Saurav life

Saurav life Lives in Valencia, Valencian Community, Spain

श्रीकाशीविश्वनाथ विजयतेतराम😊😊

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BeHappy कसौटी छुपा लू अब कहां खुद को मैं ? यहां हर डगर झूठा लगता है। पग-पग विश्वास की आंधी- संकट में सब सूना लगता है।। हे जग! तेरी बातें कलरव करती; यहाँ मुखौटों में सब अमृत लगता है। जागृति नहीं, लूट की बेचैनी है सब- आखिर क्यों ये जीवन अब अमावस लगता है ? इंसान हूं, कोई फरिश्ता नहीं- संभालो खुद को, यहां रिश्तों में फरेब दिखता है। पर, उम्मीद की ज्वाला अभी शेष है ; अब मात्र ज्वाले से ही उम्मीद महकता है।। ©Saurav life

#sauravlife #beHappy  BeHappy            कसौटी

छुपा लू अब कहां खुद को मैं ?
यहां हर डगर झूठा लगता है।
पग-पग विश्वास की आंधी-
संकट में सब सूना लगता है।।

हे जग! तेरी बातें कलरव करती;
यहाँ मुखौटों में सब अमृत लगता है।
जागृति नहीं, लूट की बेचैनी है सब-
आखिर क्यों ये जीवन अब अमावस लगता है ?

इंसान हूं, कोई फरिश्ता नहीं-
संभालो खुद को, यहां रिश्तों में फरेब दिखता है।
पर, उम्मीद की ज्वाला अभी शेष है ;
अब मात्र ज्वाले से ही उम्मीद  महकता है।।

©Saurav life

White अम्बर झुकाकर नजरें, खुद को समेट रहा; बारिश हुई नहीं और वो खुद को कोस रहा।। ©Saurav life

#summer_vacation #sauravlife #Quotes  White अम्बर झुकाकर नजरें, खुद को समेट रहा;

बारिश हुई नहीं और वो खुद को कोस रहा।।

©Saurav life

White क्यों कहते हो तुम; मैं, ठहर जाऊंगा। माना, रात है थोड़ी लंबी - क्या ऐसे ही महक जाऊंगा।। ©Saurav life

#Motivational #sauravlife #mountain  White क्यों कहते हो तुम;
मैं, ठहर जाऊंगा।
माना, रात है थोड़ी लंबी -
क्या ऐसे ही महक जाऊंगा।।

©Saurav life

Life Like जिंदगी और लोग पहर-पहर ठहरते दिन को; रात्रि ठहरी, अब विश्राम दो। मेघों की गर्जना से, क्या विप्लवता, तुम प्रमाण दो।। तपिस यहां, अंगारों-सी; सिसकती जिंदगी, कहते तुम विशाल आवाज दो। रणभूमि नहीं, जीवन ये तेरा- क्यों जन-जन को युद्ध का मैदान दो ? पतित कहा, संघर्ष ये धरा; अब तुम हुंकार भरो। रागों को समेट तू अब ए-जिंदगी; स्वयं, प्रज्ञान-सी एक प्रकाश दो। छोड़ उम्मीदें, उम्मीदों के रखवालों से; विस्मृत स्मृतियां, खुद को एक आवाज दो। जो बह गए दरिया में साथ चलते-चलते; छोड़ उन्हें, कर्मो में खुद को एक एहसास दो।। आखिर, जिंदगी है अपनी, उन्हे अपनी तो एक मुस्कान दो।। ©Saurav life

#sauravlife #Lifelike  Life Like  जिंदगी और लोग


पहर-पहर ठहरते दिन को;
रात्रि ठहरी, अब विश्राम दो।
मेघों की गर्जना से,
क्या विप्लवता, तुम प्रमाण दो।।


तपिस यहां, अंगारों-सी;
सिसकती जिंदगी, कहते तुम विशाल आवाज दो।
रणभूमि नहीं, जीवन ये तेरा-
क्यों जन-जन को युद्ध का मैदान दो ?


पतित कहा, संघर्ष ये धरा;
अब तुम हुंकार भरो।
रागों को समेट तू अब ए-जिंदगी;
स्वयं, प्रज्ञान-सी एक प्रकाश दो।


छोड़ उम्मीदें, उम्मीदों के रखवालों से;
विस्मृत स्मृतियां, खुद को एक आवाज दो।
जो बह गए दरिया में साथ चलते-चलते;
छोड़ उन्हें, कर्मो में खुद को एक एहसास दो।।
आखिर,
जिंदगी है अपनी, उन्हे अपनी तो एक मुस्कान दो।।

©Saurav life

#Lifelike #sauravlife R... Ojha @Lamha @Namit

20 Love

#emotional_sad_shayari #sauravlife #Quotes  White क्यों रखते हो इतनी गर्दिश जमाने से;
जमाने को देख मुस्कुराना भी अच्छा है।।

©Saurav life
#love_shayari #sauravlife  White फूलों का महकना अभी बाकी है;
पर, चमन में बहार पहले ही आ गए।

©Saurav life
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