Pranav Santvan

Pranav Santvan

pianist , poet , background music

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मेरे ज़ब्त को अब इतना भी न आज़माना, इरादा अगर जाने का हो तो फ़िर न आना, फ़ासलों में खो जाते हैं मरासिम भी शायद, फ़ासले कुछ मैं बढ़ाऊँगा कुछ तुम बढ़ाना ©Pranav Santvan

#leaf  मेरे ज़ब्त को अब इतना भी न आज़माना,
इरादा अगर जाने का हो तो फ़िर न आना,
फ़ासलों में खो जाते हैं मरासिम भी शायद,
फ़ासले कुछ मैं बढ़ाऊँगा कुछ तुम बढ़ाना

©Pranav Santvan

#leaf

9 Love

तुम तो बस एक इत्तेफ़ाक़ थे , और इत्तेफ़ाक़ बार-बार नहीं होते ©Pranav Santvan

#Books  तुम तो बस एक इत्तेफ़ाक़ थे ,
और इत्तेफ़ाक़ बार-बार नहीं होते

©Pranav Santvan

#Books

12 Love

#tujhe_kitna_chahne_lage_hum #BollyWoodSongs #kabirsingh #Bollywood #pianist

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जैसे बादल का टुकड़ा ओढ़े आज सर्द रात से मिलने आया है चाँद , किसी रोज़ पुराने मरासिम ओढ़े एक-दूसरे से मिलने आएँगे हम-तुम ©Pranav Santvan

#Moon  जैसे बादल का टुकड़ा ओढ़े आज
सर्द रात से मिलने आया है चाँद  ,
किसी रोज़ पुराने मरासिम ओढ़े
एक-दूसरे से मिलने आएँगे हम-तुम

©Pranav Santvan

#Moon

9 Love

न रंज है न दोस्ती है न मरासिम कोई, न जुदा है न गुमशुदा है न हासिल कोई ©Pranav Santvan

 न रंज है न दोस्ती है न मरासिम कोई,
न जुदा है न गुमशुदा है न हासिल कोई

©Pranav Santvan

न रंज है न दोस्ती है न मरासिम कोई, न जुदा है न गुमशुदा है न हासिल कोई ©Pranav Santvan

10 Love

तेरी मोहब्बत में मैं मुंतशिर हूँ इस बात की कोई शिकायत नहीं, जज़्बात-ए-इश्क़ को ग़लती कहना हमारे यहाँ की रिवायत नहीं ©Pranav Santvan

#Scattered  तेरी मोहब्बत में मैं मुंतशिर हूँ
इस बात की कोई शिकायत नहीं,
जज़्बात-ए-इश्क़ को ग़लती कहना
हमारे यहाँ की रिवायत नहीं

©Pranav Santvan

#Scattered

10 Love

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