pawan kumar suman

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हमें हार भी मनुहार लागे हैं।

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#विचार #Sad_Status  White अंधेरों से नहीं 
अंधेरे में रखने वालों से 
बहुत डर लगता है।

©pawan kumar suman

#Sad_Status

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#शायरी #SAD  White तेरी संवेदना 
इतनी संकुचित हो जाएगी 
मैंने सोचा भी न था।
तू बदल जाएगी इस क़दर 
मुझे मालूम न था।

©pawan kumar suman

#SAD वेवफ़ा

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#शायरी  सुख-दुःख आते-जाते रहते हैं,
हम व्यर्थ ढकोशला क्यों करते हैं।
हैं नियत-नियति का प्रतिफल ये-
न जाने जमाना ढोंग क्यों रचती है।

©pawan kumar suman

# सुख -दुःख

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Nature Quotes फुर्सत में दिलो जां लुटाती है, क़समें-वादे बखूबी निभाती है। होते ही नजरों से ओझल - क्या वो मुझे भूल जाती है? क्या मेरे तरह मिलन का इंतजार करती होगी? क्या मेरे तड़प को वो महसूस करती होगी? हरपल खोया रहता जिसके ख्यालों में- क्या एक पल ही सही मुझे याद करती होगी? बेपनाह मोहब्बत है उससे यादें-बीते लम्हों के किस्से। व्यथित मन हरपल ढूंढे - गुम हुए उन ख़ुशी के हिस्से। ©pawan kumar suman

#प्यार #कविता #NatureQuotes  Nature Quotes फुर्सत में दिलो जां लुटाती है,
क़समें-वादे बखूबी निभाती है।
होते ही नजरों से ओझल -
क्या वो मुझे भूल जाती है?

क्या मेरे तरह  मिलन का 
इंतजार करती होगी?
क्या मेरे तड़प को वो महसूस
 करती होगी?
हरपल खोया रहता जिसके
ख्यालों में-
क्या एक पल ही सही मुझे याद
करती होगी?

बेपनाह मोहब्बत है उससे
यादें-बीते लम्हों के किस्से।
व्यथित मन हरपल ढूंढे -
गुम हुए उन ख़ुशी के हिस्से।

©pawan kumar suman

#NatureQuotes #प्यार के किस्से

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अब हो गया पूर्ण विश्वास, यहाँ ना कोई अपना खास। स्वार्थी-ढोंगी यहाँ हजार, सबका है अपना प्रयास। कथनी-करनी में फर्क बहुत है, चाहे कितने हों दिल के पास। धड़कते दिल में रहता, हरदम हैवानियत का वास। 'सुमन' चिंता मत कर तू , ये दुनियां है बकवास। ©pawan kumar suman

#कविता #PhisaltaSamay  अब हो गया पूर्ण विश्वास,
यहाँ ना कोई अपना खास।

स्वार्थी-ढोंगी यहाँ हजार,
 सबका है अपना प्रयास।

कथनी-करनी में फर्क बहुत है,
चाहे कितने हों दिल के पास।

  धड़कते दिल में रहता,
हरदम हैवानियत का वास।

'सुमन' चिंता मत कर तू ,
ये दुनियां है बकवास।

©pawan kumar suman

#PhisaltaSamay ढहते विश्वास

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समय का पहिया घूमता जाए मन के घोड़े का क्या कहना। पल में प्रलय पल में खुशियाँ देखे सपनों का क्या कहना। आशाएं ले रंगमंच पर उतरे उन किरदारों का क्या कहना। छा जाते आवाम में कुछ गुमनाम किरदारों का क्या कहना। संतोष नहीं सोहरत पाकर भी उन धनलोलुप का क्या कहना। मुक़र जाते जो अपने वादे से उन सफ़ेदपोश का क्या कहना। मन मैला,संकुचित विचार उन मक्कारों का क्या कहना। दर्पण को भी झुठलाने वाले दागी दानव का क्या कहना। समय के चक्र से कौन बचा भगवान के दंड का क्या कहना। आशा ही नहीं विश्वास भी है इन्हीं किरदारों से आश भी है फूल के संग काँटों के सामंजस्य का क्या कहना। ©pawan kumar suman

#कविता #BadhtiZindagi  समय का पहिया घूमता जाए
मन के घोड़े का क्या कहना।
पल में प्रलय पल में खुशियाँ 
देखे सपनों का क्या कहना।

आशाएं ले रंगमंच पर उतरे 
उन किरदारों का क्या कहना।
छा जाते आवाम में कुछ
गुमनाम किरदारों का क्या कहना।

संतोष नहीं सोहरत पाकर भी
उन धनलोलुप का क्या कहना।
मुक़र जाते जो अपने वादे से
उन सफ़ेदपोश का क्या कहना।

मन मैला,संकुचित विचार
उन मक्कारों का क्या कहना।
दर्पण को भी झुठलाने वाले
दागी दानव का क्या कहना।

समय के चक्र से कौन बचा
भगवान के दंड का क्या कहना।
आशा ही नहीं विश्वास भी है
इन्हीं किरदारों से आश भी है
फूल के संग काँटों के 
सामंजस्य का क्या कहना।

©pawan kumar suman

#BadhtiZindagi गुमनाम किरदारों का क्या कहना

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