Arvind Rana Official

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A Modern Day Shyar

https://youtu.be/6tTKPNXO3Zw

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आज का फिर वादा था, उससे, जग कर इस रात की सुबह न कर देने का, इस रात से वैर मैं कुछ वादे उसके पुरे नहीं हुए, कुछ चाहते मेरी अधूरी रही।। ©Arvind Rana

 आज का फिर वादा था, उससे,
जग कर इस रात की सुबह न कर देने का,

इस रात से वैर मैं
कुछ वादे उसके पुरे नहीं हुए,
कुछ चाहते मेरी अधूरी रही।।
©Arvind Rana

आज का फिर वादा था, उससे, जग कर इस रात की सुबह न कर देने का, इस रात से वैर मैं कुछ वादे उसके पुरे नहीं हुए, कुछ चाहते मेरी अधूरी रही।। ©Arvind Rana

10 Love

वो बेहद नज़ाकत से रंग देती है, कोरे कागजों को अपनी मासुमियत के रंग में, और शायर को अपने इश्क़ के रंग में।।

#विचार  वो बेहद नज़ाकत से रंग देती है,
कोरे कागजों को अपनी मासुमियत के रंग में,
और शायर को अपने इश्क़ के रंग में।।

वो बेहद नज़ाकत से रंग देती है, कोरे कागजों को अपनी मासुमियत के रंग में, और शायर को अपने इश्क़ के रंग में।।

7 Love

एक अरसे से तन्हाई में फ़िराक़ लिख रहा हूँ, जो इश्क़ में इश्क़ लिखना सीखा सको, तो चले आना। वक़्त-वे-वक़्त की दिल्लगियों पर वक़्त जाया किया है बहुत, ग़र उम्र भर का साथ निभा सको, तो चले आना। दिल का घाव आज भी हरा इतना है, ग़र कोई प्यार से भी छू ले तो सिहर जाता हूँ, जो वफ़ा का मरहम लगा सको, तो चले आना।। एक अरसे से मेरी मासुमियत मिली नहीं मुझसे, जो बच्चपन लौटा सको , तो चले आना। जो अँधेरा होते ही साथ छोड़ दे, भरोसा उस परछाई पर भी नही , इसलिए मेरे पीछे नहीं ,मेरे साथ चल सको, तो चले आना। ज़िन्दगी की कश्मकश में मुखोटों ने भटकाया है बहुत, जो रूह का आईना हो सको तो चले आना, तलब,तडफ़,जानुनियत अक्सर बेइन्तहा रहती है, ग़र शायर के, दिल की,रूह की,अल्फाज़ो की ,इश्क़ की, गहराई समझ सको। तो चले आना। ©ARVIND RANA

#कविता #shyari #Hindi  एक अरसे से तन्हाई में फ़िराक़ लिख रहा हूँ,
जो इश्क़ में इश्क़ लिखना सीखा सको,
तो चले आना।
वक़्त-वे-वक़्त की दिल्लगियों पर वक़्त जाया किया है बहुत,
ग़र उम्र भर का साथ निभा सको,
तो चले आना।
दिल का घाव आज भी हरा इतना है,
ग़र कोई प्यार से भी छू ले तो सिहर जाता हूँ,
जो वफ़ा का मरहम लगा सको,
तो चले आना।।
एक अरसे से मेरी मासुमियत मिली नहीं मुझसे,
जो बच्चपन लौटा सको ,
तो चले आना।
जो अँधेरा होते ही साथ छोड़ दे,
भरोसा उस परछाई पर भी नही ,
इसलिए मेरे पीछे नहीं ,मेरे साथ चल सको,
तो चले आना।
ज़िन्दगी की कश्मकश में मुखोटों ने भटकाया है बहुत,
जो रूह का आईना हो सको 
तो चले आना,
तलब,तडफ़,जानुनियत अक्सर बेइन्तहा रहती है,
ग़र शायर के, दिल की,रूह की,अल्फाज़ो की ,इश्क़ की, गहराई समझ सको।
तो चले आना।
©ARVIND RANA

अर्ज किया है...... की ये जो ख़ौफ़ है, ये आईना है हमारा ही पर अब क्या है, की वो आईने में दिखने वाली तस्वीर रास नहीं आ रही | मलबफरोश होकर दोस्ती को, इश्क़ को , भरोसे को बेच दिया सरे बाज़ार, वो तो बात अब अपने गिरवां पर आई, तो अब तुम्हे मौत आ रही।। ©ARVIND RANA

#kavita #shyari #bewfa #ishq #urdu  अर्ज किया है...... की ये जो ख़ौफ़ है,
 ये आईना है हमारा ही
पर अब क्या है, की वो आईने में दिखने वाली तस्वीर रास नहीं आ रही |

मलबफरोश होकर दोस्ती को, इश्क़ को ,
भरोसे को बेच दिया सरे बाज़ार,
वो तो बात अब अपने गिरवां पर आई,
तो अब तुम्हे मौत आ रही।।

©ARVIND RANA
#कविता

A Tribute...to all the females...who are hustling out there

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#कविता #lost

#lost

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