बंजारन ..............

बंजारन ..............

✍️ लेखिका .... दिल के जज़्बात कोरे पन्ने पर सजाती हूं ......❣️

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नजर वो‌ मेरे जिस्म पर गढ़ाए रखता है बात मुझ से वो मुहब्बत की करता है नजर उसकी मेरे ढकें अंगो पर होती हैं बेमन‌ से तारीफ़ वो मेरे चेहरा करता है मुझ से बोलता है बात न‌ करना लड़कों से खुद वो‌ दो चार लड़कियों के साथ घुमता है कहता है पंसद है मुझे traditional dress मुझे छोटे कपड़ों में आने को बोलता है खुद के घर के आबरू का पूरा ध्यान है दूसरों की आबरू पर मुंह मरता फिरता है वो कहता है मैं उसके दिल की धड़कन हूं हर वक्त बात वो मुझ से जिस्म की करता है अपनी बहन अकेले बाहर नहीं जा सकतीं हैं मुझे प्यार का बहाना कर मिलने को बुलाता है वो कहता है मुझ से प्यार बहुत हैं उसको वो मेरे जिस्म को बातों से नंगा करता है और आ गया वो एक रात मेरे कमरे में रोकती हूं उसे घर की इज्जत का वस्ता देकर वो मुहब्बत का नाम ले इज्जत तार तार करता है और बीत गए जब कुछ दिन इस बात को हुएं फिर मैंने पूछा उससे शादी कब कर रहे हो मुझ से वो अंजान बन कर बस मुझे घूरता रहा और दो लफ्जों में पूछा उसने"कौन हो तुम"? ये लफ्ज सुन मैं वहीं खड़ी सोचने लगी इस ज़माने में क्या इसे ही मुहब्बत कहते हैं जिस्म से शुरू होकर जिस्म पर खत्म हो जाना ..!! ✍️श्रेया "सोनल"

 नजर वो‌ मेरे जिस्म पर गढ़ाए रखता है 
बात मुझ से वो मुहब्बत की करता है 
नजर उसकी मेरे ढकें अंगो पर होती हैं
बेमन‌ से तारीफ़ वो मेरे चेहरा करता है 
मुझ से बोलता है बात न‌ करना लड़कों से
खुद वो‌ दो चार लड़कियों के साथ घुमता है
कहता है पंसद है मुझे traditional dress
मुझे छोटे कपड़ों में आने को बोलता है
खुद के घर के आबरू का पूरा ध्यान है
दूसरों की आबरू पर मुंह मरता फिरता है
वो कहता है मैं उसके दिल की धड़कन हूं
 हर वक्त बात वो मुझ से जिस्म की करता है
अपनी बहन अकेले बाहर नहीं जा सकतीं हैं
मुझे प्यार का बहाना कर मिलने को बुलाता है
वो कहता है मुझ से प्यार बहुत हैं उसको
वो मेरे जिस्म को बातों से नंगा करता है 
और आ गया वो एक रात मेरे कमरे में 
रोकती हूं उसे घर की इज्जत का वस्ता देकर
वो मुहब्बत का नाम ले इज्जत तार तार करता है
और बीत गए जब कुछ दिन इस बात को हुएं
फिर मैंने पूछा उससे शादी कब कर रहे हो मुझ से
वो अंजान बन कर बस मुझे घूरता रहा 
और दो लफ्जों में पूछा उसने"कौन हो तुम"?
ये लफ्ज सुन मैं वहीं खड़ी सोचने लगी
इस ज़माने में क्या इसे ही मुहब्बत कहते हैं 
जिस्म से शुरू होकर जिस्म पर खत्म हो जाना ..!!

✍️श्रेया "सोनल"

नजर वो‌ मेरे जिस्म पर गढ़ाए रखता है बात मुझ से वो मुहब्बत की करता है नजर उसकी मेरे ढकें अंगो पर होती हैं बेमन‌ से तारीफ़ वो मेरे चेहरा करता है मुझ से बोलता है बात न‌ करना लड़कों से खुद वो‌ दो चार लड़कियों के साथ घुमता है कहता है पंसद है मुझे traditional dress मुझे छोटे कपड़ों में आने को बोलता है खुद के घर के आबरू का पूरा ध्यान है दूसरों की आबरू पर मुंह मरता फिरता है वो कहता है मैं उसके दिल की धड़कन हूं हर वक्त बात वो मुझ से जिस्म की करता है अपनी बहन अकेले बाहर नहीं जा सकतीं हैं मुझे प्यार का बहाना कर मिलने को बुलाता है वो कहता है मुझ से प्यार बहुत हैं उसको वो मेरे जिस्म को बातों से नंगा करता है और आ गया वो एक रात मेरे कमरे में रोकती हूं उसे घर की इज्जत का वस्ता देकर वो मुहब्बत का नाम ले इज्जत तार तार करता है और बीत गए जब कुछ दिन इस बात को हुएं फिर मैंने पूछा उससे शादी कब कर रहे हो मुझ से वो अंजान बन कर बस मुझे घूरता रहा और दो लफ्जों में पूछा उसने"कौन हो तुम"? ये लफ्ज सुन मैं वहीं खड़ी सोचने लगी इस ज़माने में क्या इसे ही मुहब्बत कहते हैं जिस्म से शुरू होकर जिस्म पर खत्म हो जाना ..!! ✍️श्रेया "सोनल"

10 Love

लोग पूछते हैं मेरे आंखों में दर्द का सबब मैं उनको कुछ बताता नहीं साफ झलकता है तेरे चेहरा मेरी आंखों में मैं होंठों से मुहब्बत जताता नहीं ।। ✍️श्रेया "सोनल"

#Night  लोग पूछते हैं मेरे आंखों में दर्द का सबब
मैं उनको कुछ बताता नहीं
साफ झलकता है तेरे चेहरा मेरी आंखों में
मैं होंठों से मुहब्बत जताता नहीं ।।


              
  
  
    
      ✍️श्रेया "सोनल"

#Night

10 Love

#Broken

#Broken

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कलाई ने मेरी चूड़ी खनकाई है पैरों ने मेरी पायल छनकाई है मैंने हाथों में मंहेदी रची है साजन जब जब मुझे तेरी याद सताई है लाल चुनरिया मैं ओढ़ लेती हूं हरी साड़ी तेरे लिए पहन लेती हूं अपने आंखों में काजल संग साजन आंसुओ की धार भी भर लेती हूं महावर से अपने पैरों को सजाती हूं घर के आंगन में रंगोली भी बनातीं हूं पैरों में बिछिया पहनने को साजन मैं तुम्हारी राह देखती रहती हूं दर्पण देखकर खुद को संवारती हूं गजरा भी अपने हाथ से लगा लेती मंगल सूत्र पहनने को साजन मैं बस तुम्हारा इंतज़ार करतीं हूं ऊर्मिला सा मैं जीवन जी रही हूं तुम्हारे लौटने का इंतजार कर रही हूं मांग मेरी आज भी सूनी ही है हाथों में सिन्दूर लिए बैठी रहती हूं।। ✍️ बंजारन ...

#HappyEid  कलाई ने मेरी चूड़ी खनकाई है
पैरों ने मेरी पायल छनकाई है
मैंने हाथों में मंहेदी रची है साजन
जब जब मुझे तेरी याद सताई है

लाल चुनरिया मैं ओढ़ लेती हूं
हरी साड़ी तेरे लिए पहन लेती हूं
अपने आंखों में काजल संग साजन
आंसुओ की धार भी भर लेती हूं

महावर से अपने पैरों को सजाती हूं
घर के आंगन में रंगोली भी बनातीं हूं
पैरों में बिछिया पहनने को साजन
मैं तुम्हारी राह देखती रहती हूं

दर्पण देखकर खुद को संवारती हूं
गजरा भी अपने हाथ से लगा लेती
मंगल सूत्र पहनने को साजन
मैं बस तुम्हारा इंतज़ार करतीं हूं

ऊर्मिला सा मैं जीवन जी रही हूं
तुम्हारे लौटने का इंतजार कर रही हूं
मांग मेरी आज भी सूनी ही है
हाथों में सिन्दूर लिए बैठी रहती हूं।।

         ✍️ बंजारन ...

#HappyEid

4 Love

कलाई ने मेरी चूड़ी खनकाई है पैरों ने मेरी पायल छनकाई है मैंने हाथों में मंहेदी रची है साजन जब जब मुझे तेरी याद सताई है लाल चुनरिया मैं ओढ़ लेती हूं हरी साड़ी तेरे लिए पहन लेती हूं अपने आंखों में काजल संग साजन आंसुओ की धार भी भर लेती हूं महावर से अपने पैरों को सजाती हूं घर के आंगन में रंगोली भी बनातीं हूं पैरों में बिछिया पहनने को साजन मैं तुम्हारी राह देखती रहती हूं दर्पण देखकर खुद को संवारती हूं गजरा भी अपने हाथ से लगा लेती मंगल सूत्र पहनने को साजन मैं बस तुम्हारा इंतज़ार करतीं हूं ऊर्मिला सा मैं जीवन जी रही हूं तुम्हारे लौटने का इंतजार कर रही हूं मांग मेरी आज भी सूनी ही है हाथों में सिन्दूर लिए बैठी रहती हूं।। ✍️ बंजारन ...

#HappyEid  कलाई ने मेरी चूड़ी खनकाई है
पैरों ने मेरी पायल छनकाई है
मैंने हाथों में मंहेदी रची है साजन
जब जब मुझे तेरी याद सताई है

लाल चुनरिया मैं ओढ़ लेती हूं
हरी साड़ी तेरे लिए पहन लेती हूं
अपने आंखों में काजल संग साजन
आंसुओ की धार भी भर लेती हूं

महावर से अपने पैरों को सजाती हूं
घर के आंगन में रंगोली भी बनातीं हूं
पैरों में बिछिया पहनने को साजन
मैं तुम्हारी राह देखती रहती हूं

दर्पण देखकर खुद को संवारती हूं
गजरा भी अपने हाथ से लगा लेती
मंगल सूत्र पहनने को साजन
मैं बस तुम्हारा इंतज़ार करतीं हूं

ऊर्मिला सा मैं जीवन जी रही हूं
तुम्हारे लौटने का इंतजार कर रही हूं
मांग मेरी आज भी सूनी ही है
हाथों में सिन्दूर लिए बैठी रहती हूं।।

         ✍️ बंजारन ...

#HappyEid

7 Love

नन्ही छोटी अंगुलियों का खुरदुरा स्पर्श मुझे यू ही अनुभव होने लगा था मैं कुछ अलग सा महसूस कर रहीं थीं मैं कुछ अजीब सा महसूस कर रही थी मुझे एक अनोखी खुशी मिल रहीं थीं शायद, मैं एक पत्नी से मां बन रही थी मेरे गर्भ में मेरा ही अंश पल रहा था मेरे गर्भ में घर का वंश पल रहा था परिवार में एक खुशी की लहर थीं मुझ से ज्यादा मेरे हमसफ़र को खुशी थीं सबने उसके आने की तैयारी कर ली थी कपड़ों संग नाम की खोज शुरू हो गई थी डाक्टर ने मेरा इलाज शुरू कर दिया था मेरे बच्चे के जन्म का इंतजार सबको था इस दुनिया में जन्मा तो बच्चा मेरा लेकिन सांसें वो पहले ही छोड़ आया था खुशियां मेरी सारी धरी की धरी रह गई सब के चहरे पर एक उदासी छा गई मेरे हमसफ़र ने मेरे हाथ थाम लिया खुद रोकर मेरे आंसुओं को पोछना चाहा ✍️ बंजारन

#LookingDeep  नन्ही छोटी अंगुलियों का खुरदुरा स्पर्श
मुझे यू ही अनुभव होने लगा था 
मैं कुछ अलग सा महसूस कर रहीं थीं 
मैं कुछ अजीब सा महसूस कर रही थी
मुझे एक अनोखी खुशी मिल रहीं थीं
शायद, मैं एक पत्नी से मां बन रही थी
मेरे गर्भ में मेरा ही अंश पल रहा था
मेरे गर्भ में घर का वंश पल रहा था
परिवार में एक खुशी की लहर थीं
मुझ से ज्यादा मेरे हमसफ़र को खुशी थीं
सबने उसके आने की तैयारी कर ली थी
कपड़ों संग नाम की खोज शुरू हो गई थी
डाक्टर ने मेरा इलाज शुरू कर दिया था
मेरे बच्चे के जन्म का इंतजार सबको था
इस दुनिया में जन्मा तो बच्चा मेरा 
लेकिन सांसें वो पहले ही छोड़ आया था
खुशियां मेरी सारी धरी की धरी रह गई
सब के चहरे पर एक उदासी छा गई
मेरे हमसफ़र ने मेरे हाथ थाम लिया
खुद रोकर मेरे आंसुओं को पोछना चाहा 

✍️ बंजारन
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