Byas Mishra

Byas Mishra Lives in Rewa, Madhya Pradesh, India

अल्हड़|देशी गवांर| कवि|शायर|शिक्षार्थी स्नातक/इलाहबाद विश्वविद्यालय परास्नातक/काशी हिन्दू विश्वविद्यालय लेखनी ✍️|सौम्य 🍁 न था कुछ तो ख़ुदा था,कुछ न होता तो ख़ुदा होता, डुबोया मुझको होने ने,न मैं होता तो क्या होता ! © गालिब साब

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#अल्फ़ाज़_ए_सौम्य #Disappointments #love_cheat #love❤

ख़ुद से ख़ुद को मिलाना चाहता हूं सिर्फ तुमसे ही दिल लगाना चाहता हूं बड़ी मशक्कत से छिपा रक्खा था जो राज़ आओ कभी वक्त लेकर तुम्हें बताना चाहता हूं जियादा चाहतें नहीं हैं मेरी ऐ सनम बस तेरे संग बैठना मुस्कुराना चाहता हूं सफ़र में चलते - चलते बहुत थक गया हूं अब मै दो पल सुकुं के बिताना चाहता हूं मंज़ूर नहीं यूं ही दरबदर भटकना हमें अब तुम में ही आशियाना चाहता हूं सौंप कर जिम्मेदारियां ख़ुद की सारी नींद गहरी मै अब सो जाना चाहता हूं बसकर तुम्हारे कल्ब में ऐ सनम बुनियाद ख़ुद की मिटाना चाहता हूं ©Byas Mishra

#अल्फ़ाज़_ए_सौम्य #_writter_सौम्य🍁 #wetogether  ख़ुद     से   ख़ुद   को   मिलाना   चाहता   हूं
सिर्फ  तुमसे   ही  दिल   लगाना   चाहता   हूं 

बड़ी मशक्कत से छिपा  रक्खा  था  जो  राज़ 
आओ कभी वक्त लेकर तुम्हें बताना चाहता हूं

जियादा   चाहतें   नहीं   हैं   मेरी    ऐ   सनम 
बस   तेरे  संग  बैठना  मुस्कुराना  चाहता   हूं

सफ़र  में  चलते - चलते  बहुत  थक  गया  हूं 
अब  मै  दो  पल  सुकुं  के  बिताना चाहता हूं

मंज़ूर   नहीं  यूं   ही   दरबदर  भटकना   हमें
अब   तुम   में   ही   आशियाना   चाहता   हूं

सौंप    कर    जिम्मेदारियां   ख़ुद   की  सारी
 नींद  गहरी   मै  अब   सो  जाना  चाहता  हूं

बसकर    तुम्हारे     कल्ब     में     ऐ   सनम
बुनियाद   ख़ुद    की    मिटाना   चाहता    हूं

©Byas Mishra

#अल्फ़ाज़_ए_सौम्य #_writter_सौम्य🍁 _______________ ***†*** ख़ुद से ख़ुद को मिलाना चाहता हूं सिर्फ तुमसे ही दिल लगाना चाहता हूं बड़ी मशक्कत से छिपा रक्खा था जो राज़

25 Love

प्रेम हो जाने पर उसकी धारा में बहना ही प्रेम है उसमें समझदार बनना उसका खण्डन करना है ©Byas Mishra

#अल्फ़ाज़_ए_सौम्य  प्रेम हो जाने पर उसकी धारा में बहना ही प्रेम है
उसमें समझदार बनना उसका खण्डन करना है

©Byas Mishra

सपने वह सुबहो शाम पिरोता उठते ही मेहनत रूपी बीज बोता है समाज से यह प्रश्न आनोखा फिर क्यूं नहीं वह सफल होता बदलती घड़ी बदल जाती महत्ता बदलती सत्ता बदल जाती भत्ता इक न बदलती जो वह है ! लाचार किसान की अवस्था ©Byas Mishra

#krishi_pradhan_Bharat #kishanandolan #Indian_kavi #indiantimes #BBCnews  सपने वह सुबहो शाम पिरोता 
उठते ही मेहनत रूपी बीज बोता 
है समाज से यह प्रश्न आनोखा
फिर क्यूं नहीं वह सफल होता 

बदलती घड़ी बदल जाती महत्ता
बदलती सत्ता बदल जाती भत्ता
इक  न  बदलती  जो  वह  है !
लाचार  किसान  की   अवस्था

©Byas Mishra
#अल्फ़ाज़_ए_सौम्य #Strings

जब तुमसे मुलाकात हो!! घनी अंधेरी रात हो इक निशाकर साथ हो बेवज़ह बेतुकी, बेह़या सी बात हो जब तुमसे मुल़ाकात हो

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#अनुभव #गावं #SpanishLove
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