White उनसे हुई मुलाकत कब दिनो से महीनो में,
महीनो से सालो में, कब दब्दील हो जाती है,
ये तो....., मैं जानता हूं, या खुदा जानता है....//
रखे हैं उसके कुछ तोफे मैने अभी तक,
और महफूज है ऐसे, जैसे पानी में मछली,
और कब्र में मुर्दा जानता है....//
उनसे मुलाकात सालो में कब तब्दील हो जाती है,
ये तो....., अनमोल जानता है, या खुदा जानता है....//
©Molu Writer
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