Jyoti Mahajan

Jyoti Mahajan

Hello friends, I love writing that's why I am here infront of you to keep my thoughts in the form of poems. Hope you will like and love it and encourage me to bring better and better of your choice ...❤️

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लोगों का तो काम है कहना सुनने में मत घबराना तुम भली,बुरी या हों अच्छी नसीहतें अपनाने में मत हिचकिचाना तुम यह जीवन संघर्षों का दरिया पल पल होती यहां परीक्षा है धैर्य, मौन, शांति को गर थामोगे यही जीवन की सच्ची समीक्षा है। चूमेगी सफलता पग-पग तुम्हारे कदम इतराएगी जिंदगी थाम तुम्हारा दामन चलेंगे फिर संग वही जो करते थे बातें पूछेंगे तुम्हीं से सफ़लता के समग्र साधन सुंदर मुख मुस्कान बिखेर कर सर्वदा जीवन सरल जीने के ढंग बताना तुम मानव हो तुम मानव को ही इंसान बनने के गुण बताना तुम हां लोगों का तो काम है कहना सुनने में मत घबराना तुम। ©Jyoti Mahajan

#कविता #lakeview  लोगों का तो काम है कहना 
सुनने में मत घबराना तुम
भली,बुरी या हों अच्छी नसीहतें 
अपनाने में मत हिचकिचाना तुम
यह जीवन संघर्षों का  दरिया 
पल पल होती यहां परीक्षा है 
धैर्य, मौन, शांति को गर थामोगे 
यही जीवन की सच्ची समीक्षा है।
चूमेगी सफलता पग-पग तुम्हारे कदम 
इतराएगी जिंदगी थाम तुम्हारा दामन 
चलेंगे फिर संग वही जो करते थे बातें 
पूछेंगे तुम्हीं से सफ़लता के समग्र साधन
सुंदर मुख मुस्कान बिखेर कर सर्वदा 
जीवन सरल जीने के ढंग बताना तुम
मानव हो तुम मानव को ही
इंसान बनने के गुण बताना तुम
हां लोगों का तो काम है कहना 
सुनने में मत घबराना तुम।

©Jyoti Mahajan

#lakeview लोगों का काम है कहना

10 Love

White ना मंजिल नज़र आती है न कहीं किनारा हर कोई आगे बढ़ रहा है,लेकर एक दूसरे का सहारा हर कोई दौड़ में है ,दिमाग में भरी उलझने हैं लगे जैसे हर कोई किसी न किसी होड़ में है । आगे बढ़ना चाहते हैं या निकलना चाहते हैं समझ नहीं आता , सफल होना चाहते हैं , या किसी को हराकर दिखाना चाहते हैं। यह सब मन के खेल मन की अदाएं हैं। कभी यह रूठता है कभी मानता है । कभी रुकता है तो कभी सरपट भागता है । ऐ मन तू इतना जिद्दी क्यूं है ? हर समय इधर से उधर भटकता क्यूं है? कब वह दिन आएगा जब तू शांत होगा, काबू में होगा सब समझ ठहर जाएगा । तब मंजिल भी दिखेगी , रास्ता भी साफ़ होगा , किनारे भी मिलेंगे ,अगर तू मेरे साथ होगा । तब ना किसी से प्रतिस्पर्धा की दौड़ होगी ना कहीं शोर होगा ,सामने लक्ष्य होगा, पहुंचना सरल होगा बस तू एक बार समझ जा, थोड़ा झुक जा थोड़ा संवर जा इतना ही हम सब पर तुम्हारा यह कर्म होगा ©Jyoti Mahajan

#कविता #Free  White  
ना मंजिल नज़र आती है न कहीं किनारा
हर कोई आगे बढ़ रहा है,लेकर एक दूसरे का सहारा
हर कोई दौड़ में है ,दिमाग में भरी उलझने हैं
लगे जैसे हर कोई किसी न किसी होड़ में है ।
आगे बढ़ना चाहते हैं या निकलना चाहते हैं 
समझ नहीं आता , सफल होना चाहते हैं ,
           या किसी को हराकर दिखाना चाहते हैं।                
यह सब मन के खेल मन की अदाएं हैं।
कभी यह रूठता है  कभी मानता है ।
कभी रुकता है तो  कभी सरपट भागता है ।
ऐ मन तू इतना जिद्दी क्यूं है ?
हर समय इधर से उधर भटकता क्यूं है? 
कब वह दिन आएगा जब तू शांत  होगा, 
काबू में होगा सब समझ ठहर जाएगा ।
तब मंजिल भी दिखेगी , रास्ता भी साफ़ होगा ,
किनारे भी मिलेंगे ,अगर तू मेरे साथ होगा ।
तब ना किसी से प्रतिस्पर्धा की दौड़ होगी 
ना कहीं शोर होगा ,सामने लक्ष्य होगा, 
पहुंचना सरल होगा 
बस तू एक बार समझ जा,
थोड़ा झुक जा थोड़ा संवर जा 
इतना ही हम सब पर तुम्हारा यह कर्म होगा

©Jyoti Mahajan

#Free जिद्दी मन

11 Love

मन में हिम्मत हौसला रख कुछ करने की चाह रखते हैं असंख्य सपने संजोए हालातों से लड़ने का दम भरते हैं भर कर दिल में जोश पार कर जाते अनगिनत रुकावटें सच कहा है किसी ने बस वहीं फिर चमत्कार होते हैं। ©Jyoti Mahajan

#कविता  मन में हिम्मत हौसला  रख कुछ करने की चाह रखते हैं 

असंख्य सपने संजोए हालातों से लड़ने का दम भरते हैं

भर कर दिल में जोश पार कर जाते अनगिनत रुकावटें

सच कहा है किसी ने बस वहीं फिर चमत्कार होते हैं।

©Jyoti Mahajan

चमत्कार

11 Love

#कविता  शिव वंदना 

तू ही शिव है तू ही शक्ति 
तू ही अनंत तू ही भक्ति
देवों के देव हे महादेव
दर्शन को आंखें तकतीं

प्रभु कृपा करो सुनो विनती
कर जोड़ खड़े द्वारे पर सभी
हे कृपा निधान, कृपासिंधु 
क्षमा करें भूल- चूक सबकी

प्रभु नीलकंठ ओ' उमापति
अर्धनारीश्वर हे कैलाशपति 
करें प्रणाम आपको बारंबार
प्रभु दो सद्ज्ञान,दो सदमति

रहें शरण में हम नित आपकी
हरो व्यथा प्रभु भोले सबकी
जय विश्वनाथ, महाकालेश्वर
रहना हृदय में प्रभु गौरीपति

ज्योति महाज

©Jyoti Mahajan

महाशिवरात्रि

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#विचार #JaiShreeRam  Jai shree ram 

हो गया शुभ आगमन छट गया है कोहरा
राक्षसी वृत्तियों का रह गया समय थोड़ा
भ्रमित करती अंधभक्तियों का होगा अंत
श्री राम जय सियाराम का जाप ही सुखवंत

©Jyoti Mahajan
#विचार #FallAutumn  संदेह

संदेह की परिस्थितियों में पनपे भाव अथवा विचार बहुधा हमारी गति सीमा कम कर अनेकों बार सफलता के पायदान तक पहुंचने पर लगाम लगा देते हैं।

©Jyoti Mahajan

#FallAutumn

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