तुम धोते के धोते।।
©Alfaaz dil se
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