कुमार योगेंद्र

कुमार योगेंद्र

मैं पेशे से अध्यापक हूँ। पन्नों को काला तो बहुत पहले ही करना शुरू कर दिया था। फिर शादी होने पर इस प्रक्रिया में बदलाव आ गया। जीवन में नई जिम्मेदारियां जुड़ गयी पहले उनको निभाना जरूरी हो गया। यह अंतराल लगभग दस वर्ष का रहा। अब NOJOTO से ये दोबारा से संभव हो पाया है। अच्छा ये के काग़ज़ और कलम की जरूरत नहीं पड़ती। जब चाहे जहाँ चाहे कविता लिख सकते है। दस साल पुराने पन्ने अभी बिखरे पडे हैं। अभी उनको संजोना है। इन दस वर्षो में लेखनी में क्या बदलाव आया उसको आप महसूस करेंगें और मेरे जीवन के उस दौर को भी महसूस करेंगें जो कि खूबसूरत था और अब का दौर आप के प्यार के साथ और भी खूब सूरत है। जीवन के इस सफर में जिस जिस ने भी मेरे मन में संवेदना को जागृत किया उसका मैं शुक्रगुज़ार हूँ और जिन्होंने मेरे जीवन में प्यार के पहलुओं को प्रगाढ़ किया उनको भी कभी भूल नहीं पाऊँगा। शायद वो चरित्र मेरे मन मे घड़ गए हैं जो कभी भूले नहीं जा सकते। जल्द ही मिलते है आपके लिए नई और मेरे लिए पुरानी कविताओं के साथ। बीते लम्हें शीर्षक में। धन्यवाद

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