SnehaD Gupta ( writer)

SnehaD Gupta ( writer) Lives in Patna, Bihar, India

अपनी कलम से जज्बात लिखती हूँ। जो भी आये इस दिल में वो बात लिखती हूँ। i love to write poem... writing is my hobby 😊

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#nojotoofficial #Internetjockey #nojotoquotes #nojotopatna2 #NojotoFemily #nojotohindi

रिश्तों की माला जब टूटती है तो दोबारा जोड़ने से छोटी हो ही जाती हैं, क्योंकि कुछ जज्बात के मोती बिखर ही जाते हैं। 😔 तो बिखर के भी खुश रहे क्योंकि एक अकेली मोती ही अंगुठी में लगायी जाती है। 😊 स्नेहा गुप्ता

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तो बिखर के भी खुश रहे क्योंकि एक अकेली मोती ही अंगुठी में लगायी जाती है। 😊

स्नेहा गुप्ता

#Nojoto #nojotopoet #nojotopoem

35 Love

2 Years of Nojoto हांथों की मेंहदी बता रहे हैं। प्यार कितना हैं वो बस जताते जाते हैं पर कभी बताते नहीं। रंग कि गेहराई बता रहे हैं। एहसास कितनी है वो आंखें चुरा लेते हैं पर किसी से कहते नहीं। होंटों की मुस्कुराहट बता रहीं हैं। खुशी कितनी हैं वो बस मुश्कुरा देते है जमाने की डर से खीलखीलाते नहीं। चेहरे की चमक वयां कर रही है, आत्मविश्वास कितना है, वो बस खामोश रहते हैं कहीं वयां करते नहीं। आंखें बता रही हैं राज छुपे गुहरे कितने है, वो बताते नहीं बस नजरें झुका लेते हैं। जमाने की नजरें लाख नफरत से क्यों ना देखे, स्वाभिमान बता रहा है, लडना है पर कभी हारना नहीं। बेड़ियाँ लाख जकड़े कदमों को, जीद बता रहा है, थकना है झुकना हैं पर रूकना नहीं। स्नेहा गुप्ता

#मेंहदी #nojotoofficial #Internetjockey #nojotoquotes #nojotopatna2 #NojotoFemily  2 Years of Nojoto हांथों की मेंहदी बता रहे हैं। 
प्यार कितना हैं 
वो बस जताते जाते हैं पर कभी बताते नहीं। 

रंग कि गेहराई बता रहे हैं। 
एहसास कितनी है
वो आंखें चुरा लेते हैं पर किसी से कहते नहीं। 

होंटों की मुस्कुराहट बता रहीं हैं। 
खुशी कितनी हैं
वो बस मुश्कुरा देते है जमाने की डर से खीलखीलाते नहीं। 

चेहरे की चमक वयां कर रही है, 
आत्मविश्वास कितना है, 
वो बस खामोश रहते हैं कहीं वयां करते नहीं। 

आंखें बता रही हैं 
राज छुपे गुहरे कितने है,
वो बताते नहीं बस नजरें झुका लेते हैं। 

जमाने की नजरें लाख नफरत से क्यों ना देखे, 
स्वाभिमान बता रहा है, 
लडना है पर कभी हारना नहीं। 

बेड़ियाँ लाख जकड़े कदमों को, 
जीद बता रहा है, 
थकना है झुकना हैं पर रूकना नहीं। 

स्नेहा गुप्ता

आज फिर हम खुशी से ये पर्व मनायेंगे। हमारे देश के प्रधानमंत्री, इंडिया गेट पर झंडा फहरायेगें हमारे प्यारे तिरंगे को, इस नीले आसमान पर लहरायेंगे। शुसोभीत हो जायेगा ये जग, एसे देश प्रेम के गीत हम गायेगें। सुबह उठ तैयार हो कर, सारे बच्चे स्कूल को जायेगें। सीमा पर सिपाही भी आज, दिल खोलकर खूब नाचें गायेगें। हिन्दू, मुश्लिम, सीख, ईसाई, सब मिलकर खिलखिलायेगे। अपने पराये सब मिलकर, खूब जलेबी खायेगे। आज हुई आजादी कि ऐसा धूम मनायेगे। छोटे बड़े इस धुम में मगन हो जायेंगे, आज आजादी का हम ऐसा दिपक जलायेंगे। स्नेहा गुप्ता

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हमारे देश के प्रधानमंत्री, 
इंडिया गेट पर झंडा फहरायेगें
हमारे प्यारे तिरंगे को, 
इस नीले आसमान पर लहरायेंगे। 
शुसोभीत हो जायेगा ये जग, 
एसे देश प्रेम के गीत हम गायेगें। 
सुबह उठ तैयार हो कर,
सारे बच्चे स्कूल को जायेगें।  
सीमा पर सिपाही भी आज, 
दिल खोलकर खूब नाचें गायेगें। 
हिन्दू, मुश्लिम, सीख, ईसाई, 
सब मिलकर खिलखिलायेगे। 
अपने पराये सब मिलकर, 
खूब जलेबी खायेगे। 
आज हुई आजादी कि ऐसा धूम मनायेगे। 
छोटे बड़े इस धुम में मगन हो जायेंगे, 
आज आजादी का हम ऐसा दिपक जलायेंगे। 

स्नेहा गुप्ता
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हाँ ये सावन ही तो है... हाँ ये सावन ही तो है, जिसमें दिल के सारे गम बारिशों के बुंदों में घुल जाते हैं। आंखों के नमकीन आंसू में भी मिठास भर जाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जो बचपन की सारी बचकानी बातें याद दिला देती है, वो बारिशों वेखौफ भिगना, वो कागजो के नाव बनाना और उसे यु पानी में तैराना जैसे अपने सपने तैर रहे हो। हाँ ये सावन ही तो है, जो अंदर की सारी उमंग को बाहर लाकर खुद में भिगो देती है। जिसमें प्यार का हर रंग दिख जाता है और प्यार के सारे गीत होंट गुनगुनाने लगते हैं। हाँ ये सावन ही तो है, जो सदीयों से अपने बूंदों के साथ खुशीयां बरसाती है। जो अच्छे-बुरे का भेद ना करके सबको खुद में भिगो देतीं हैं। हाँ ये सावन ही तो है, जिसकी हर एक बुंद मेरे रोम रोम को थिरकने पर मजबूर कर देती है। जो बदन में अपने स्पर्श से किसी को यादों के झूले में हमे झूलाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जो हर किसान के होंटों पर मुस्कान और उनके खेतों में हरियाली लेकर आती है। जिसमें खेत रोपते वक्त रोपनियों के खुशीयों के गीत खेतों में गुनगुनाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जिसके बूंदों में भीग कर कुछ बिमार तो कुछ अपनी थकान भूल जाते हैं। और बच्चे- बुढे सब सावन की पहली बारिश के आनंद में खो जाते हैं। स्नेहा गुप्ता

#Internetjockey #nojotoofficial #NojotoFemily #nojotopatna2 #nojotoquotes #nojotohindi  हाँ ये सावन ही तो है... 
हाँ ये सावन ही तो है, जिसमें दिल के सारे गम बारिशों के बुंदों में घुल जाते हैं। 
 आंखों के नमकीन आंसू में भी मिठास भर जाती है। 

हाँ ये सावन ही तो है, 
जो बचपन की सारी बचकानी बातें याद दिला देती है, 
वो बारिशों वेखौफ भिगना, 
वो कागजो के नाव बनाना और उसे यु पानी में तैराना जैसे अपने सपने तैर रहे हो। 

हाँ ये सावन ही तो है, 
जो अंदर की सारी उमंग को बाहर लाकर खुद में भिगो देती है। 
जिसमें प्यार का हर रंग दिख जाता है और प्यार के सारे गीत होंट गुनगुनाने लगते हैं। 

हाँ ये सावन ही तो है,
 जो सदीयों से अपने बूंदों के साथ खुशीयां बरसाती है। 
 जो अच्छे-बुरे का भेद ना करके सबको खुद में भिगो देतीं हैं। 

हाँ ये सावन ही तो है,
 जिसकी हर एक बुंद मेरे रोम रोम को थिरकने पर मजबूर कर देती है। 
जो बदन में अपने स्पर्श से किसी को यादों के झूले में हमे झूलाती है।

हाँ ये सावन ही तो है, 
जो हर किसान के होंटों पर मुस्कान और उनके खेतों में हरियाली लेकर आती है। 
जिसमें खेत रोपते वक्त रोपनियों के खुशीयों के गीत खेतों में गुनगुनाती है। 

हाँ ये सावन ही तो है,
जिसके बूंदों में भीग कर कुछ बिमार तो कुछ अपनी थकान भूल जाते हैं। 
और बच्चे- बुढे सब सावन की पहली बारिश के आनंद में खो जाते हैं।

स्नेहा गुप्ता
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