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#College Student and✍️ Poet ❤️❤️❤️❤️ PATNA college (PATNA University)
Ravish
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एक दिन लिखते-लिखते मैं मारा जाऊंगा, मेरी कविताएं डायरी में दफ़न होंगी!+2 कुछ लोग मेरे जनाजे में आहिस्ता- आहिस्ता रोयेंगे, और मेरे सर से पाव तक एक सफ़ेद कफ़न होगी? ©Ravish
17 Love
जब मैं उस गांव के गलियों से गुजरा,ऐसा लगा जनता था कोई!+2 ओ पीला मकां, जिसके आंगन में आम का पेड़ था+2 जब देखा उसके चौखट पे तो, ऐसा लगा पहचानता था कोई? ©Ravish
13 Love
इश्क के खेल में हम सच्चे सिकंदर निकले, जहां पर खड़े थे अकेला जिंदा निकले, और सभी चली गई मेरी महफिलों से, हम अभी भी उसे मोड़ पर आजाद उड़ता परिंदा निकले। ©Ravish
10 Love
दिलों से उस शहर का यादें जा चुके, मेरे मन से हर शख्स बाहर जा चुके। मेरा दिल भी कभी तवायफ का कोठा था, सब आकर बाहर जा चुके? ©Ravish
12 Love
गांव और शहर बर्बाद होते देखें हैं, हमने हर रिश्तें तबाह होते देखें हैं। एक जहां में अकेला बचता हैं शायर, जिसके सपने आबाद होते देखें हैं? ©Ravish
15 Love
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