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New इशक अधुरा दुनिया अधुरी Status, Photo, Video

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#Couple  White पावसाळी दिवसातील ती दुपार होती, साधारण २-३ वाजले असतील पण सूर्याचा कुठेच ठाव-ठिकाणा नव्हता. आकाश काळ्या ढगांनी भरले होते, पावसाची बारीक-बारीक रिपरिप चालूच होती., सगळी धरती हिरवी-गार झाली होती, नारळाची झाडे मुक्त होऊन वाहणाऱ्या वाऱ्या बरोबर डोलत होती. घरात बसूनही कंटाळाच आला होता, मग कपडे चढवले, पायात चप्पल अडकवली आणि सरळ बाहेर पडलो. रत्नागिरीत तशी मनोरंजनाची ठिकाणे फार नाहीत. मग जायला कुठली वाट नसली की मी सरळ समुद्र किनाऱ्याची वाट धरतो. समुद्राची रूप पण किती वेगवेगळी असतात, सकाळी कोवळ्या सूर्यप्रकाशात अवखळ भासणारा हाच समुद्र, दुपारी मात्र अंतःकरणात फार मोठे गुपित साठवून वागणाऱ्या गंभीर माणसासारखा भासतो. ओहोटीला, रुसून बसलेल्या मुलासारखा आपल्यापासून

©Mr Pappu

#Couple अधुरी प्रेम कहानी

216 View

#विचार #इशक  दर्दों गम की स्याही
दिखती नहीं
अफसाना लिखती है

©पथिक..

#इशक ए स्याही

225 View

अपने घर पर भी दरवाजे लगवा लो, घर से निकले तो पूछे क्यों भटकते रहते हो, घर के अंदर जो नहीं मिली है खुशी, औरों के यहां क्योंकर मिल जाएगी, औरों के यहां प्यास बुझाने से बेहतर, अपने घर में ही कोई सागर बना डालो, ©Harvinder Ahuja

#ज़िन्दगी #अधुरी  अपने घर पर भी दरवाजे लगवा लो,
घर से निकले तो पूछे क्यों भटकते रहते हो,
घर के अंदर जो नहीं मिली है खुशी,
औरों के यहां क्योंकर मिल जाएगी,
औरों के यहां प्यास बुझाने से बेहतर,
अपने घर में ही कोई सागर बना डालो,

©Harvinder Ahuja

#अधुरी प्यास

16 Love

#दुनिया #कविता  दुनिया
------

दुनिया के बाज़ार में दुकां देखा मकां देखा इंसानियत की पनाह देखी हैवानियत बेपनाह देखा

रूह काँप जाए वो ठोकर देखी किसी को किसी का होते देखा और सब कुछ खोते देखा कभी इंसां को ख़ुदा होते देखा किसी को गुनाह के बीज बोते देखा

कहीं हद पार करती सरहदें देखी किसी को दबते और दबाते देखा किसी ने तलब से किसी ने मतलब से देखा

मामूली काम से एक मुक़ाम तक का सफर देखा

कभी गिरते और गिराते देखा शर्मसार कर दे वो मंज़र भी तमाम देखा

ग़रीब के ज़हन में अमीरी की लक़ीर देखी अमीरी की सोहबत में फ़क़ीर देखा ख़ुदा की नेमत को इंसानी तराजू में तौलते देखा नफा-नुक़सान की भट्टी में खौलते देखा

चारों पहर साँस का ज़िंदगी पर पहरेदारी देखी दुनियाभर में ख़ुदा की कारीगरी और ज़िंदगी गढ़ते कलाकार की कलाकारी देखी

मनीष राज

©Manish Raaj
#शायरी  जो नींद चुराते है वो कहते है की सोते क्यों नहीं,
जब इतनी ही चिंता है तो हमारे होते क्यों नहीं।

©Deepak Bisht

अधुरी कहानी

162 View

🍁मन के भाव 🍁 No_3330 इश्क़ दिल मे इश्क़ बसाये हो फिर क्यों नजरे झुकाये हो दिल मे इक तरफा इश्क़ के ख्वाब क्यों और किसके लिए सजाये हो ज़रा अपनी मनशा कह दो क्या तुम किसी के इश्क़ के सताये हो तुम कौन से ज़माने मे जी रहे हो लैला का कुछ पता नही फिर क्यों खुद को मजनूं बनाये हो हाथो मे यह गुलाब किसके लिए छुपाये हो स्वरचित_सुरमन_✍️ 4/1/2024 ©Mansha Sharma

#सुरमन_✍️ #कविता #इशक #मन #Gulaab  🍁मन के भाव 🍁
No_3330
इश्क़ 
दिल मे इश्क़ बसाये हो फिर क्यों नजरे झुकाये हो
दिल मे इक तरफा इश्क़ के ख्वाब
क्यों और किसके लिए सजाये हो
ज़रा अपनी मनशा कह दो 
क्या तुम किसी के इश्क़ के सताये हो
तुम कौन से ज़माने मे जी रहे हो
लैला का कुछ पता नही 
फिर क्यों खुद को मजनूं बनाये हो 
हाथो मे यह गुलाब किसके लिए छुपाये हो 
स्वरचित_सुरमन_✍️
4/1/2024

©Mansha Sharma
#Couple  White पावसाळी दिवसातील ती दुपार होती, साधारण २-३ वाजले असतील पण सूर्याचा कुठेच ठाव-ठिकाणा नव्हता. आकाश काळ्या ढगांनी भरले होते, पावसाची बारीक-बारीक रिपरिप चालूच होती., सगळी धरती हिरवी-गार झाली होती, नारळाची झाडे मुक्त होऊन वाहणाऱ्या वाऱ्या बरोबर डोलत होती. घरात बसूनही कंटाळाच आला होता, मग कपडे चढवले, पायात चप्पल अडकवली आणि सरळ बाहेर पडलो. रत्नागिरीत तशी मनोरंजनाची ठिकाणे फार नाहीत. मग जायला कुठली वाट नसली की मी सरळ समुद्र किनाऱ्याची वाट धरतो. समुद्राची रूप पण किती वेगवेगळी असतात, सकाळी कोवळ्या सूर्यप्रकाशात अवखळ भासणारा हाच समुद्र, दुपारी मात्र अंतःकरणात फार मोठे गुपित साठवून वागणाऱ्या गंभीर माणसासारखा भासतो. ओहोटीला, रुसून बसलेल्या मुलासारखा आपल्यापासून

©Mr Pappu

#Couple अधुरी प्रेम कहानी

216 View

#विचार #इशक  दर्दों गम की स्याही
दिखती नहीं
अफसाना लिखती है

©पथिक..

#इशक ए स्याही

225 View

अपने घर पर भी दरवाजे लगवा लो, घर से निकले तो पूछे क्यों भटकते रहते हो, घर के अंदर जो नहीं मिली है खुशी, औरों के यहां क्योंकर मिल जाएगी, औरों के यहां प्यास बुझाने से बेहतर, अपने घर में ही कोई सागर बना डालो, ©Harvinder Ahuja

#ज़िन्दगी #अधुरी  अपने घर पर भी दरवाजे लगवा लो,
घर से निकले तो पूछे क्यों भटकते रहते हो,
घर के अंदर जो नहीं मिली है खुशी,
औरों के यहां क्योंकर मिल जाएगी,
औरों के यहां प्यास बुझाने से बेहतर,
अपने घर में ही कोई सागर बना डालो,

©Harvinder Ahuja

#अधुरी प्यास

16 Love

#दुनिया #कविता  दुनिया
------

दुनिया के बाज़ार में दुकां देखा मकां देखा इंसानियत की पनाह देखी हैवानियत बेपनाह देखा

रूह काँप जाए वो ठोकर देखी किसी को किसी का होते देखा और सब कुछ खोते देखा कभी इंसां को ख़ुदा होते देखा किसी को गुनाह के बीज बोते देखा

कहीं हद पार करती सरहदें देखी किसी को दबते और दबाते देखा किसी ने तलब से किसी ने मतलब से देखा

मामूली काम से एक मुक़ाम तक का सफर देखा

कभी गिरते और गिराते देखा शर्मसार कर दे वो मंज़र भी तमाम देखा

ग़रीब के ज़हन में अमीरी की लक़ीर देखी अमीरी की सोहबत में फ़क़ीर देखा ख़ुदा की नेमत को इंसानी तराजू में तौलते देखा नफा-नुक़सान की भट्टी में खौलते देखा

चारों पहर साँस का ज़िंदगी पर पहरेदारी देखी दुनियाभर में ख़ुदा की कारीगरी और ज़िंदगी गढ़ते कलाकार की कलाकारी देखी

मनीष राज

©Manish Raaj
#शायरी  जो नींद चुराते है वो कहते है की सोते क्यों नहीं,
जब इतनी ही चिंता है तो हमारे होते क्यों नहीं।

©Deepak Bisht

अधुरी कहानी

162 View

🍁मन के भाव 🍁 No_3330 इश्क़ दिल मे इश्क़ बसाये हो फिर क्यों नजरे झुकाये हो दिल मे इक तरफा इश्क़ के ख्वाब क्यों और किसके लिए सजाये हो ज़रा अपनी मनशा कह दो क्या तुम किसी के इश्क़ के सताये हो तुम कौन से ज़माने मे जी रहे हो लैला का कुछ पता नही फिर क्यों खुद को मजनूं बनाये हो हाथो मे यह गुलाब किसके लिए छुपाये हो स्वरचित_सुरमन_✍️ 4/1/2024 ©Mansha Sharma

#सुरमन_✍️ #कविता #इशक #मन #Gulaab  🍁मन के भाव 🍁
No_3330
इश्क़ 
दिल मे इश्क़ बसाये हो फिर क्यों नजरे झुकाये हो
दिल मे इक तरफा इश्क़ के ख्वाब
क्यों और किसके लिए सजाये हो
ज़रा अपनी मनशा कह दो 
क्या तुम किसी के इश्क़ के सताये हो
तुम कौन से ज़माने मे जी रहे हो
लैला का कुछ पता नही 
फिर क्यों खुद को मजनूं बनाये हो 
हाथो मे यह गुलाब किसके लिए छुपाये हो 
स्वरचित_सुरमन_✍️
4/1/2024

©Mansha Sharma
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