रोहन 'हिमान्शु' झा

रोहन 'हिमान्शु' झा

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उनकी गली में मिला था उनसे, वो कभी मेरे घर नहीं आया, जो बिछड़े फिर वो मोड़ से, मैं, कभी भूल नहीं पाया, बरसते थे जो बादल उनके कहकशा पर, उसके बाद फिर कभी वो बरस नही पाया।। ©Rohan Jha

#DearCousins  उनकी गली में मिला था उनसे,
वो कभी मेरे घर नहीं आया,
जो बिछड़े फिर वो मोड़ से,
मैं, कभी भूल नहीं पाया,
बरसते थे जो बादल उनके कहकशा पर,
उसके बाद फिर कभी वो बरस नही पाया।।

©Rohan Jha

#DearCousins

15 Love

बस यही गिला रहा जिंदगी से, वो मिला था, बस! मिल नही पाया।। ©Rohan Jha

#Hug  बस यही गिला रहा जिंदगी से,
वो मिला था, बस! मिल नही पाया।।

©Rohan Jha

#Hug

16 Love

मैं अक्सर एक गीत गुनगुनाया करता था, तुम्हें देखते उसे भूल जाया करता था, हरे समन्दर के खारे लहरों जैसे उसके बोल थे, हमारे दरमियाँ हमेशा मीठा अहसास रहे इसीलिए अक्सर मैं उसे पी जाया करता था।। ©Rohan Jha

#Flower  मैं अक्सर एक गीत गुनगुनाया करता था,
तुम्हें देखते उसे भूल जाया करता था,
हरे समन्दर के खारे लहरों जैसे उसके बोल थे,
हमारे दरमियाँ हमेशा मीठा अहसास रहे
 इसीलिए अक्सर मैं उसे पी जाया करता था।।

©Rohan Jha

#Flower

10 Love

मैं, खुद को पाना चाहता हूँ, लेकिन! पता तो चले कि मैंने खोया क्या है? ©Rohan Jha

#boatclub  मैं, खुद को पाना चाहता हूँ,
लेकिन! पता तो चले कि मैंने खोया क्या है?

©Rohan Jha

#boatclub

13 Love

#Hum  प्रकृति में हरे रंग का इश्क़ जब पकता है तो पीला हो जाता है, ये कहते हुए उसने मुझे पीली पश्मीना शॉल दी।
मैंने वो पीली पश्मीना शॉल औढ़ ली और फिर उसके इश्क़ की हरी घास में कहीं खो गया।

#Hum

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प्रकृति में हरे रंग का इश्क़ जब पकता है तो पीला हो जाता है, ये कहते हुए उसने मुझे पीली पश्मीना शॉल दी। मैंने वो पीली पश्मीना शॉल औढ़ ली और फिर उसके इश्क़ की हरी घास में कहीं खो गया। ©Rohan Jha

#Hum  प्रकृति में हरे रंग का इश्क़ जब पकता है तो पीला हो जाता है, ये कहते हुए उसने मुझे पीली पश्मीना शॉल दी।
मैंने वो पीली पश्मीना शॉल औढ़ ली और फिर उसके इश्क़ की हरी घास में कहीं खो गया।

©Rohan Jha

#Hum

14 Love

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