Himanshu Singh

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Write Sunday in three words can you 🤫🤫 o ©Himanshu Singh

#शायरी #Books  Write Sunday in three words
can you
🤫🤫
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#Books

16 Love

अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो। ©Himanshu Singh

#प्यार #शायरी #sunkissed  अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो
सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो।

©Himanshu Singh

अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से #प्यार करते हो। #sunkissed

10 Love

नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,  की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,  मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की, मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं ©Himanshu Singh

#शायरी #EveningBlush  नज़रे करम मुझ पर इतना न कर, 
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं, 
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं

©Himanshu Singh

जो निगाह-ए-नाज़ का बिस्मिल नहीं है, वो दिल नहीं है, दिल नहीं है, दिल नहीं है। ©Himanshu Singh

#sunkissed  जो निगाह-ए-नाज़ का बिस्मिल नहीं है, वो दिल नहीं है, दिल नहीं है, दिल नहीं है।

©Himanshu Singh

जो निगाह-ए-नाज़ का बिस्मिल नहीं है, वो दिल नहीं है, दिल नहीं है, दिल नहीं है। #sunkissed

12 Love

सिर्फ एक सफ़ाह पलटकर उसने, बीती बातों की दुहाई दी है। फिर वहीं लौट के जाना होगा, यार ने कैसी रिहाई दी है। - ©Himanshu Singh

#शायरी #dryleaf  सिर्फ एक सफ़ाह
पलटकर उसने,
बीती बातों की दुहाई दी है।
फिर वहीं लौट के जाना होगा,
यार ने कैसी
रिहाई दी है।
-

©Himanshu Singh

#dryleaf

10 Love

अब काश मेरे दर्द की कोई दवा न हो बढ़ता ही जाये ये तो मुसल्सल शिफ़ा न हो बाग़ों में देखूं टूटे हुए बर्ग ओ बार ही मेरी नजर बहार की फिर आशना न हो ©View Ok

#shahididiwas  अब काश मेरे दर्द की कोई दवा न हो
बढ़ता ही जाये ये तो मुसल्सल शिफ़ा न हो
बाग़ों में देखूं टूटे हुए बर्ग ओ बार ही
मेरी नजर बहार की फिर आशना न हो

©View Ok
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