tags

New समझते नहीं Status, Photo, Video

Find the latest Status about समझते नहीं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about समझते नहीं.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White वो समझते ही नहीं हाल ए दिल मेरा आँखों के इशारों पे नचाते हैं हमदर्द उनको बनाया था हमने हम दर्द अपना कहीं और सुनाते हैं। ©shivesh pandit vichitr

#Oneside❤Love❤😢😢😢 #nojotohindi #Shayar #Hope  White वो समझते ही नहीं हाल ए दिल मेरा 
आँखों के इशारों पे नचाते हैं 
हमदर्द उनको बनाया था हमने 
हम दर्द अपना कहीं और सुनाते हैं।

©shivesh pandit vichitr

वो समझते नहीं हाल ए दिल मेरा #Hope #nojotohindi #SAD #Love #Shayar #Oneside❤Love❤😢😢😢

14 Love

#कविता  White तुम क्या समझते हो 
मेरी कब्र की. मिट्टी क़ो 
सहला कर 
मुझे जगा दोगे?.
तुम शायद नहीं जानते कि मै 
अलविदा कह कर  ही कब्र में.. दाखिल हुआ था

क्या तुम मुझे चैन से मरने भी नहीं 
दोगे? 
भला यूँ मेरी कब्र क़ोअपने आसूओ से कब तक़ नहलाते रहोगे?

©Arora PR

क्या समझते हो तुम?

126 View

#विचार #काश  सामने तुम थे
खामोशी से थके हुए कदम लिए घर में दाखिल हो रहे थे
देख कर तुम्हारा गुमसुम चेहरा मैं तुमसे पूछने चाहती थी
क्यों आखिर क्यों तुम इतने हताश हो
लेकिन तुमने मुझे मौका ही नहीं दिया
झट से मेरे मुहं पर दरवाजा बंद कर दिया 
पटाक से दरवाजे की धड़ाम से मेरा दिल फिर एक बार आहत हो गया। 
काश तुम समझ पाते दर्द बांटने से ही कम होता है
खुद को अंदर ही अंदर घुटाने से घुटन होती है 
शायद तुम  मुझे इस काबिल ही नहीं समझते हो
इसलिए तो तुम्हारी जिंदगी की हिस्सा होकर भी एक गुमनाम किस्सा बन कर रह गई हूं।

©Shilpa Modi

#काश तुम समझते

117 View

#SAD

जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते ..💔

153 View

"पागल समझते हैं लोग मुझ पर हसते हैं लोग लोगों को मैं अच्छी नहीं लगती, फिर भी मुझे अच्छे लगते हैं लोग मैं फूल लिए फिर रही हूँ, और खंजर रखते हैं लोग ll मैं जुबां पर सच रखती हूँ‌, झूठ जेब में रखते हैं लोग ll मेरी खामोशी दोषी हो गई है, मुझ पर ताने कसते हैं लोग Preeti uikye 750 04/03/24 ©Gondwana Sherni 750

 "पागल समझते हैं लोग 
  मुझ पर हसते हैं लोग 
    
 लोगों को मैं अच्छी नहीं लगती, 
 फिर भी मुझे अच्छे लगते हैं लोग 

 मैं फूल लिए फिर रही हूँ, 
 और खंजर रखते हैं लोग ll

 मैं जुबां पर सच रखती हूँ‌, 
 झूठ जेब में रखते हैं लोग ll

 मेरी खामोशी दोषी हो गई है, 
 मुझ पर ताने कसते हैं लोग

Preeti uikye 750
04/03/24

©Gondwana Sherni 750

पागल समझते हैं लोग

14 Love

ग़ज़ल :- रूप पल-पल कभी वो बदलते नहीं । साथ दे कर दगा दोस्त करते नहीं ।। नेक इंसान बन दोस्त लगता गले । मैल दिल में रखे लोग मिलते नहीं ।। वो न इंसान है देख संसार में । धूल को जो चंदन समझते नहीं ।। पाँव अपने जमाने अगर हो यहाँ । राह को देख पीछे वो हटते नहीं ।। आसमां की अगर चाहतें जो डगर । बेड़ियों को वो बंधन समझते नहीं ।। चाहतों को हमारी कभी तो समझ । बिन हमारे कभी तुम सँवरते नहीं ।। थक गया है प्रखर राह चलकर तेरी । बात क्या आजकल  तुम निकलते नहीं ।। २६/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
रूप पल-पल कभी वो बदलते नहीं ।
साथ दे कर दगा दोस्त करते नहीं ।।

नेक इंसान बन दोस्त लगता गले ।
मैल दिल में रखे लोग मिलते नहीं ।।

वो न इंसान है देख संसार में ।
धूल को जो चंदन समझते नहीं ।।

पाँव अपने जमाने अगर हो यहाँ ।
राह को देख पीछे वो हटते नहीं ।।

आसमां की अगर चाहतें जो डगर ।
बेड़ियों को वो बंधन समझते नहीं ।।

चाहतों को हमारी कभी तो समझ ।
बिन हमारे कभी तुम सँवरते नहीं ।।

थक गया है प्रखर राह चलकर तेरी ।
बात क्या आजकल  तुम निकलते नहीं ।।

२६/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- रूप पल-पल कभी वो बदलते नहीं । साथ दे कर दगा दोस्त करते नहीं ।।

9 Love

White वो समझते ही नहीं हाल ए दिल मेरा आँखों के इशारों पे नचाते हैं हमदर्द उनको बनाया था हमने हम दर्द अपना कहीं और सुनाते हैं। ©shivesh pandit vichitr

#Oneside❤Love❤😢😢😢 #nojotohindi #Shayar #Hope  White वो समझते ही नहीं हाल ए दिल मेरा 
आँखों के इशारों पे नचाते हैं 
हमदर्द उनको बनाया था हमने 
हम दर्द अपना कहीं और सुनाते हैं।

©shivesh pandit vichitr

वो समझते नहीं हाल ए दिल मेरा #Hope #nojotohindi #SAD #Love #Shayar #Oneside❤Love❤😢😢😢

14 Love

#कविता  White तुम क्या समझते हो 
मेरी कब्र की. मिट्टी क़ो 
सहला कर 
मुझे जगा दोगे?.
तुम शायद नहीं जानते कि मै 
अलविदा कह कर  ही कब्र में.. दाखिल हुआ था

क्या तुम मुझे चैन से मरने भी नहीं 
दोगे? 
भला यूँ मेरी कब्र क़ोअपने आसूओ से कब तक़ नहलाते रहोगे?

©Arora PR

क्या समझते हो तुम?

126 View

#विचार #काश  सामने तुम थे
खामोशी से थके हुए कदम लिए घर में दाखिल हो रहे थे
देख कर तुम्हारा गुमसुम चेहरा मैं तुमसे पूछने चाहती थी
क्यों आखिर क्यों तुम इतने हताश हो
लेकिन तुमने मुझे मौका ही नहीं दिया
झट से मेरे मुहं पर दरवाजा बंद कर दिया 
पटाक से दरवाजे की धड़ाम से मेरा दिल फिर एक बार आहत हो गया। 
काश तुम समझ पाते दर्द बांटने से ही कम होता है
खुद को अंदर ही अंदर घुटाने से घुटन होती है 
शायद तुम  मुझे इस काबिल ही नहीं समझते हो
इसलिए तो तुम्हारी जिंदगी की हिस्सा होकर भी एक गुमनाम किस्सा बन कर रह गई हूं।

©Shilpa Modi

#काश तुम समझते

117 View

#SAD

जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते ..💔

153 View

"पागल समझते हैं लोग मुझ पर हसते हैं लोग लोगों को मैं अच्छी नहीं लगती, फिर भी मुझे अच्छे लगते हैं लोग मैं फूल लिए फिर रही हूँ, और खंजर रखते हैं लोग ll मैं जुबां पर सच रखती हूँ‌, झूठ जेब में रखते हैं लोग ll मेरी खामोशी दोषी हो गई है, मुझ पर ताने कसते हैं लोग Preeti uikye 750 04/03/24 ©Gondwana Sherni 750

 "पागल समझते हैं लोग 
  मुझ पर हसते हैं लोग 
    
 लोगों को मैं अच्छी नहीं लगती, 
 फिर भी मुझे अच्छे लगते हैं लोग 

 मैं फूल लिए फिर रही हूँ, 
 और खंजर रखते हैं लोग ll

 मैं जुबां पर सच रखती हूँ‌, 
 झूठ जेब में रखते हैं लोग ll

 मेरी खामोशी दोषी हो गई है, 
 मुझ पर ताने कसते हैं लोग

Preeti uikye 750
04/03/24

©Gondwana Sherni 750

पागल समझते हैं लोग

14 Love

ग़ज़ल :- रूप पल-पल कभी वो बदलते नहीं । साथ दे कर दगा दोस्त करते नहीं ।। नेक इंसान बन दोस्त लगता गले । मैल दिल में रखे लोग मिलते नहीं ।। वो न इंसान है देख संसार में । धूल को जो चंदन समझते नहीं ।। पाँव अपने जमाने अगर हो यहाँ । राह को देख पीछे वो हटते नहीं ।। आसमां की अगर चाहतें जो डगर । बेड़ियों को वो बंधन समझते नहीं ।। चाहतों को हमारी कभी तो समझ । बिन हमारे कभी तुम सँवरते नहीं ।। थक गया है प्रखर राह चलकर तेरी । बात क्या आजकल  तुम निकलते नहीं ।। २६/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
रूप पल-पल कभी वो बदलते नहीं ।
साथ दे कर दगा दोस्त करते नहीं ।।

नेक इंसान बन दोस्त लगता गले ।
मैल दिल में रखे लोग मिलते नहीं ।।

वो न इंसान है देख संसार में ।
धूल को जो चंदन समझते नहीं ।।

पाँव अपने जमाने अगर हो यहाँ ।
राह को देख पीछे वो हटते नहीं ।।

आसमां की अगर चाहतें जो डगर ।
बेड़ियों को वो बंधन समझते नहीं ।।

चाहतों को हमारी कभी तो समझ ।
बिन हमारे कभी तुम सँवरते नहीं ।।

थक गया है प्रखर राह चलकर तेरी ।
बात क्या आजकल  तुम निकलते नहीं ।।

२६/०२/२०२४    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- रूप पल-पल कभी वो बदलते नहीं । साथ दे कर दगा दोस्त करते नहीं ।।

9 Love

Trending Topic