इस चाँद मैं सभी अपने प्यार के सपने देखते हैं,अपने प्यार की सूरत देखते हैं,ये ही तो सोचते हैं सब पर सच कहूँ तो मैं नहीं सोच पाया...मुझे तुम्हारा प्यार इस चाँद के जैसा नहीं चाहिए, मैं तुम्हे चाँद सा नहीं देखता हूँ और न तुम्हे चाँद मैं ढूंढता हूं,मुझे तुम्हारा ये चाँद सा दो पहलुओं मैं बंटा प्यार नही चाहिए,घटता बढ़ता प्यार कभी घोर तिमिर की अमावस रात मैं छाया अंधेरा तो कभी पूरनमासी सा चमचमाता सरोबार उजाला,मुझे ऐसा घटता बढ़ता प्यार नहीं चाहिए जो कभी जीवन मैं खुशियों की बेमौसम बहार ले आये और कभी होंठों पे उदासी का बसंत खिला दे, मुझे तुम्हारा प्यार ध्रुव तारे सा एक समान चाहिए एक जैसा स्थिर,समान,चिर,निरंतर सा..जो सुख दुख,हर परिस्थिति मैं एक सा चमकता रहे जिसमैं ना स्तिथि का अंतर आये न प्रभाव का,जो जीवन के हर पहलू पर समान बरसे....तो तुम बन जाना मेरे लिए ध्रुव तारा,मैं अपनी दिशाओं को खोकर तुम्हें उत्तर दिशा मैं ढूंढता रहूँगा,मैं तुम्हे ढूंढूंगा उसी जगह जहां तुम असंख्य तारों के बीच मेरी आँखों पे चमक बिखेरोगे,जहाँ तुम्हारा अस्तित्व है,हर पल और विपल मैं तुम्हे देखता रहूंगा उसी नजर से,चाहूंगा उसी शिद्दत से जिस शिद्दत से तुम्हे चमकना है हर अंधेरी रात मैं उत्तर दिशा मैं....अंबे शिवम🙏
©BINNY GAIROLA
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