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Dips Kumar
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तुम गलती करती रही में माफ़ करता गया की तुम गलती करती रही में माफ करता गया तुम रुलाती रही में हस्ता राहा की तुम रुलाती रही में हस्ता राहा एक दीन ऐसा आया तुम बुलाती रही और में चुप चाप सुनता राहा ©Dips Kumar
1 Love
पता नहीं क्यू जिंदगी मुझे इतना सता रही है जब भी थोड़ा सा खुश होता हूं तब रूला रही हैं कभी अपनो से तो कभी अपने सपनो से टूट टूट कर चले जा रहे है । ना मंजिल का पता है ना सही रास्तों का बस हम चले जा रहे है ©Dips Kumar
8 Love
रिस्तो में कुछ इस तरह से बदलाव आ रहे है जिसे अपना समझा वो भी दूर जा रहे है पता नहीं जिंदगी क्या से क्या सीखा रही है बस जीते जी रूलाई जा रही है। ©Dips Kumar
9 Love
सबक वफा का सिखाया भी जा नहीं सकता अगर सिख लो तो भुलाया भी जा नहीं सकता ये हसी दर्द दिल में छुपाया भी जा नहीं सकता अगर कोई पूछ ले तो बताया भी जा नहीं सकता ©Dips Kumar
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