Pragya Singh

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हर वो ख़्वाब जो देखती हूं तुमसे जुड़ कर! ना जाने क्यों मेरे ख्वाब उड़ जाते हैं। तुमने कहा तुम मुझे पसंद हो, हमने सारी पसंद मिटा कर तुमको पसंद कर लिया। फिर तुमने कहा तुम मेरी जान हो, हमने सबको भुला कर तुमको अपनी जान बना लिया। अब अगर तुम कहो के मैं तुम्हारे हिस्से में नहीं तो मैं कहूंगी ! हर वो ख्वाब जो देखती हूं मैं तुमसे जुड़ कर! न जाने क्यों वो मेरे सारे ख्वाब उड़ जाते हैं।।। ©Pragya Singh

 हर वो ख़्वाब जो देखती हूं तुमसे जुड़ कर!
ना जाने क्यों मेरे ख्वाब उड़ जाते हैं।
तुमने कहा तुम मुझे पसंद हो,
हमने सारी पसंद मिटा कर तुमको पसंद कर लिया।
फिर तुमने कहा तुम मेरी जान हो,
हमने सबको भुला कर तुमको अपनी जान बना लिया।
अब अगर तुम कहो के मैं तुम्हारे हिस्से में नहीं
तो मैं कहूंगी !
हर वो ख्वाब जो देखती हूं मैं तुमसे जुड़ कर!
न जाने क्यों वो मेरे सारे ख्वाब उड़ जाते हैं।।।

©Pragya Singh

#ishq #Adhuri #Love #Feeling #writer #Health

8 Love

गम छुपाते छुपाते हुए वैसे भी हार गए से गए थे के! निजात ए मास्क ने सब आसान कर दिया। ©Pragya Singh

#warrior  गम छुपाते छुपाते हुए वैसे भी हार गए से गए थे के!
निजात ए  मास्क ने सब आसान कर दिया।

©Pragya Singh

#warrior

8 Love

उदासियों को समेट कर तुम,अपनी रूह से लिखो। लिखो कुछ ऐसा के लगे,अरे! ये तो मेरा ही किस्सा है। और हो भी क्यों नहीं,ऊपरवाले ने लड़कियों की क़िस्मत एक ही कलम से तो लिखी है। फिर बची खुची कसर ,यहाँ मर्द (sarcasm) लोगनहीं छोड़ते। लड़की हो तुम लड़की,इस बात का इस्बात हर रोज कई कई मर्तबा कराया जाता है। अगर रंग कृष्णा का है तो,हाय! बड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी इसके ब्याह में। फिर उसके बड़े होने का ऐहसास, उसके रिश्तेदार हर रोज इख्ताला करते हैं । चलो खुद को हिम्मती बना कर,कुछ कर दिखाने का सपना आंखों में सजाती है। दिल में मुहोब्बत और दिमाग में साहस लिए वो आगे भी बढ़ जाती है। फिर होता है यूं के उसके पापा की छवि सा, उसके भाई के कद का, उसकी जिंदगी को संवरता है। और जब वो उसके हर सूरत में,समा जाता है, तब वो चला जाता है। टूटा दिल, टूटा साहस लेकर भी,वो जिंदा है, लड़की है ना!मरने का इल्जाम भी उसका चारित्र हनन करेगा, ये सोच कर वो अपना परिवार संवारने के लिए,अपने सारे सपनो को छोड़कर वो करने को तैयार हो जाती है, जो वो कभी सोच भी नही सकती थी। इस कदर टूट जाने के बाद भी वो जिंदा रहती है शरीर से। और फिर वो अपने रूह को समेटे कर दफन कर देती है और याद करती है वो जो उसे हर रोजयाद दिलाया जाता है, के , लड़की हो तुम लड़की!!! तुम्हे ऐसे ही जीना पड़ता है। ©Pragya Singh

#Smile  उदासियों को समेट कर तुम,अपनी रूह से लिखो।
लिखो कुछ ऐसा के लगे,अरे! ये तो मेरा ही किस्सा है।
और हो भी क्यों नहीं,ऊपरवाले ने लड़कियों की क़िस्मत
एक ही कलम से तो लिखी है।
फिर बची खुची कसर ,यहाँ मर्द (sarcasm) लोगनहीं छोड़ते।
लड़की हो तुम लड़की,इस बात का इस्बात हर रोज
कई कई मर्तबा कराया जाता है।
अगर रंग कृष्णा का है तो,हाय! बड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी
इसके ब्याह में।
फिर उसके बड़े होने का ऐहसास, उसके रिश्तेदार हर रोज इख्ताला
करते हैं ।
चलो खुद को हिम्मती बना कर,कुछ कर दिखाने का सपना 
आंखों में सजाती है।
दिल में मुहोब्बत और दिमाग में साहस लिए वो आगे भी बढ़ जाती है।
फिर होता है यूं के उसके पापा की छवि सा, उसके भाई के कद का,
उसकी जिंदगी को संवरता है।
और जब वो उसके हर सूरत में,समा जाता है, तब वो चला जाता है।
टूटा दिल, टूटा साहस लेकर भी,वो जिंदा है, लड़की है ना!मरने का
इल्जाम भी उसका चारित्र हनन करेगा, ये सोच कर वो
अपना परिवार संवारने के लिए,अपने सारे सपनो को छोड़कर 
वो करने को तैयार हो जाती है, जो वो कभी सोच भी नही सकती थी।
इस कदर टूट जाने के बाद भी वो जिंदा रहती है शरीर से।
और फिर वो अपने रूह को समेटे कर दफन कर देती है और
याद करती है वो जो उसे हर रोजयाद दिलाया जाता है,
के , लड़की हो तुम लड़की!!! तुम्हे ऐसे ही जीना पड़ता है।

©Pragya Singh

#Smile

9 Love

Ik Shakhs K Kho Janay Ka Darr Kyun Nahi Jata Ye Bojh Meray DiL Se Utar Kyun Nahi Jata?? Manzil Pe Pahuch Kar Bhi Use Khona Pade Ga Ye Tay Hai To Phir Shauq-e-Safar Kyun Nahi Jata?? Main Jab Bhi Tarashun, Tera sath Hi Tarashun Ye Zauq-e-Nazar, Ye Shauq-e-Hunar Kyun Nahi Jata?? Ye Waqt Tujhay Mujh Se Juda Kar To Raha Hai Ye Waqt Issi Waqt Thehar Kyun Nahi Jata?? Gar Tujh Se Bichadne Ka Hai Ranj Mujhay Itna To Main Shiddat-e-Jazbaat Se Mar Kyun Nahi Jata.. प्रज्ञा ✍️

#waterfall  Ik Shakhs K Kho Janay Ka Darr Kyun Nahi Jata
Ye Bojh Meray DiL Se Utar Kyun Nahi Jata?? 

Manzil Pe Pahuch Kar Bhi Use Khona Pade Ga
Ye Tay Hai To Phir Shauq-e-Safar Kyun Nahi Jata?? 

Main Jab Bhi Tarashun, Tera sath Hi Tarashun
Ye Zauq-e-Nazar, Ye Shauq-e-Hunar Kyun Nahi Jata?? 

Ye Waqt Tujhay Mujh Se Juda Kar To Raha Hai
Ye Waqt Issi Waqt Thehar Kyun Nahi Jata?? 

Gar Tujh Se Bichadne Ka Hai Ranj Mujhay Itna
To Main Shiddat-e-Jazbaat Se Mar Kyun Nahi Jata..
प्रज्ञा ✍️

#waterfall&Stars

8 Love

जज्बातों जिस्त, इक दिन; मैंने हर लम्हा इस ख्याल में निकाल दिया! के कमी क्या रह जाती है किसी के प्यार में? जो वो दोनों एक होकर भी एक नहीं हो पाते। ख़यालो से थोड़ा उभरे ही थे के देखा चांद डूब रहा था, और एक लाल रोशनी ने चांदनी का दम घों ट डाला। प्रज्ञा ✍️

#Night  जज्बातों जिस्त,
 इक दिन;
 मैंने हर लम्हा इस ख्याल में निकाल दिया!
के कमी क्या रह जाती है किसी के प्यार में?
जो वो दोनों एक होकर भी एक नहीं हो पाते।
ख़यालो से थोड़ा उभरे ही थे के देखा चांद डूब रहा था,
और एक लाल रोशनी ने चांदनी का दम घों ट डाला।
प्रज्ञा ✍️

#Night

11 Love

एक बार यूं सोचा मैंने; आवाज़ ना दूं तुम्हें! के देखू तो क्या तुम आते हो!! मै जवाब क्या दूं खुद को! के तेरा जवाब ही लाजवाब निकला।।।

#alone  एक बार यूं सोचा मैंने; आवाज़ ना दूं तुम्हें!
के देखू तो क्या तुम आते हो!!
मै जवाब क्या दूं खुद को!
के तेरा जवाब ही लाजवाब निकला।।।

#alone

10 Love

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