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चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते हम भी उस समाज में ।। हजम नहीं वह घी कर पाते । छीन निवाले जो है खाते ।। मंदिर-मंदिर करके रोये । पाये तो सीढ़ी पे सोये ।। चुनकर उनको तुम रखवाला । कर बैठे अपना मुँह काला । मार ठहाका जो हैं हँसते । काटें में मछली हैं फँसते ।। देख खुशी ऐसे हर्षाने , स्वयं न छवि अपनी पहचाने ।। अच्छी सीख अवध ने दी है । भूलूं न मैं भीख में दी है ।। शीश नवाता अवध भूमि को ।  करना चाहूँ नमन भूमि को ।। पुनः लौट जो अवसर आये । तट सरयू दर्शन हम पाये ।। हनुमत खड़े रहे बन प्रहरी । हर इच्छा जो हरि की ठहरी ।। मैं मानूँ सब हरि की माया । हर काया में उनकी छाया ।। मिला प्रसाद हमें प्रभु दर से । पुनः शुरूआत उसी घर से ।। भूल क्षमा हो रघुवर मेरे । दूर करो ये आज अँधेरे ।। तुम ही हो इस जग के स्वामी । माने तुमको अन्तरयामी ।। राम कहाँ कुछ उनके लगते । जो मन चाहे बकते रहते ।। हमने रघुवर को सब माना । महल बने था दिल में ठाना ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  चौपाई छन्द :-
जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।।
राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।।
भरा पेट क्या भरत राज में । रहते हम भी उस समाज में ।।
हजम नहीं वह घी कर पाते । छीन निवाले जो है खाते ।।
मंदिर-मंदिर करके रोये । पाये तो सीढ़ी पे सोये ।।
चुनकर उनको तुम रखवाला । कर बैठे अपना मुँह काला ।
मार ठहाका जो हैं हँसते । काटें में मछली हैं फँसते ।।
देख खुशी ऐसे हर्षाने , स्वयं न छवि अपनी पहचाने ।।
अच्छी सीख अवध ने दी है । भूलूं न मैं भीख में दी है ।।
शीश नवाता अवध भूमि को ।  करना चाहूँ नमन भूमि को ।।
पुनः लौट जो अवसर आये । तट सरयू दर्शन हम पाये ।।
हनुमत खड़े रहे बन प्रहरी । हर इच्छा जो हरि की ठहरी ।।
मैं मानूँ सब हरि की माया । हर काया में उनकी छाया ।।
मिला प्रसाद हमें प्रभु दर से । पुनः शुरूआत उसी घर से ।।
भूल क्षमा हो रघुवर मेरे । दूर करो ये आज अँधेरे ।।
तुम ही हो इस जग के स्वामी । माने तुमको अन्तरयामी ।।
राम कहाँ कुछ उनके लगते । जो मन चाहे बकते रहते ।।
हमने रघुवर को सब माना । महल बने था दिल में ठाना ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते

13 Love

 White ।। सियासी दुकानें के ।।

ये दिन चुनाव के अब आ गए हैं , सियासी दुकानें के ये नेता अब सजा रहे हैं ।
चिकनी चुपड़ी बातें करके , अब हमें ये फुसला रहे हैं ।।

सही फ़ैसला तुम कर लेना  , ये वादे सुनकर न हर्षाना तुम ।
बातों में इनकी कभी न आ जाना , दिमाग़ अपना अब तुम चलाना  ।।

गलत सही का अर्थ समझ जाना ,इनके जज़्बातों में कही न बह जाना ।
ताक़त अपनी को आज़माना , दबाव किसी के में न आना तुम ।।

रुपए- पैसों का लालच न करना , देश की बागडोर सही हाथ में धरना तुम ।
वोट डालने अवश्य जाना , सोच समझकर बटन दबाना तुम ।।

सियासी चालों से बच जाना , लालचियों को परख तुम जाना है ।
देश सेवा का बीड़ा उठाना , सही व्यक्ति को सत्ता में लाना है  ।।

केवल भाईचारा न निभाना , देश पर संकट मत ले आना ।
भावी भारत के विजेता बनना , सियासी चालों में न उलझना ।।

बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करना , जनता को लुटने न देना तुम ।
देश की अखंडता बचाए रखना , गौरव देश का बनाए रखना तुम ।।

©Shivkumar

#election2024 #election #electiontime #election2025 #election2026 #Nojoto ।। सियासी दुकानें के ।। ये दिन #चुनाव के अब आ गए हैं , सियास

108 View

#हनुमानजन्मोत्सव #हनुमानजयंती #बजरंगबली #मुस्कान #हनुमान #hanumanjayanti24  hanuman jayanti 2024 ।।  हनुमंत वीर ।।

आओ हिल मिल मंगल गान गाएं ।
रामेष्ट का जन्मदिवस मुस्कान संग मनाएं ।

जन्मोत्सव बजरंगबली का बहुत हर्षाता ।
मां अंजनी का लाल दुख करता  सबके दूर ।

बाल्यकाल से ही जग में हुआ नाम रोशन ।
पवनपुत्र हनुमानजी पीड़ा हरते हर जन की ।

महाबल के हो धनीन्। 
दर्प का आप करते नाश ।

राम जी के लाडले करते सबके काज ।
सीता मैया के अतिप्रिय वीर हनुमान ।

पवन वेग से जा लाए संजीवन बूटी ।
मूर्छित लक्ष्मण के प्राण दाता कहलाए ।

सीता मैया  का पता लगा राम के लाडले बने ।
जन जन का आप रखते ख्याल ।

दसग्रीव दर्पहा का करा नाश ।
रोट, गुड़, मोती चूर के लड्डू का भोग मन भाता ।



राम जी के चरणों के अलावा कहीं ना सुहाता ।
नमन चरणों में
बालाजी आपको बारम्बार ।
करो सारे जग का कल्याण ।

©Shivkumar

#hanumanjayanti24 #हनुमानजयंती #हनुमानजन्मोत्सव #हनुमान #hanumanjayanti #Hanuman #Nojoto ।। हनुमंत वीर ।। आओ हिल मिल मंगल गान गाएं । रा

117 View

#शायरी  श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा..

कोणी सांगितले तुला मला काही वाटत नाही
मन पेटलेले असल्यावर तन मुळी पेटत नाही

हवा असतो मला नित्य सोहळा तनामनाचा
 थरार अनुभवायचा असतो प्रत्येक क्षणाचा

लपेटून घ्यायचे असते तुला उबदार श्वासात
नको असतो थोडाही दुरावा प्रणयी सुवासात

विळख्यात तुझ्या अखंड डुंबून माळावा सुगंध
भिडता नजरेला नजर यौवनाचा भलताच गंध

कडाडावी शलाका रे तुझ्या हळुवार स्पर्शाने
मी माळावा अवघा वसंत किती किती हर्षाने

श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा मंत्रमुग्ध व्हावे
मला जे जे सांगायचेय ते न सांगता तुला कळावे

सरसावून यावास तू मला घेण्या मिठीत सखया
सामावता तुझ्या बाहूत क्षणही नको जावा वाया......

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor

श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा.. कोणी सांगितले तुला मला काही वाटत नाही मन पेटलेले असल्यावर तन मुळी पेटत नाही हवा असतो मला नित्य सोहळा तनाम

243 View

चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते हम भी उस समाज में ।। हजम नहीं वह घी कर पाते । छीन निवाले जो है खाते ।। मंदिर-मंदिर करके रोये । पाये तो सीढ़ी पे सोये ।। चुनकर उनको तुम रखवाला । कर बैठे अपना मुँह काला । मार ठहाका जो हैं हँसते । काटें में मछली हैं फँसते ।। देख खुशी ऐसे हर्षाने , स्वयं न छवि अपनी पहचाने ।। अच्छी सीख अवध ने दी है । भूलूं न मैं भीख में दी है ।। शीश नवाता अवध भूमि को ।  करना चाहूँ नमन भूमि को ।। पुनः लौट जो अवसर आये । तट सरयू दर्शन हम पाये ।। हनुमत खड़े रहे बन प्रहरी । हर इच्छा जो हरि की ठहरी ।। मैं मानूँ सब हरि की माया । हर काया में उनकी छाया ।। मिला प्रसाद हमें प्रभु दर से । पुनः शुरूआत उसी घर से ।। भूल क्षमा हो रघुवर मेरे । दूर करो ये आज अँधेरे ।। तुम ही हो इस जग के स्वामी । माने तुमको अन्तरयामी ।। राम कहाँ कुछ उनके लगते । जो मन चाहे बकते रहते ।। हमने रघुवर को सब माना । महल बने था दिल में ठाना ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  चौपाई छन्द :-
जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।।
राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।।
भरा पेट क्या भरत राज में । रहते हम भी उस समाज में ।।
हजम नहीं वह घी कर पाते । छीन निवाले जो है खाते ।।
मंदिर-मंदिर करके रोये । पाये तो सीढ़ी पे सोये ।।
चुनकर उनको तुम रखवाला । कर बैठे अपना मुँह काला ।
मार ठहाका जो हैं हँसते । काटें में मछली हैं फँसते ।।
देख खुशी ऐसे हर्षाने , स्वयं न छवि अपनी पहचाने ।।
अच्छी सीख अवध ने दी है । भूलूं न मैं भीख में दी है ।।
शीश नवाता अवध भूमि को ।  करना चाहूँ नमन भूमि को ।।
पुनः लौट जो अवसर आये । तट सरयू दर्शन हम पाये ।।
हनुमत खड़े रहे बन प्रहरी । हर इच्छा जो हरि की ठहरी ।।
मैं मानूँ सब हरि की माया । हर काया में उनकी छाया ।।
मिला प्रसाद हमें प्रभु दर से । पुनः शुरूआत उसी घर से ।।
भूल क्षमा हो रघुवर मेरे । दूर करो ये आज अँधेरे ।।
तुम ही हो इस जग के स्वामी । माने तुमको अन्तरयामी ।।
राम कहाँ कुछ उनके लगते । जो मन चाहे बकते रहते ।।
हमने रघुवर को सब माना । महल बने था दिल में ठाना ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते

13 Love

 White ।। सियासी दुकानें के ।।

ये दिन चुनाव के अब आ गए हैं , सियासी दुकानें के ये नेता अब सजा रहे हैं ।
चिकनी चुपड़ी बातें करके , अब हमें ये फुसला रहे हैं ।।

सही फ़ैसला तुम कर लेना  , ये वादे सुनकर न हर्षाना तुम ।
बातों में इनकी कभी न आ जाना , दिमाग़ अपना अब तुम चलाना  ।।

गलत सही का अर्थ समझ जाना ,इनके जज़्बातों में कही न बह जाना ।
ताक़त अपनी को आज़माना , दबाव किसी के में न आना तुम ।।

रुपए- पैसों का लालच न करना , देश की बागडोर सही हाथ में धरना तुम ।
वोट डालने अवश्य जाना , सोच समझकर बटन दबाना तुम ।।

सियासी चालों से बच जाना , लालचियों को परख तुम जाना है ।
देश सेवा का बीड़ा उठाना , सही व्यक्ति को सत्ता में लाना है  ।।

केवल भाईचारा न निभाना , देश पर संकट मत ले आना ।
भावी भारत के विजेता बनना , सियासी चालों में न उलझना ।।

बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करना , जनता को लुटने न देना तुम ।
देश की अखंडता बचाए रखना , गौरव देश का बनाए रखना तुम ।।

©Shivkumar

#election2024 #election #electiontime #election2025 #election2026 #Nojoto ।। सियासी दुकानें के ।। ये दिन #चुनाव के अब आ गए हैं , सियास

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#हनुमानजन्मोत्सव #हनुमानजयंती #बजरंगबली #मुस्कान #हनुमान #hanumanjayanti24  hanuman jayanti 2024 ।।  हनुमंत वीर ।।

आओ हिल मिल मंगल गान गाएं ।
रामेष्ट का जन्मदिवस मुस्कान संग मनाएं ।

जन्मोत्सव बजरंगबली का बहुत हर्षाता ।
मां अंजनी का लाल दुख करता  सबके दूर ।

बाल्यकाल से ही जग में हुआ नाम रोशन ।
पवनपुत्र हनुमानजी पीड़ा हरते हर जन की ।

महाबल के हो धनीन्। 
दर्प का आप करते नाश ।

राम जी के लाडले करते सबके काज ।
सीता मैया के अतिप्रिय वीर हनुमान ।

पवन वेग से जा लाए संजीवन बूटी ।
मूर्छित लक्ष्मण के प्राण दाता कहलाए ।

सीता मैया  का पता लगा राम के लाडले बने ।
जन जन का आप रखते ख्याल ।

दसग्रीव दर्पहा का करा नाश ।
रोट, गुड़, मोती चूर के लड्डू का भोग मन भाता ।



राम जी के चरणों के अलावा कहीं ना सुहाता ।
नमन चरणों में
बालाजी आपको बारम्बार ।
करो सारे जग का कल्याण ।

©Shivkumar

#hanumanjayanti24 #हनुमानजयंती #हनुमानजन्मोत्सव #हनुमान #hanumanjayanti #Hanuman #Nojoto ।। हनुमंत वीर ।। आओ हिल मिल मंगल गान गाएं । रा

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#शायरी  श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा..

कोणी सांगितले तुला मला काही वाटत नाही
मन पेटलेले असल्यावर तन मुळी पेटत नाही

हवा असतो मला नित्य सोहळा तनामनाचा
 थरार अनुभवायचा असतो प्रत्येक क्षणाचा

लपेटून घ्यायचे असते तुला उबदार श्वासात
नको असतो थोडाही दुरावा प्रणयी सुवासात

विळख्यात तुझ्या अखंड डुंबून माळावा सुगंध
भिडता नजरेला नजर यौवनाचा भलताच गंध

कडाडावी शलाका रे तुझ्या हळुवार स्पर्शाने
मी माळावा अवघा वसंत किती किती हर्षाने

श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा मंत्रमुग्ध व्हावे
मला जे जे सांगायचेय ते न सांगता तुला कळावे

सरसावून यावास तू मला घेण्या मिठीत सखया
सामावता तुझ्या बाहूत क्षणही नको जावा वाया......

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor

श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा.. कोणी सांगितले तुला मला काही वाटत नाही मन पेटलेले असल्यावर तन मुळी पेटत नाही हवा असतो मला नित्य सोहळा तनाम

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