Ashutosh jain

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अब रातें वीरान लगती हैं!  जिंदगी में एक पड़ाव आता है जब हम दिन भर रात का इंतजार करते हैं कब रात आयेगी और कब हम चुपके चुपके अपनी मोहब्बत से ढ़ेर सारी बातें करेंगे! अब दिन कब गुजर जाता है पता ही नही चलता  और कमबख्त रात भी बहुत जल्दी आ जाती है ! लेकिन एक खालीपन अपने साथ ले आती है ! अब उन रातों में मुझे तुम्हारी आवाज सुनाई नही देती ....सुनाई देता है केवल सन्नाटा जो हमें अलग कर के चिढ़ा रहा है ! ©Ashutosh jain

#विचार  अब रातें वीरान लगती हैं! 

जिंदगी में एक पड़ाव आता है जब हम दिन भर रात का इंतजार करते हैं कब रात आयेगी और कब हम चुपके चुपके अपनी मोहब्बत से ढ़ेर सारी बातें करेंगे! अब दिन कब गुजर जाता है पता ही नही चलता  और कमबख्त रात भी बहुत जल्दी आ जाती है ! लेकिन एक खालीपन अपने साथ ले आती है ! अब उन रातों में मुझे तुम्हारी आवाज सुनाई नही देती ....सुनाई देता है केवल सन्नाटा जो हमें अलग कर के चिढ़ा रहा है !

©Ashutosh jain

अब रातें वीरान लगती हैं!  जिंदगी में एक पड़ाव आता है जब हम दिन भर रात का इंतजार करते हैं कब रात आयेगी और कब हम चुपके चुपके अपनी मोहब्बत से ढ़ेर सारी बातें करेंगे! अब दिन कब गुजर जाता है पता ही नही चलता  और कमबख्त रात भी बहुत जल्दी आ जाती है ! लेकिन एक खालीपन अपने साथ ले आती है ! अब उन रातों में मुझे तुम्हारी आवाज सुनाई नही देती ....सुनाई देता है केवल सन्नाटा जो हमें अलग कर के चिढ़ा रहा है ! 

9 Love

हम आज क्या हैं और कल हो जायेंगे कुछ भरोसा नहीं ! अब तस्वीर में बैठे सज्जन की बात कर लेते है। एक समय पर महेश्वर के सेठ कहे जाने आज किस हाल में हैं यह हम तस्वीर से समझ सकते हैं! ना जाने कितने समय से इनका यह हाल है ! मुझे बहुत दुख होता है मनुष्य को जब ऐसी हालत में देखता हूं। हमारे आस पास ऐसे कई लोग मौजूद होते हैं जिनके ऊपर शायद हमारा ध्यान नहीं जाता ! लेकिन हमें यह समझना होगा की ऐसे व्यक्ति भी। हमारे समाज का हिस्सा हैं ! हमारी क्षमता अनुसार जो भी हमारे बस में हो हमें इनके लिए करना चाइए ! ज्यादा कुछ नही तो कुछ समय के अंतराल में इनके घर की साफ सफाई करवा दी जाए ! क्रम से कम साफ सुथरी जगह में तो रह सकेंगे ! ©Ashutosh jain

#विचार  हम आज क्या हैं और कल हो जायेंगे कुछ भरोसा नहीं ! अब तस्वीर में बैठे सज्जन की बात कर लेते है। एक समय पर महेश्वर के सेठ कहे जाने आज किस हाल में हैं यह हम तस्वीर से समझ सकते हैं! ना जाने कितने समय से इनका यह हाल है ! मुझे बहुत दुख होता है मनुष्य को जब ऐसी हालत में देखता हूं। हमारे आस पास ऐसे कई लोग मौजूद होते हैं जिनके ऊपर शायद हमारा ध्यान नहीं जाता ! लेकिन हमें यह समझना होगा की ऐसे व्यक्ति भी। हमारे समाज का हिस्सा हैं ! हमारी क्षमता अनुसार जो भी हमारे बस में हो हमें इनके लिए करना चाइए ! ज्यादा कुछ नही तो कुछ समय के अंतराल में इनके घर की साफ सफाई करवा दी जाए ! क्रम से कम साफ सुथरी जगह में तो रह सकेंगे !

©Ashutosh jain

हम आज क्या हैं और कल हो जायेंगे कुछ भरोसा नहीं ! अब तस्वीर में बैठे सज्जन की बात कर लेते है। एक समय पर महेश्वर के सेठ कहे जाने आज किस हाल में हैं यह हम तस्वीर से समझ सकते हैं! ना जाने कितने समय से इनका यह हाल है ! मुझे बहुत दुख होता है मनुष्य को जब ऐसी हालत में देखता हूं। हमारे आस पास ऐसे कई लोग मौजूद होते हैं जिनके ऊपर शायद हमारा ध्यान नहीं जाता ! लेकिन हमें यह समझना होगा की ऐसे व्यक्ति भी। हमारे समाज का हिस्सा हैं ! हमारी क्षमता अनुसार जो भी हमारे बस में हो हमें इनके लिए करना चाइए ! ज्यादा कुछ

13 Love

सितारा दस रुपए वाला ©Ashutosh jain

#विचार  सितारा दस रुपए वाला

©Ashutosh jain

आज मेरी एक सितारे से मुलाकात हुई! उस सितारे के हाथों में किताबों की जगह पॉलिश की डब्बी थमा दी गई थी ताकि वह अपने नन्हें से हाथों से हमारी चमचमाती गाड़ियों पर पॉलिश कर सके ! जैसे ही कोई ग्राहक आता वो सबसे पहले वह लपक के उसके पास पहुंच जाता और अपनी निश्चल मुस्कुराहट के साथ आंखों में चमक लिए बेझिझक कह देता कि " भैया पॉलिश करवा लो गाड़ी पर एक दम चमक जाएगी बस 10rs लगेंगे " ! मुझे कहना था कि सितारे सुनो तुम्हारे हाथों में वो ताकत है कि तुम अपना एक खूबसूरत संसार रच सकते हो ! तुम्हारी आंखों में जो चम

8 Love

मुझे घरों में सबसे आकर्षित अगर कोई बात लगती है तो वो है दरवाजे और खिड़कियां ! अंजान घरों दरवाजों के पीछे रहने वाले कई किरदार अकसर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हो जाते हैं ! शायद हमें पता ही नही चलता ! कभी कभी एक छोटी सी मुलाकात भी जिंदगी भर के रिश्ते बना जाती है ! जरूरत होती इन रिश्तों को संभाल कर रखने की ! रिश्तों को संभालने के लिए हमें अपने मन की खिड़की को खोलने की। जरूरत है ... मन की खिड़की से देखो आपके आस पास ऐसे कई लोग हैं जो आपको पसंद करते हैं आपसे प्यार करते हैं ! आपका दायित्व बनता है कि आप उनका ख्याल रखें ! ©Ashutosh jain

#विचार  मुझे घरों में सबसे आकर्षित अगर कोई बात लगती है तो वो है दरवाजे और खिड़कियां ! अंजान घरों दरवाजों के पीछे रहने वाले कई किरदार अकसर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हो जाते हैं ! शायद हमें पता ही नही चलता ! कभी कभी एक छोटी सी मुलाकात भी जिंदगी भर के रिश्ते बना जाती है ! जरूरत होती इन रिश्तों को संभाल कर रखने की ! रिश्तों को संभालने के लिए हमें अपने मन की खिड़की को खोलने की। जरूरत है ...
मन की खिड़की से देखो आपके आस पास ऐसे कई लोग हैं जो आपको पसंद करते हैं आपसे प्यार करते हैं ! आपका दायित्व बनता है कि आप उनका ख्याल रखें !

©Ashutosh jain

मुझे घरों में सबसे आकर्षित अगर कोई बात लगती है तो वो है दरवाजे और खिड़कियां ! अंजान घरों दरवाजों के पीछे रहने वाले कई किरदार अकसर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हो जाते हैं ! शायद हमें पता ही नही चलता ! कभी कभी एक छोटी सी मुलाकात भी जिंदगी भर के रिश्ते बना जाती है ! जरूरत होती इन रिश्तों को संभाल कर रखने की ! रिश्तों को संभालने के लिए हमें अपने मन की खिड़की को खोलने की। जरूरत है ... मन की खिड़की से देखो आपके आस पास ऐसे कई लोग हैं जो आपको पसंद करते हैं आपसे प्यार करते हैं ! आपका दायित्व बनता है कि आप

8 Love

#कविता

एक उम्मीद जगी है अंधेरी रात के बाद मानों मेरे हिस्से की धूप लेकर रात किसी यात्रा पर निकल गई थी वी अब वह वापस आई है एक नई शुरुआत और

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अंत से सीख अंत में क्या रह जाता है ? शायद कुछ धुंधली यादें ,कुछ बातें जो हमने अपनों से की वी थीं , कुछ मुलाकातें , कुछ खत जो कभी पढ़े नहीं गए ,कुछ रिश्ते ,कुछ खुशी के तो कुछ ग़म के किस्से , कुछ चेहरे जो ताउम्र हमारे साथ रहे ,कुछ तस्वीरें कुछ रूमानी पल ,हाथों का स्पर्श या कुछ अधूरी कहानियां .. मुझसे पूंछा जाए जाए तो अन्त में रह जाते हैं हम और हमारे अंतर्मन में समाये हुए कुछ किस्से जो कभी हमारी जिंदगी का हिस्सा थे ! शायद अंत तक पहुंचते पहुंचते हम अपने आप से प्रेम भी करने लगते हैं! लेकिन जब तक हमें मालूम पड़ता है कि खुद से भी प्रेम किया जा सकता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती हैं! मेरे ख़्याल से हमें जीवन में जो कुछ भी पाना है उसकी पहली सीढ़ी यही है की हम स्वयं से प्रेम करना सीख लें! क्यूं कि जब हम स्वयं से प्रेम करना सीख लेंगे तो हम दूसरों से प्रेम कर सकेंगे ! ©Ashutosh jain

#विचार  अंत से सीख 

अंत में क्या रह जाता है ?
शायद कुछ धुंधली यादें ,कुछ बातें जो हमने अपनों से की वी थीं , कुछ मुलाकातें , कुछ खत जो कभी पढ़े नहीं गए ,कुछ रिश्ते ,कुछ खुशी के तो कुछ ग़म के किस्से , कुछ चेहरे जो ताउम्र हमारे साथ रहे ,कुछ तस्वीरें  कुछ रूमानी पल ,हाथों का स्पर्श या कुछ अधूरी कहानियां ..
मुझसे पूंछा जाए जाए तो अन्त में रह जाते हैं हम और हमारे अंतर्मन में समाये हुए कुछ किस्से जो कभी हमारी जिंदगी का हिस्सा थे ! शायद अंत तक पहुंचते पहुंचते हम अपने आप से प्रेम भी करने लगते हैं! लेकिन जब तक हमें मालूम पड़ता है कि खुद से भी प्रेम किया जा सकता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती हैं!
 मेरे ख़्याल से हमें जीवन में जो कुछ भी पाना है उसकी पहली सीढ़ी यही है की हम स्वयं से प्रेम करना सीख लें! क्यूं कि जब हम स्वयं से प्रेम करना सीख लेंगे तो हम दूसरों से प्रेम कर सकेंगे !

©Ashutosh jain

अंत से सीख अंत में क्या रह जाता है ? शायद कुछ धुंधली यादें ,कुछ बातें जो हमने अपनों से की वी थीं , कुछ मुलाकातें , कुछ खत जो कभी पढ़े नहीं गए ,कुछ रिश्ते ,कुछ खुशी के तो कुछ ग़म के किस्से , कुछ चेहरे जो ताउम्र हमारे साथ रहे ,कुछ तस्वीरें कुछ रूमानी पल ,हाथों का स्पर्श या कुछ अधूरी कहानियां .. मुझसे पूंछा जाए जाए तो अन्त में रह जाते हैं हम और हमारे अंतर्मन में समाये हुए कुछ किस्से जो कभी हमारी जिंदगी का हिस्सा थे ! शायद अंत तक पहुंचते पहुंचते हम अपने आप से प्रेम भी करने लगते हैं! लेकिन जब तक ह

9 Love

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