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Wildlife Photographer,Poet
White मैं गर याद बन जाऊं तो फिर कहानी में मिलूंगा सर्द हवाओं में मिलूंगा बारिशों के पानी में मिलूंगा अब तो कश्मकश ऐ जिंदगी में यूं शाम हो जाती हैं ढूढोंगे मुझे अब फिर कहां किसी नादानी में मिलूंगा तुम्हारी बस्ती में ठहरना अब मुनासिब नहीं रहा मैं जब भी मिलूंगा अब सफ़र ऐ रवानी में मिलूंगा हमारे जाने के बाद भी आबाद रहेगी ये दुनिया अब मैं तुम्हें कहां किसी निशानी में मिलूंगा ©ML Suryavanshi
ML Suryavanshi
11 Love
White मैं मां के लिए क्या लिखूं मां ने ही सबकुछ लिखा हैं ©ML Suryavanshi
White ज़िंदगी के रास्ते भी बड़े अजीब होते हैं समझ में तब आते हैं जब लौटने का वक्त हो जाता हैं... ©ML Suryavanshi
12 Love
White क्या जमाना था वो मई जून की गर्मी खाली पड़े खेत खलिहान पहाड़ों से गुजरती गर्म हवाएं वो भरी दोपहरी में भी खेलना घूमना और भटकना और वो मम्मी पापा की डांट अब भी लगभग सब कुछ वैसा ही हैं। बस वो लोग कहीं खो गए जिनके साथ हम वक्त बिताया करते हैं। Missing You Forever 2000 - 2014..❤️🚶 ©ML Suryavanshi
17 Love
तुमने इन पतिंगो का जलना नहीं देखा मेरा लड़खड़ाना मेरा संभलना नहीं देखा कहीं ठहर जाऊं ये अपनी फितरत में कहां तुमने मेरा उम्र भर का चलना नहीं देखा बागबा ने फूलों का खिलना नहीं देखा किसानों ने शाम का ढलना नहीं देखा मंज़िल को छोड़ों तुम बस सफर में रहो यूं रेत की घड़ी का फिसलना नहीं देखा ©ML Suryavanshi
14 Love
Village Life तुमने इन पतिंगो का जलना नहीं देखा मेरा लड़खड़ाना मेरा संभालना नहीं देखा कहीं ठहर जाऊं ये अपनी फितरत में कहां तुमने मेरा उम्र भर का चलना नहीं देखा बागबा ने फूलों का खिलना नहीं देखा किसानों ने शाम का ढलना नहीं देखा मंज़िल को छोड़ों तुम बस सफर में रहो यूं रेत की घड़ी का फिसलना नहीं देखा ©ML Suryavanshi
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