जननी इस मुस्कुराते चेहरे का दर्द कोई नही समझता मां ।
मेरे तकलीफों को तेरे अलावा कोई नहीं समझता मां ।
याद तेरी हर पल सताती है , फिर याद करके तुझे ये मुस्कुराती है ।
कमी बहुत खलती है मां , बस इस ख्याल में रहता हुं तू कब आए और मुझे गले लगाए मां ।
तुम साथ थी तो कोई तकलीफ नहीं था मां ,
अब तू जो नही सब कुछ सुना लगता है मां।
सब कुछ सुना लगता है मां , सब कुछ सुना लगता है मां ।
©Saurav Kumar
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