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उनकी गली में मिला था उनसे, वो कभी मेरे घर नहीं आया, जो बिछड़े फिर वो मोड़ से, मैं, कभी भूल नहीं पाया, बरसते थे जो बादल उनके कहकशा पर, उसके बाद फिर कभी वो बरस नही पाया।। ©Rohan Jha
रोहन 'हिमान्शु' झा
15 Love
बस यही गिला रहा जिंदगी से, वो मिला था, बस! मिल नही पाया।। ©Rohan Jha
16 Love
मैं अक्सर एक गीत गुनगुनाया करता था, तुम्हें देखते उसे भूल जाया करता था, हरे समन्दर के खारे लहरों जैसे उसके बोल थे, हमारे दरमियाँ हमेशा मीठा अहसास रहे इसीलिए अक्सर मैं उसे पी जाया करता था।। ©Rohan Jha
10 Love
मैं, खुद को पाना चाहता हूँ, लेकिन! पता तो चले कि मैंने खोया क्या है? ©Rohan Jha
13 Love
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प्रकृति में हरे रंग का इश्क़ जब पकता है तो पीला हो जाता है, ये कहते हुए उसने मुझे पीली पश्मीना शॉल दी। मैंने वो पीली पश्मीना शॉल औढ़ ली और फिर उसके इश्क़ की हरी घास में कहीं खो गया। ©Rohan Jha
14 Love
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