क्या लिखूं दोस्तों के नाम ,
लफ्ज़ कम पङ
जाऐंगे ।
अगर लिख दूँ तारिफ में उनके पूरी किताब ,तब भी कम रह जाऐंगे ।
ऐसे तो मुँह पे गालियाँ देते हैं हजार,
पर दिल में उनके होता है हमारे लिए सिर्फ़ प्यार।
हँसाने से ज्यादा वो रूलाना पसंद करते हैं ,
पर जब भी आएं हमारे पलकों पे आंसू
हाथों में लिए रूमाल सबसे पहले वही आते हैं।
-अमन मिश्रा
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here