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New लिखावट प्रतियोगिता Status, Photo, Video

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ग़ज़ल :- धुन दर्द ए दिल दर्दे ए जिगर 2122     2122    2122    212 जख्म़ पर मेरे अभी मरहम लगाया आपने । मैं तो बस रोता रहा हँसना सिखाया आपने ।। लड़खडाकर गिर रहे थे ये कदम उठते हुए । थाम कर उँगली मेरी चलना सिखाया आपने ।। हार जाता आज बाजी प्यार के मैदान में  पर लगाकर आज सीने से जिताया आपने ।। प्यार की प्रतियोगिता में दौलतों का था चलन। हीर बनकर आज उसको भी मिटाया आपने ।। याद मुझको यार सब कुछ क्या किसे किसने दिया । हर सितम को उस सितमगर से छुपाया आपने ।। भूल कैसे आज जाऊँ मैं तेरे उपकार को । एक लेकर दिल मेरा दिल में बिठाया आपने ।। मैं समझता था जिसे भी आज तक अपना खुदा । उन खुदाओ से मुझे अब तक बचाया आपने ।। क्यों नहीं एतबार होता है किसी की बात पर । किसलिए दिल को मेरे जख्म़ी बनाया आपने ।। जान तक कुर्बान देखो उस प्रखर पे था किया । पर कभी भी हक नही अपना जताया आपने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :- धुन दर्द ए दिल दर्दे ए जिगर
2122     2122    2122    212

जख्म़ पर मेरे अभी मरहम लगाया आपने ।
मैं तो बस रोता रहा हँसना सिखाया आपने ।।
लड़खडाकर गिर रहे थे ये कदम उठते हुए ।
थाम कर उँगली मेरी चलना सिखाया आपने ।।
हार जाता आज बाजी प्यार के मैदान में 
पर लगाकर आज सीने से जिताया आपने ।।
प्यार की प्रतियोगिता में दौलतों का था चलन।
हीर बनकर आज उसको भी मिटाया आपने ।।
याद मुझको यार सब कुछ क्या किसे किसने दिया ।
हर सितम को उस सितमगर से छुपाया आपने ।।
भूल कैसे आज जाऊँ मैं तेरे उपकार को ।
एक लेकर दिल मेरा दिल में बिठाया आपने ।।
मैं समझता था जिसे भी आज तक अपना खुदा ।
उन खुदाओ से मुझे अब तक बचाया आपने ।।
क्यों नहीं एतबार होता है किसी की बात पर ।
किसलिए दिल को मेरे जख्म़ी बनाया आपने ।।
जान तक कुर्बान देखो उस प्रखर पे था किया ।
पर कभी भी हक नही अपना जताया आपने ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- धुन दर्द ए दिल दर्दे ए जिगर 2122     2122    2122    212 जख्म़ पर मेरे अभी मरहम लगाया आपने । मैं तो बस रोता रहा हँसना सिखाया आपने ।।

0 Love

#स्मृतियों #lastdayofschoolcampus #lastdayofcollege #कविता #shilpayadav #flowers  White स्मृतियों में बस याद आएगा कालेज का कण कण
सहपाठियों की मस्ती सभी गुरुओं का अपनापन
कैम्पस की बातें ,लैब में शोध के समय की घातें
कभी कभी चीटिंग, आइसक्रीम ,पापड और चाट
डायरेक्टर सर और H O D की कड़कती डांट
टिफिन का खाना अपना ये अल्हड़पन का जमाना
सब आएगा याद जब चंद दिनों में पड़ेगा कमाना
प्रिंसीपल का व्यक्तित्व और उनके  होने वाले चर्चे
नकल करने के लिखे नोट्स एवं टाइप हुए पर्चे
अपने दोस्तों का समूह,एवं सहायता के सबके भाव
और कुछ के प्रेम में पड़े छात्रों के उदासी के ताव
मोटू भैया को लतीफों में न ले जा पाने का अभाव
नीलगगन के नीचे अब दोनो नयनों को मींचे मींचे
अवसाद में सेल्फी ,यूनीफॉर्म पर सबकी लिखावट
रुआसे से गले लगना ,भूलकर सभी कडवाहट 
जीवन की इस अनुपम नेह से ऐसे ही सदा सींचे
तूफ़ान उमड रहा ,नयनों में केवल अब प्रत्याशा हैं
 कंठ भरा भावुकता से फिर जीवन मे वही तमाशा है।।

©Shilpa yadav

#flowers #lastdayofcollege#lastdayofschoolcampus#shilpayadav#स्मृतियों में बस याद आएगा कालेज का कण कण सहपाठियों की मस्ती सभी गुरुओं का अपनाप

702 View

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #शायरी #ममता

#ममता मां के ममता के लिए क्या लिखूं दोस्तों मैं खुद एक मां हूं जिसकी एक मां की दूसरी मां के लिए लिखावट हूं मैं..🖊️

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(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। कितने तप त्याग किये तुम ने। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज जो भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। कितना भी अभाव क्यों न हो। तुमने हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।। खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। मै यह नहीं कहती कि तेरी इच्छा न होती होगी।। पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कुछ गुण न था मुझमे। फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। कहती थी नाज है तू मेरा। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। (दिव्या संगीत , दरभंगा ) 🖋️स्व-रचित 🌹🌹 ©संगीत कुमार

#कविता #motherlove  (दिव्या संगीत रचित)

माँ
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। 
क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। 
तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। 
अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ।
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। 
आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। 
कितने तप त्याग किये तुम ने। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज जो  भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। 
जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। 
तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कितना भी अभाव क्यों न हो। 
तुमने  हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।।
खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। 
पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। 
खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। 
मै यह नहीं  कहती कि तेरी इच्छा  न होती होगी।। 
पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कुछ गुण न था मुझमे। 
फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। 
कहती थी नाज है तू मेरा। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। 
आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। 
एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। 
आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। 
एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
  (दिव्या संगीत , दरभंगा )
    🖋️स्व-रचित 🌹🌹

©संगीत कुमार

#motherlove(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट ह

10 Love

White एक पुरानी कहानी है एक था खरगोश एक था कछुआ दोनों में हो गया रेस का जसवा खरगोश और कछुआ के बीच में प्रतियोगिता हो गई कि कौन पहले आता है आगे कछुआ का चला था धीरे और खरगोश था तेज दौड़ने में कछुआ चला धीरे-धीरे खरगोश दौड़ के सोचा कि हम तो बहुत तेज दौड़ते हैं हम चाहे थोड़ा आराम कर ले फिर भी प्रथम स्थान पर हम ही आएंगे खरगोश की यह सोचने उसे रेस के प्रतियोगिता में हार का सामना करना पड़ा और वह अंत में बहुत फुट-फुट के रोने लगा की कछुआ धीरे चलने वाला मेरी तेज रफ्तार से होने के बाद भी वह प्रतियोगिता जीत गया और मैं हार गया जीवन में दो चीज बहुत महत्वपूर्ण है या तो जीत या तो हार प्रथम स्थान और हार यह दोनों जिंदगी के दो पहलू हैं लेकिन व्यक्ति को हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए एक न एक दिन सफलता सबको मिलती है सीखना और सीखाना यह सिलसिला जिंदगी भर चलते रहता है जब तक आपकी सांसे चलती है यह सिलसिला चलते रहता है 🙏🙏 ©person

#Hope  White एक पुरानी कहानी है 
एक था खरगोश एक था कछुआ 
दोनों में हो गया रेस का जसवा 
खरगोश और कछुआ के बीच में प्रतियोगिता हो गई कि कौन पहले आता है आगे कछुआ का चला था धीरे और खरगोश था तेज दौड़ने में कछुआ चला धीरे-धीरे खरगोश दौड़ के सोचा कि हम तो बहुत तेज दौड़ते हैं हम चाहे थोड़ा आराम कर ले फिर भी प्रथम स्थान पर हम ही आएंगे 
खरगोश  की यह सोचने उसे रेस के प्रतियोगिता में हार का सामना करना पड़ा और वह अंत में बहुत फुट-फुट के रोने लगा की कछुआ धीरे चलने वाला मेरी तेज रफ्तार से होने के बाद भी वह प्रतियोगिता जीत गया और मैं हार गया 
जीवन में दो चीज बहुत महत्वपूर्ण है या तो जीत या तो हार 
प्रथम स्थान और हार 
यह दोनों जिंदगी के दो पहलू हैं 
लेकिन व्यक्ति को हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए एक न एक दिन सफलता सबको मिलती है 
सीखना और सीखाना 
यह सिलसिला जिंदगी भर चलते रहता है जब तक आपकी सांसे चलती है यह सिलसिला चलते रहता है 
🙏🙏

©person

#Hope racing competition दौड़ प्रतियोगिता

17 Love

 जय श्री राधे कृष्णा🙏

©vinay panwar

माँ के लिये क्या लिखूं मै माँ की ही तो लिखावट हूँ मैं देखा जब भी करीब से तुझे तेरी बातें याद आयी मेरे हर एक कदमों के निशां पे सिर्फ त

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ग़ज़ल :- धुन दर्द ए दिल दर्दे ए जिगर 2122     2122    2122    212 जख्म़ पर मेरे अभी मरहम लगाया आपने । मैं तो बस रोता रहा हँसना सिखाया आपने ।। लड़खडाकर गिर रहे थे ये कदम उठते हुए । थाम कर उँगली मेरी चलना सिखाया आपने ।। हार जाता आज बाजी प्यार के मैदान में  पर लगाकर आज सीने से जिताया आपने ।। प्यार की प्रतियोगिता में दौलतों का था चलन। हीर बनकर आज उसको भी मिटाया आपने ।। याद मुझको यार सब कुछ क्या किसे किसने दिया । हर सितम को उस सितमगर से छुपाया आपने ।। भूल कैसे आज जाऊँ मैं तेरे उपकार को । एक लेकर दिल मेरा दिल में बिठाया आपने ।। मैं समझता था जिसे भी आज तक अपना खुदा । उन खुदाओ से मुझे अब तक बचाया आपने ।। क्यों नहीं एतबार होता है किसी की बात पर । किसलिए दिल को मेरे जख्म़ी बनाया आपने ।। जान तक कुर्बान देखो उस प्रखर पे था किया । पर कभी भी हक नही अपना जताया आपने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :- धुन दर्द ए दिल दर्दे ए जिगर
2122     2122    2122    212

जख्म़ पर मेरे अभी मरहम लगाया आपने ।
मैं तो बस रोता रहा हँसना सिखाया आपने ।।
लड़खडाकर गिर रहे थे ये कदम उठते हुए ।
थाम कर उँगली मेरी चलना सिखाया आपने ।।
हार जाता आज बाजी प्यार के मैदान में 
पर लगाकर आज सीने से जिताया आपने ।।
प्यार की प्रतियोगिता में दौलतों का था चलन।
हीर बनकर आज उसको भी मिटाया आपने ।।
याद मुझको यार सब कुछ क्या किसे किसने दिया ।
हर सितम को उस सितमगर से छुपाया आपने ।।
भूल कैसे आज जाऊँ मैं तेरे उपकार को ।
एक लेकर दिल मेरा दिल में बिठाया आपने ।।
मैं समझता था जिसे भी आज तक अपना खुदा ।
उन खुदाओ से मुझे अब तक बचाया आपने ।।
क्यों नहीं एतबार होता है किसी की बात पर ।
किसलिए दिल को मेरे जख्म़ी बनाया आपने ।।
जान तक कुर्बान देखो उस प्रखर पे था किया ।
पर कभी भी हक नही अपना जताया आपने ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- धुन दर्द ए दिल दर्दे ए जिगर 2122     2122    2122    212 जख्म़ पर मेरे अभी मरहम लगाया आपने । मैं तो बस रोता रहा हँसना सिखाया आपने ।।

0 Love

#स्मृतियों #lastdayofschoolcampus #lastdayofcollege #कविता #shilpayadav #flowers  White स्मृतियों में बस याद आएगा कालेज का कण कण
सहपाठियों की मस्ती सभी गुरुओं का अपनापन
कैम्पस की बातें ,लैब में शोध के समय की घातें
कभी कभी चीटिंग, आइसक्रीम ,पापड और चाट
डायरेक्टर सर और H O D की कड़कती डांट
टिफिन का खाना अपना ये अल्हड़पन का जमाना
सब आएगा याद जब चंद दिनों में पड़ेगा कमाना
प्रिंसीपल का व्यक्तित्व और उनके  होने वाले चर्चे
नकल करने के लिखे नोट्स एवं टाइप हुए पर्चे
अपने दोस्तों का समूह,एवं सहायता के सबके भाव
और कुछ के प्रेम में पड़े छात्रों के उदासी के ताव
मोटू भैया को लतीफों में न ले जा पाने का अभाव
नीलगगन के नीचे अब दोनो नयनों को मींचे मींचे
अवसाद में सेल्फी ,यूनीफॉर्म पर सबकी लिखावट
रुआसे से गले लगना ,भूलकर सभी कडवाहट 
जीवन की इस अनुपम नेह से ऐसे ही सदा सींचे
तूफ़ान उमड रहा ,नयनों में केवल अब प्रत्याशा हैं
 कंठ भरा भावुकता से फिर जीवन मे वही तमाशा है।।

©Shilpa yadav

#flowers #lastdayofcollege#lastdayofschoolcampus#shilpayadav#स्मृतियों में बस याद आएगा कालेज का कण कण सहपाठियों की मस्ती सभी गुरुओं का अपनाप

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#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #शायरी #ममता

#ममता मां के ममता के लिए क्या लिखूं दोस्तों मैं खुद एक मां हूं जिसकी एक मां की दूसरी मां के लिए लिखावट हूं मैं..🖊️

99 View

(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। कितने तप त्याग किये तुम ने। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज जो भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। कितना भी अभाव क्यों न हो। तुमने हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।। खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। मै यह नहीं कहती कि तेरी इच्छा न होती होगी।। पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कुछ गुण न था मुझमे। फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। कहती थी नाज है तू मेरा। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। (दिव्या संगीत , दरभंगा ) 🖋️स्व-रचित 🌹🌹 ©संगीत कुमार

#कविता #motherlove  (दिव्या संगीत रचित)

माँ
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। 
क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। 
तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। 
अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ।
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। 
आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। 
कितने तप त्याग किये तुम ने। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज जो  भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। 
जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। 
तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कितना भी अभाव क्यों न हो। 
तुमने  हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।।
खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। 
पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। 
खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। 
मै यह नहीं  कहती कि तेरी इच्छा  न होती होगी।। 
पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कुछ गुण न था मुझमे। 
फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। 
कहती थी नाज है तू मेरा। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। 
आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। 
एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। 
आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। 
एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
  (दिव्या संगीत , दरभंगा )
    🖋️स्व-रचित 🌹🌹

©संगीत कुमार

#motherlove(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट ह

10 Love

White एक पुरानी कहानी है एक था खरगोश एक था कछुआ दोनों में हो गया रेस का जसवा खरगोश और कछुआ के बीच में प्रतियोगिता हो गई कि कौन पहले आता है आगे कछुआ का चला था धीरे और खरगोश था तेज दौड़ने में कछुआ चला धीरे-धीरे खरगोश दौड़ के सोचा कि हम तो बहुत तेज दौड़ते हैं हम चाहे थोड़ा आराम कर ले फिर भी प्रथम स्थान पर हम ही आएंगे खरगोश की यह सोचने उसे रेस के प्रतियोगिता में हार का सामना करना पड़ा और वह अंत में बहुत फुट-फुट के रोने लगा की कछुआ धीरे चलने वाला मेरी तेज रफ्तार से होने के बाद भी वह प्रतियोगिता जीत गया और मैं हार गया जीवन में दो चीज बहुत महत्वपूर्ण है या तो जीत या तो हार प्रथम स्थान और हार यह दोनों जिंदगी के दो पहलू हैं लेकिन व्यक्ति को हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए एक न एक दिन सफलता सबको मिलती है सीखना और सीखाना यह सिलसिला जिंदगी भर चलते रहता है जब तक आपकी सांसे चलती है यह सिलसिला चलते रहता है 🙏🙏 ©person

#Hope  White एक पुरानी कहानी है 
एक था खरगोश एक था कछुआ 
दोनों में हो गया रेस का जसवा 
खरगोश और कछुआ के बीच में प्रतियोगिता हो गई कि कौन पहले आता है आगे कछुआ का चला था धीरे और खरगोश था तेज दौड़ने में कछुआ चला धीरे-धीरे खरगोश दौड़ के सोचा कि हम तो बहुत तेज दौड़ते हैं हम चाहे थोड़ा आराम कर ले फिर भी प्रथम स्थान पर हम ही आएंगे 
खरगोश  की यह सोचने उसे रेस के प्रतियोगिता में हार का सामना करना पड़ा और वह अंत में बहुत फुट-फुट के रोने लगा की कछुआ धीरे चलने वाला मेरी तेज रफ्तार से होने के बाद भी वह प्रतियोगिता जीत गया और मैं हार गया 
जीवन में दो चीज बहुत महत्वपूर्ण है या तो जीत या तो हार 
प्रथम स्थान और हार 
यह दोनों जिंदगी के दो पहलू हैं 
लेकिन व्यक्ति को हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए एक न एक दिन सफलता सबको मिलती है 
सीखना और सीखाना 
यह सिलसिला जिंदगी भर चलते रहता है जब तक आपकी सांसे चलती है यह सिलसिला चलते रहता है 
🙏🙏

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#Hope racing competition दौड़ प्रतियोगिता

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 जय श्री राधे कृष्णा🙏

©vinay panwar

माँ के लिये क्या लिखूं मै माँ की ही तो लिखावट हूँ मैं देखा जब भी करीब से तुझे तेरी बातें याद आयी मेरे हर एक कदमों के निशां पे सिर्फ त

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