Neelam Sharma

Neelam Sharma Lives in Nullarbor, South Australia, Australia

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#GaneshChaturthi #कविता  हे जगजीवन,हे जगनायक,
प्रथम पूज्य गणपति विनायक।
भक्तजन आस पुगाते सदा तुम,
दीनन के तुम सदा सहायक।
परम पिता तुम हे परमेश्वर
भाग्य विधाता हे जगदीश्वर।
शिव गौरी सुत दया निधाना,
रिद्धि-सिद्धि के तुम हो दायक।
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
रूप तुम्हारा अति मन भावना।
स्वर्ण मुकुट शोभे सिर माथे,
सब देवन में तुम नायक।
दूब घास गणपति मन भावत,
लाल गुड़हल जब सुमन चढावत।
होत प्रसन्न मन अति लंबोदर,
करते सब शुभ तुम शुभदायक।
नीलम शर्मा, ✍️

©Neelam Sharma

हे जगजीवन,हे जगनायक, प्रथम पूज्य गणपति विनायक। भक्तजन आस पुगाते सदा तुम, दीनन के तुम सदा सहायक। परम पिता तुम हे परमेश्वर भाग्य विधाता हे जगदीश्वर। शिव गौरी सुत दया निधाना, रिद्धि-सिद्धि के तुम हो दायक। वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना, रूप तुम्हारा अति मन भावना। स्वर्ण मुकुट शोभे सिर माथे, सब देवन में तुम नायक। दूब घास गणपति मन भावत, लाल गुड़हल जब सुमन चढावत। होत प्रसन्न मन अति लंबोदर, करते सब शुभ तुम शुभदायक। नीलम शर्मा ✍️ ©Neelam Sharma

#GaneshChaturthi #कविता  हे जगजीवन,हे जगनायक,
प्रथम पूज्य गणपति विनायक।
भक्तजन आस पुगाते सदा तुम,
दीनन के तुम सदा सहायक।
परम पिता तुम हे परमेश्वर
भाग्य विधाता हे जगदीश्वर।
शिव गौरी सुत दया निधाना,
रिद्धि-सिद्धि के तुम हो दायक।
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
रूप तुम्हारा अति मन भावना।
स्वर्ण मुकुट शोभे सिर माथे,
सब देवन में तुम नायक।
दूब घास गणपति मन भावत,
लाल गुड़हल जब सुमन चढावत।
होत प्रसन्न मन अति लंबोदर,
करते सब शुभ तुम शुभदायक।
नीलम शर्मा ✍️

©Neelam Sharma
#कविता #janmashtami  हे !आत्म रस के बोध ।
हे ! प्रेम रस के मोद ।।
हे! योग -योगी शोध!
बसते हृदय अबोध।।
नीलम शर्मा ✍️

©Neelam Sharma

#janmashtami

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#कविता #Butterfly  ३२ वर्ण १६-१६ पर यति अनिवार्य ८-८-८-८ पर यति 
घनाक्षरी 
लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
ग्वाल- बाल लेके संग, करो हुड़दंग जी।।
श्याम रंग मन मोहे,माथे पे मुकुट सोहे।
और क्या बताऊँ तोहे,साँवरा सु-अंग जी।।
नयन विशाल कारे,वैजयंती माल धारे ।
सरयु किनारे श्याम,बैठे राधा संग जी।।
रास रंग में विभोर,उठती हिया हिलोर।
नाच रहा मन मोर,मन में उमंग जी।।
मोहन मुरारी मन मोहत मुरलिया रे!
कामिनी कुमारी लली,देखे होके दंग जी।।
धा-धा-धिन!तीन ताल!यशोदा का नंदलाल।
राग छेड़ता धमाल, बाजे ढोल चंग जी।।
नीलम शर्मा ✍️

©Neelam Sharma

#Butterfly kanha

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#विचार #rakshabandhan  थाल सजाकर दीप जलाकर रोली तिलक करूँ अभिनंदन ‌।

युग-युग जीना भाई मेरे, रक्षासूत्र अटूट है बंधन।।

भाई -बहन का सुंदर यह नाता ,कर्तव्यों की याद दिलाता,

देख खुशी बहना के मुख पर,उल्लासित भाई का तन - मन ।।

नीलम शर्मा ✍️

©Neelam Sharma

#rakshabandhan #

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जन गण मन अधिनायक जय हे ! भारत भाग्य विधाता। भारत के जन- गण का देखो, उठा शान से माथा। रची तारीख तेईस अगस्त ,दो हजार सन तेईस। चंद्रयान त्रय शुभ संचालन, भारत गौरव गाथा।। विकसित विकासशील भारत, चकित सब संगी साथा। विश्व गुरु की दिव्य विजय पर मले विरोधी हाथा।। नीलम शर्मा ✍️ ©Neelam Sharma

#चंद्रयान_3 #प्रेरक  जन गण मन अधिनायक जय हे ! भारत भाग्य विधाता।
भारत के जन- गण का देखो, उठा शान से माथा।
रची तारीख तेईस अगस्त ,दो हजार सन तेईस।
चंद्रयान त्रय शुभ संचालन, भारत गौरव गाथा।।
विकसित विकासशील भारत, चकित सब संगी साथा।
विश्व गुरु की दिव्य विजय पर मले विरोधी हाथा।।
नीलम शर्मा ✍️

©Neelam Sharma
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