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#motivation_for_life #rohanroymotivation #dailymotivation #Motivational #inspirdaily #RohanRoy  White हमारी विवशता हमें, असक्त बनाती हैं।
किंतु हम अपनी विवशता में छिपे कमियों को, 
ना समझने की सबसे बड़ी भूल करते हैं। 
इसलिए हमारा मन, 
हमें ना समझने की भूल करता रहता है।

©Rohan Roy

हमारी विवशता हमें, असक्त बनाती हैं | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation |

126 View

#nojotohindipoetry #रक्षक #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  रक्षक (दोहे)

रक्षक जब भक्षक बनें, कहीं नहीं फिर ठौर।
तोड़ दिया विश्वास है, हो इस पर भी गौर।।

रक्षक हो जब सामने, होता है विश्वास।
रक्षा कर पालन करे, यही बनाती खास।।

रक्षक भूले कर्म जो, भक्षक का हो राज।
संकट में फिर जिंदगी, कैसे पहने ताज।।

देव-दूत कहते उसे, है रक्षक का रूप।
भक्षक को ऐसे लगे, जैसे तपती धूप।।

रक्षक की ताकत बड़ी, ईश्वर देते साथ।
जहाँ पड़े कमजोर है, सर पर रखते हाथ।।

भक्षक भी फिर टूटता, रक्षक देता चोट।
भागा-भागा वह फिरे, कहीं न मिलती ओट।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#रक्षक #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi रक्षक (दोहे) रक्षक जब भक्षक बनें, कहीं नहीं फिर ठौर। तोड़ दिया विश्वास है, हो इस पर भी गौर।।

621 View

#मराठीकविता

#Love कविता "प्रेम का ब्याज" यह कविता प्यार और संबंधों में विश्वास, सम्मान, सहानुभूति, और संतोष को स्थायी रूप से बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह

117 View

#मोटिवेशनल #सिर्फ #Night  White सिर्फ सोच का ही फर्क है,
 वरना
 समस्याएँ आपको कमजोर नहीं
 मजबूत बनाती है...!

©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).

#Night #सिर्फ सोच का ही फर्क है वरना समस्याएँ आपको कमजोर नहीं मजबूत बनाती है...!

189 View

#मोटिवेशनल #असंभव #Thinking  Black असंभव को संभव 
सिर्फ 
आपकी सकारात्मक सोच ही बनाती है.!!

©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).

#Thinking #असंभव को संभव सिर्फ आपकी सकारात्मक सोच ही बनाती है.!!

261 View

White ग़ज़ल:- तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं । क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१ थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला । प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।।२ साथ चलना तुम्हारे अलग बात है । साथ पर अजनबी का निभाती नहीं ।।३ जिनसे रिश्ता जुड़ा है यहाँ प्यार का । देख उनको कभी मैं रुलाती नहीं ।।४ प्रेम उनका करें कैसे जाहिर यहाँ । माँग सिंदूर क्या मैं सजाती नहीं ।।५ दौड़ आयेगा वो  एक आवाज़ में । पर उसे भी कभी मैं बुलाती नहीं ।।६ प्यार का सोचकर आज अंज़ाम मैं । कोई रिश्ता भी देखो बनाती नहीं ।।७ है सड़क पर बहुत आज मजनूं पड़े । मैं नज़र यार उनसे मिलाती नहीं ।।८ भूल तुमसे हुई है जताकर वफ़ा । जा प्रखर केश तुझ पर लगाती नहीं ।।९ ०६/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल:-
तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं ।
क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१
थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला ।
प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।।२
साथ चलना तुम्हारे अलग बात है ।
साथ पर अजनबी का निभाती नहीं ।।३
जिनसे रिश्ता जुड़ा है यहाँ प्यार का ।
देख उनको कभी मैं रुलाती नहीं ।।४
प्रेम उनका करें कैसे जाहिर यहाँ ।
माँग सिंदूर क्या मैं सजाती नहीं ।।५
दौड़ आयेगा वो  एक आवाज़ में ।
पर उसे भी कभी मैं बुलाती नहीं ।।६
प्यार का सोचकर आज अंज़ाम मैं ।
कोई रिश्ता भी देखो बनाती नहीं ।।७
है सड़क पर बहुत आज मजनूं पड़े ।
मैं नज़र यार उनसे मिलाती नहीं ।।८
भूल तुमसे हुई है जताकर वफ़ा ।
जा प्रखर केश तुझ पर लगाती नहीं ।।९


०६/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल:- तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं । क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१ थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला । प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।

13 Love

#motivation_for_life #rohanroymotivation #dailymotivation #Motivational #inspirdaily #RohanRoy  White हमारी विवशता हमें, असक्त बनाती हैं।
किंतु हम अपनी विवशता में छिपे कमियों को, 
ना समझने की सबसे बड़ी भूल करते हैं। 
इसलिए हमारा मन, 
हमें ना समझने की भूल करता रहता है।

©Rohan Roy

हमारी विवशता हमें, असक्त बनाती हैं | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation |

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#nojotohindipoetry #रक्षक #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  रक्षक (दोहे)

रक्षक जब भक्षक बनें, कहीं नहीं फिर ठौर।
तोड़ दिया विश्वास है, हो इस पर भी गौर।।

रक्षक हो जब सामने, होता है विश्वास।
रक्षा कर पालन करे, यही बनाती खास।।

रक्षक भूले कर्म जो, भक्षक का हो राज।
संकट में फिर जिंदगी, कैसे पहने ताज।।

देव-दूत कहते उसे, है रक्षक का रूप।
भक्षक को ऐसे लगे, जैसे तपती धूप।।

रक्षक की ताकत बड़ी, ईश्वर देते साथ।
जहाँ पड़े कमजोर है, सर पर रखते हाथ।।

भक्षक भी फिर टूटता, रक्षक देता चोट।
भागा-भागा वह फिरे, कहीं न मिलती ओट।।
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देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#रक्षक #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi रक्षक (दोहे) रक्षक जब भक्षक बनें, कहीं नहीं फिर ठौर। तोड़ दिया विश्वास है, हो इस पर भी गौर।।

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#मराठीकविता

#Love कविता "प्रेम का ब्याज" यह कविता प्यार और संबंधों में विश्वास, सम्मान, सहानुभूति, और संतोष को स्थायी रूप से बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह

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#मोटिवेशनल #सिर्फ #Night  White सिर्फ सोच का ही फर्क है,
 वरना
 समस्याएँ आपको कमजोर नहीं
 मजबूत बनाती है...!

©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).

#Night #सिर्फ सोच का ही फर्क है वरना समस्याएँ आपको कमजोर नहीं मजबूत बनाती है...!

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#मोटिवेशनल #असंभव #Thinking  Black असंभव को संभव 
सिर्फ 
आपकी सकारात्मक सोच ही बनाती है.!!

©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).

#Thinking #असंभव को संभव सिर्फ आपकी सकारात्मक सोच ही बनाती है.!!

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White ग़ज़ल:- तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं । क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१ थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला । प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।।२ साथ चलना तुम्हारे अलग बात है । साथ पर अजनबी का निभाती नहीं ।।३ जिनसे रिश्ता जुड़ा है यहाँ प्यार का । देख उनको कभी मैं रुलाती नहीं ।।४ प्रेम उनका करें कैसे जाहिर यहाँ । माँग सिंदूर क्या मैं सजाती नहीं ।।५ दौड़ आयेगा वो  एक आवाज़ में । पर उसे भी कभी मैं बुलाती नहीं ।।६ प्यार का सोचकर आज अंज़ाम मैं । कोई रिश्ता भी देखो बनाती नहीं ।।७ है सड़क पर बहुत आज मजनूं पड़े । मैं नज़र यार उनसे मिलाती नहीं ।।८ भूल तुमसे हुई है जताकर वफ़ा । जा प्रखर केश तुझ पर लगाती नहीं ।।९ ०६/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल:-
तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं ।
क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१
थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला ।
प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।।२
साथ चलना तुम्हारे अलग बात है ।
साथ पर अजनबी का निभाती नहीं ।।३
जिनसे रिश्ता जुड़ा है यहाँ प्यार का ।
देख उनको कभी मैं रुलाती नहीं ।।४
प्रेम उनका करें कैसे जाहिर यहाँ ।
माँग सिंदूर क्या मैं सजाती नहीं ।।५
दौड़ आयेगा वो  एक आवाज़ में ।
पर उसे भी कभी मैं बुलाती नहीं ।।६
प्यार का सोचकर आज अंज़ाम मैं ।
कोई रिश्ता भी देखो बनाती नहीं ।।७
है सड़क पर बहुत आज मजनूं पड़े ।
मैं नज़र यार उनसे मिलाती नहीं ।।८
भूल तुमसे हुई है जताकर वफ़ा ।
जा प्रखर केश तुझ पर लगाती नहीं ।।९


०६/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल:- तू फ़िदा है हमीं पे जताती नहीं । क्या मुझे देख तू मुस्कराती नहीं ।।१ थाम लूँ थाम तेरा मैं कैसे भला । प्यार का मैं वहम दिल बिठाती नहीं ।

13 Love

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