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#life_quotes #Quotes  White *कहाँ पर बोलना है,*
    *और कहाँ पर बोल जाते हैं,*
          *जहाँ खामोश रहना है,*
               *वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸

*कटा जब शीश सैनिक का,*
     *तो हम खामोश रहते हैं,*
          *कटा एक सीन पिक्चर का,*
               *तो सारे बोल जाते हैं.!!* 🌸

*नयी नस्लों के ये बच्चे,*
     *जमाने भर की सुनते हैं,*
          *मगर माँ बाप कुछ बोले,*
                *तो बच्चे बोल जाते हैं.!!*🌸

*बहुत ऊँची दुकानों में,*
      *कटाते जेब सब अपनी,*
            *मगर मज़दूर माँगेगा,*
                 *तो सिक्के बोल जाते हैं.!!*🌸

*अगर मखमल करे गलती,*
     *तो कोई कुछ नहीँ कहता,*
         *फटी चादर की गलती हो,*
               *तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸

*हवाओं की तबाही को,*
     *सभी चुपचाप सहते हैं,*
          *चिरागों से हुई गलती,*
                *तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸

*बनाते फिरते हैं रिश्ते,*
      *जमाने भर से अक्सर हम,*
            *मगर घर में जरूरत हो,*
                 *तो रिश्ते भूल जाते हैं.!!*🌸
 
*कहाँ पर बोलना है,*
     *और कहाँ पर बोल जाते हैं,*
          *जहाँ खामोश रहना है,*
              *उत्तम वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸

                               💐🌷

©Jeetal Shah

#life_quotes *कहाँ पर बोलना है,* *और कहाँ पर बोल जाते हैं,* *जहाँ खामोश रहना है,* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!

81 View

White दोहा संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।। प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान । तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।। अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान । अंग-अंग रहता खुला , कहता ऊँची शान ।। बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार । वह भी फैशन में छिने , अब सब बे अधिकार ।। मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास । भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली खास ।। जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात । अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा

संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान ।
हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।।

जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान ।
बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।।

प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान ।
तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।।

अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान ।
अंग-अंग रहता खुला , कहता ऊँची शान ।।

 बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार ।
वह भी फैशन में छिने , अब सब बे अधिकार ।।

मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास ।
भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली खास ।।

जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात ।
अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , म

10 Love

White दोहा :- संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।। प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान । तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।। अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान । अंग-अंग रखकर खुला , कहता ऊँची शान ।।  बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार । वह भी फैशन में छिने , हमसे सब अधिकार ।। मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास । भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली आस ।। जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात । अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा :-

संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान ।
हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।।
जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान ।
बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।।
प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान ।
तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।।
अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान ।
अंग-अंग रखकर खुला , कहता ऊँची शान ।।
 बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार ।
वह भी फैशन में छिने , हमसे सब अधिकार ।।
मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास ।
भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली आस ।।
जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात ।
अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव

12 Love

#निशाना #तोड़ने #गर्मी #कविता #बगीचे #पसंद  White खट्टे मीठे पीले आम
कितने हैं रसीले आम
सभी फलों के राजा हैं
सबसे ऊँची इनकी शान

आई गर्मी लेकर आम
सूझा ना कोई और काम
आम तोड़ने की हुई तैयारी
दौड़े बच्चे दिल को थाम

बाग बगीचे भरे पड़े हैं
लटके तरह-तरह के आम
माली के नजरों से छुप कर
निशाना लगाते गुलेल थाम

जिसका निशाना पक्का होता
मिलता उसको उसका ईनाम
लगे पत्थर जो माली के सर पर
सरपट भागे धड़ाम धड़ाम

सबके दिलों की पसंद हैं यह
सबके मन को ललचाते आम
पल भर में चट कर जाते
बच्चों को खूब लुभाते आम।

©Shivkumar

#mango #आम #Nojoto खट्टे मीठे पीले आम कितने हैं रसीले आम सभी फलों के राजा हैं सबसे ऊँची इनकी #शान

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#life_quotes #Quotes  White *कहाँ पर बोलना है,*
    *और कहाँ पर बोल जाते हैं,*
          *जहाँ खामोश रहना है,*
               *वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸

*कटा जब शीश सैनिक का,*
     *तो हम खामोश रहते हैं,*
          *कटा एक सीन पिक्चर का,*
               *तो सारे बोल जाते हैं.!!* 🌸

*नयी नस्लों के ये बच्चे,*
     *जमाने भर की सुनते हैं,*
          *मगर माँ बाप कुछ बोले,*
                *तो बच्चे बोल जाते हैं.!!*🌸

*बहुत ऊँची दुकानों में,*
      *कटाते जेब सब अपनी,*
            *मगर मज़दूर माँगेगा,*
                 *तो सिक्के बोल जाते हैं.!!*🌸

*अगर मखमल करे गलती,*
     *तो कोई कुछ नहीँ कहता,*
         *फटी चादर की गलती हो,*
               *तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸

*हवाओं की तबाही को,*
     *सभी चुपचाप सहते हैं,*
          *चिरागों से हुई गलती,*
                *तो सारे बोल जाते हैं.!!*🌸

*बनाते फिरते हैं रिश्ते,*
      *जमाने भर से अक्सर हम,*
            *मगर घर में जरूरत हो,*
                 *तो रिश्ते भूल जाते हैं.!!*🌸
 
*कहाँ पर बोलना है,*
     *और कहाँ पर बोल जाते हैं,*
          *जहाँ खामोश रहना है,*
              *उत्तम वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!*🌸

                               💐🌷

©Jeetal Shah

#life_quotes *कहाँ पर बोलना है,* *और कहाँ पर बोल जाते हैं,* *जहाँ खामोश रहना है,* *वहाँ मुँह खोल जाते हैं.!!

81 View

White दोहा संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।। प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान । तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।। अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान । अंग-अंग रहता खुला , कहता ऊँची शान ।। बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार । वह भी फैशन में छिने , अब सब बे अधिकार ।। मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास । भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली खास ।। जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात । अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा

संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान ।
हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।।

जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान ।
बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।।

प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान ।
तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।।

अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान ।
अंग-अंग रहता खुला , कहता ऊँची शान ।।

 बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार ।
वह भी फैशन में छिने , अब सब बे अधिकार ।।

मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास ।
भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली खास ।।

जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात ।
अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा संतो की वाणी सुनो , सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , म

10 Love

White दोहा :- संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।। प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान । तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।। अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान । अंग-अंग रखकर खुला , कहता ऊँची शान ।।  बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार । वह भी फैशन में छिने , हमसे सब अधिकार ।। मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास । भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली आस ।। जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात । अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा :-

संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान ।
हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।।
जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान ।
बरसाओ इन पर कृपा , मानव को दो ज्ञान ।।
प्रकृति मोह सबमें रहे , चाहूँ मैं वरदान ।
तेरी माया के बिना , यह जग है अज्ञान ।।
अब तो नंगे नाँच से , जगत रहा पहचान ।
अंग-अंग रखकर खुला , कहता ऊँची शान ।।
 बदन सभी ले ढाँक हम , वसन मिलें दो चार ।
वह भी फैशन में छिने , हमसे सब अधिकार ।।
मातु-पिता अब दूर हैं , सास-ससुर अब पास ।
भैय्या-भाभी कुछ नहीं , साला-साली आस ।।
जीवन के हर मोड़ पर , दिया तुम्हीं ने घात ।
अब आकर तुम कर रहे , मुझसे प्यारी बात ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संतो की वाणी सुनो ,  सब जन करके ध्यान । हो जायेगा नष्ट सब , सारा तम अभिमान ।। जीवों को आहार मत , बनने दो भगवान । बरसाओ इन पर कृपा , मानव

12 Love

#निशाना #तोड़ने #गर्मी #कविता #बगीचे #पसंद  White खट्टे मीठे पीले आम
कितने हैं रसीले आम
सभी फलों के राजा हैं
सबसे ऊँची इनकी शान

आई गर्मी लेकर आम
सूझा ना कोई और काम
आम तोड़ने की हुई तैयारी
दौड़े बच्चे दिल को थाम

बाग बगीचे भरे पड़े हैं
लटके तरह-तरह के आम
माली के नजरों से छुप कर
निशाना लगाते गुलेल थाम

जिसका निशाना पक्का होता
मिलता उसको उसका ईनाम
लगे पत्थर जो माली के सर पर
सरपट भागे धड़ाम धड़ाम

सबके दिलों की पसंद हैं यह
सबके मन को ललचाते आम
पल भर में चट कर जाते
बच्चों को खूब लुभाते आम।

©Shivkumar

#mango #आम #Nojoto खट्टे मीठे पीले आम कितने हैं रसीले आम सभी फलों के राजा हैं सबसे ऊँची इनकी #शान

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