Raushu Raushan

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फिर वही गुल खिलेंगे फिर से कोई नग़मा गायेगा तेरे जैसे तो कई आयेंगे, पर तू कभी न आयेगा ~ रौशु रौशन ©Raushu Raushan

#ज़िन्दगी #RIPRaju  फिर वही गुल खिलेंगे फिर से कोई नग़मा गायेगा 
तेरे जैसे तो कई आयेंगे, पर तू कभी न आयेगा 

~  रौशु रौशन

©Raushu Raushan

#RIPRaju

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#shivmangalSinghSuman #कविता  वरदान माँगूँगा नहीं

मोल नहीं है इन सबका माँ हो या माँ की ममता माँ की लोरी माँ के गीत शब्द-शब्द इनके संगीत जब काँटा कोई लग जाता पीड़ा तन मन में जग जाता घंटों मुझको सहलाती माँ चिकित्सक भी कहलाती माँ घर से अपने मंदिर जा के मैं पूजूँ , ईश्वर को जा के ईश्वर भी कहे क्यों आया है मैंने भी माँ को ही गाया है रहूँ , कितनी भी चंचल मैं रख लेती मुझको आँचल में यह गोद ही मेरी आदत है माँ तू जन्नत की भी जन्नत है ~ रौशु रौशन ©Raushu Raushan

#कविता #MothersDay  मोल नहीं है इन सबका
माँ हो या माँ की ममता
माँ की लोरी माँ के गीत
शब्द-शब्द इनके संगीत

जब काँटा कोई लग जाता
पीड़ा तन मन में जग जाता
घंटों  मुझको  सहलाती माँ
चिकित्सक भी कहलाती माँ

घर से अपने मंदिर जा के
मैं पूजूँ , ईश्वर  को जा के
ईश्वर भी कहे क्यों आया है
मैंने भी माँ को ही गाया है

रहूँ , कितनी भी  चंचल मैं
रख लेती मुझको आँचल में
यह गोद  ही  मेरी आदत है
माँ तू जन्नत की भी जन्नत है
~  रौशु रौशन

©Raushu Raushan

#MothersDay ARVIND YADAV 1717 Anshu writer raj Ajay Kumar POOJA UDESHI

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आज भी तुम्हें खुद में टटोलता हूँ तुम्हारी यादों के पर खोलता हूँ कमरे में तेरी तस्वीर तो नहीं है पर इन दीवारों से भी कितना बोलता हूँ ~ रौशु करो ©Raushu Raushan

#कविता #hindiwritings #MusicLove  आज भी तुम्हें खुद में टटोलता हूँ
तुम्हारी यादों के पर खोलता हूँ
कमरे में तेरी तस्वीर तो नहीं है पर
इन दीवारों से भी कितना बोलता हूँ

~  रौशु करो

©Raushu Raushan

समय का भार, समाज के भार ढोने से कहीं ज्यादा बेहतर है ~ रौशु रौशन ©Raushu Raushan

#शायरी  समय का भार, समाज के भार ढोने से कहीं ज्यादा बेहतर है

~ रौशु रौशन

©Raushu Raushan

#Life

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मादकता सी काया तेरी, होंठों वाली लाली कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली वसन हैं पीले, गाल गुलाबी, पूरा बदन रंगोली कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली वक्ष पर शीश धरूं या गोद में सर रख जाऊँ आँखों से नगमे गाऊँ अधर अधरों से मिलाऊँ तेरी बोली नें कोयल की बोली में मिश्री घोली कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली ~ रौशु रौशन ©Raushu Raushan

#कविता #merianku #Holi  मादकता सी काया तेरी, होंठों वाली लाली 
कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली
वसन हैं पीले, गाल गुलाबी, पूरा बदन रंगोली
कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली
वक्ष पर शीश धरूं या 
गोद में सर रख जाऊँ 
आँखों से नगमे गाऊँ 
अधर अधरों से मिलाऊँ 
तेरी बोली नें कोयल की बोली में मिश्री घोली
कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली

~  रौशु रौशन

©Raushu Raushan
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