मादकता सी काया तेरी, होंठों वाली लाली
कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली
वसन हैं पीले, गाल गुलाबी, पूरा बदन रंगोली
कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली
वक्ष पर शीश धरूं या
गोद में सर रख जाऊँ
आँखों से नगमे गाऊँ
अधर अधरों से मिलाऊँ
तेरी बोली नें कोयल की बोली में मिश्री घोली
कौन सा रंग लगाओगी तुम मुझको अबकी होली
~ रौशु रौशन
©Raushu Raushan
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