Pagal

Pagal Lives in Shamli Rural, Uttar Pradesh, India

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https://youtu.be/5guCFtJ2NTQ

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#कविता #शायरी #शामली #पागल #माही #गज़ल                                                        .                                                   चेहरे पर हंसी, दिल मे अरमां लिए
                                            .                                                                 बहुत मुस्कुराया करती थी
 वो लड्डू अजीब थी जो दो चोटी कर
स्कूल जाया करती थी।
उसकी एक बहन आंखे तो.                                                                                                                            
छोटे वाली बहुत शर्माया करती थी।                                                                                                                 
वो लड्डू अजीब थी जो दो चोटी कर
स्कूल जाया करती थी।
                                          .                                                                                      कभी पास्ता कभी परांठा,
                                                                                                                                कभी मैगी बनाया करती थी।
                                                                                        कभी तेज़ धूप मे खड़ी होकर
                                                                                                                                 अपनी सूरत दिखाया करती थी
वो लड्डू अजीब थी जो दो चोटी कर
स्कूल जाया करती थी।
मुझे बहार बुलाने के लिए.                                                                                                                                    
ये तरीका आजमाया करती थी।                                                                                                                             
गली में खड़ी हो तेज चिल्लाया करती थी.                                                                                                               
वो लड्डू अजीब थी जो दो चोटी कर
स्कूल जाया करती थी।
                                                                                                                             उसके काले कुर्ते वाली ड्रेस,
                                                                                                                             मुझे बहुत भाया करती थी।
पूछकर हाल अपनी ड्रेस का.                                                                                                                                  
खुद को रिझाया करती थी.                                                                                                                                      
वो लड्डू अजीब थी जो दो चोटी कर
स्कूल जाया करती थी।

                                                                                                                        अपनी बड़ी बहन से भी कभी -2 
                                                                                                                                    बात कराया करती थी।
                                                                                                                        मोहल्ले वालों से सावधान रहो
                                                                                                                         वो ये समझाया करती थी।
वो लड्डू अजीब थी जो दो चोटी कर
स्कूल जाया करती थी।

                                                                                   #उसके हिस्से के सारे गम, उसकी खुशी में तब्दील हो जाए
                                                                                     ऐ!खुदा ऐसी रहम कर मेरी उम्र भी लड्डू को लग जाए।

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मेरी सारी नाराजगी इक पल मे मिटा देती थी| मुझको मनाने के लिए वो छत पर आ ,कान पकड़ उठक बैठक लगा देती थी|| #पागल सुमित कोरी ©Pagal

#शायरी #पागल  मेरी सारी नाराजगी इक पल मे मिटा देती थी|
मुझको मनाने के लिए
वो छत पर आ ,कान पकड़
 उठक बैठक लगा देती थी||     
 #पागल सुमित कोरी

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मेरी सारी नाराजगी इक पल मे मिटा देती थी| मुझको मनाने के लिए वो छत पर आ ,कान पकड़ उठक बैठक लगा देती थी|| #पागल सुमित कोरी ©Pagal

9 Love

#शायरी #लड्डू #पागल #माही #shamliaala #Pagal  मेरी सारी नाराजगी इक पल मे मिटा देती थी|
मुझको मनाने के लिए
वो छत पर आ ,कान पकड़ 
उठक बैठक लगा देती थी||      
#पागल सुमित कोरी
#माही
#लड्डू

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कुछ लोग भले ही चले जाए इस जहां से पर हमेशा के लिए अमर हो जाते है। ©Pagal

#SiddharthaShukla #कोट्स  कुछ लोग भले ही चले जाए इस जहां से
पर हमेशा के लिए अमर हो जाते है।

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लड्डू ! मेरी जिंदगी हर किसी के लिए मयस्सर नहीं । दुनिया घूमने पर एक ऐसा पागल मिलता है।।। ©Pagal

#NationalSimplicityDay #sumit #Pagal  लड्डू ! मेरी जिंदगी  हर किसी के लिए मयस्सर नहीं ।
दुनिया घूमने पर एक ऐसा पागल मिलता है।।।

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लड्डू ! मेरी जिंदगी हर किसी के लिए मयस्सर नहीं । दुनिया घूमने पर एक ऐसा पागल मिलता है।।। #Pagal #sumit #NationalSimplicityDay

10 Love

वो इश्क़ मे खुदखुशी करना चाहती थी, मैंने उसे गले लगाया और आजाद कर दिया।। #पागल सुमित कोरी ©pagal shamli

#पागल #OneSeason  वो इश्क़ मे खुदखुशी करना चाहती थी,
मैंने उसे गले लगाया और आजाद कर दिया।।
#पागल सुमित कोरी

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वो इश्क़ मे खुदखुशी करना चाहती थी मैंने उसे गले लगाया और आजाद कर दिया। #पागल #OneSeason

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