Pooja Mehra poetry

Pooja Mehra poetry

ek anjaan kavi ✍️

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SMILE TO CHANGE THE WORLD. DON'T LET THE WORLD CHANGE YOUR SMILE...

#thought  SMILE TO CHANGE THE WORLD. DON'T LET THE WORLD CHANGE YOUR SMILE...

SMILE TO CHANGE THE WORLD. DON'T LET THE WORLD CHANGE YOUR SMILE...

17 Love

jai hind

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एक शख्स आज भी बहुत याद आता है मैं जब- जब भी उसको सोचूँ उसका चेहरा आँखों में मेरी समा जाता है एक शख्स आज भी बहुत याद आता है,,,,, उसकी हर इक बात उसका लहज़ा आज भी ज़ेहन में है जिन्दा बातों से सबका दिल जीतना उसका नूरानी अंदाज आज भी ख़्यालों में आता है एक शख्स आज भी बहुत याद आता है मैं जब-जब भी उसको सोचूँ उसका चेहरा आँखों में समा जाता है,,,,,,,, पूजा मेहरा

#Bada_Kalakaar  एक शख्स आज भी 
बहुत याद आता है 
मैं जब- जब भी 
उसको सोचूँ 
उसका चेहरा आँखों में 
मेरी समा जाता है 
एक शख्स आज भी 
बहुत याद आता है,,,,, 
उसकी हर इक बात 
उसका लहज़ा 
आज भी ज़ेहन में है जिन्दा 
बातों से सबका दिल जीतना 
उसका नूरानी अंदाज 
आज भी ख़्यालों में आता है 
एक शख्स आज भी 
बहुत याद आता है 
मैं जब-जब भी 
उसको सोचूँ 
उसका चेहरा आँखों में 
समा जाता है,,,,,,,, 
                                  पूजा मेहरा

जी लूँ जीवन कभी ये मीठा कभी कड़वा सा बन साक्षी देखूँ पल-पल इसमें बदलता क्या,,,,,, नीरस को भी रस मैं मानूँ दूजों से पहले ख़ुद को ही जानूँ,,,,, भीग लूँ आंनद सागर के अविरल प्रेम में छू आऊँ अम्बर लौट आऊँ फिर धरती की गोद में,,,,, लगाऊँ डुबकी संतोष के सिंधु में बन जाऊँ मजबूत चट्टान करूं टक्कर अवगुणों की लहरों से,,,,,,, पूजा मेहरा

#manzil  जी लूँ जीवन 
कभी ये मीठा 
कभी कड़वा सा 
बन साक्षी देखूँ 
पल-पल इसमें 
बदलता क्या,,,,,,
नीरस को भी 
रस मैं मानूँ 
दूजों से पहले 
ख़ुद को ही जानूँ,,,,,
भीग लूँ 
आंनद सागर के 
अविरल प्रेम में 
छू आऊँ अम्बर 
लौट आऊँ फिर 
धरती की गोद में,,,,, 
लगाऊँ डुबकी 
संतोष के सिंधु में 
बन जाऊँ
मजबूत चट्टान 
करूं टक्कर 
अवगुणों की लहरों से,,,,,,, 
                                   पूजा मेहरा

#manzil

19 Love

हे सरस्वती माँ मुझे ज्ञान दो मुझे थाम लो करुणा के कलावे बाँध दो,,,,,,, कभी डरूँ नहीं मैं थमूँ नहीं रहूँ सजग निर्णय करूँ सही,,,,,,, परोपकार मेरा मित्र हो स्वाभिमान मेरा चरित्र हो सत्यता मेरी नींव हो सकर्म ही इक लक्ष्य हो,,,,,,, तुम पुकार दो मुझे नाम दो ममता की मुझको छाँव दो,,,,,,,, हे सरस्वती माँ मुझे ज्ञान दो मुझे थाम लो करुणा के कलावे बाँध दो,,,,,,,,,, पूजा मेहरा

#Basant_Panchmi  हे सरस्वती माँ 
मुझे ज्ञान दो 
मुझे थाम लो 
करुणा के 
कलावे बाँध दो,,,,,,, 
कभी डरूँ नहीं 
मैं थमूँ नहीं 
रहूँ सजग 
निर्णय करूँ सही,,,,,,, 
परोपकार मेरा मित्र हो 
स्वाभिमान मेरा चरित्र हो 
सत्यता मेरी नींव हो 
सकर्म ही इक लक्ष्य हो,,,,,,, 
तुम पुकार दो 
मुझे नाम दो 
ममता की मुझको छाँव दो,,,,,,,, 
हे सरस्वती माँ 
मुझे ज्ञान दो 
मुझे थाम लो 
करुणा के कलावे 
बाँध दो,,,,,,,,,, 
                      पूजा मेहरा

लगाती है चिटकनी हर रोज़ अपने ख़्वाबों को कि कल सोचूँगी पक्का उनको पूरा करने को,,,,, कहीं कुछ छूट न जाये परिवार का कोई सदस्य रूठ न जाये,,,,,, सबकी पसंद-नापसंद का उसे पूरा भान है भारत की नारी यही तेरी असली पहचान है,,,,,, तिल-तिल करके घर को संजोती है मुसीबतों में ढाल भी बन लेती है तुझमें सूझबूझ और अपनेपन की मिठास है भारत की नारी तुझपे हमको नाज़ है,,,,,, पूजा मेहरा

#Kismat  लगाती है चिटकनी 
हर रोज़ 
अपने ख़्वाबों को 
कि कल सोचूँगी
पक्का उनको 
पूरा करने को,,,,, 
कहीं कुछ 
छूट न जाये 
परिवार का 
कोई सदस्य 
रूठ न जाये,,,,,, 
सबकी पसंद-नापसंद 
का उसे पूरा भान है 
भारत की नारी 
यही तेरी असली 
पहचान है,,,,,,
तिल-तिल करके 
घर को संजोती है 
मुसीबतों में ढाल 
भी बन लेती है 
तुझमें सूझबूझ और
अपनेपन की मिठास है 
भारत की नारी 
तुझपे हमको नाज़ है,,,,,, 
                                   पूजा मेहरा

#Kismat

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