tags

New समायोज्य चश्मा Status, Photo, Video

Find the latest Status about समायोज्य चश्मा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about समायोज्य चश्मा.

  • Latest
  • Popular
  • Video

ग़ज़ल :- आज रिश्तों में रिश्ते बचे कुछ नही । आज अपनों से अपने कहे कुछ नही ।। मोह जिस बाप में आज औलाद का । उनको धृतराष्ट्र खुद में दिखे कुछ नही ।। माफ़ कर दो उन्हें आज नादान वो । हमको लगते अभी वो बुरे कुछ नही ।। जिनकी आखों पे चश्मा चढ़ा प्यार का । ऐब अपनों में उनको मिले कुछ नही । चुप रहा और देखा तमाशा सभी । उनको ऊँचा किया पर झुके कुछ नही ।। इस तरह तोड़ अभिमान मेरा दिया । सिर उठाना भी चाहूँ उठे कुछ नही ।। मिट गये है वहम अपने पन के सभी । कह दिया है प्रखर तुम रहे कुछ नही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
आज रिश्तों में रिश्ते बचे कुछ नही ।
आज अपनों से अपने कहे कुछ नही ।।

मोह जिस बाप में आज औलाद का ।
उनको धृतराष्ट्र खुद में दिखे कुछ नही ।।

माफ़ कर दो उन्हें आज नादान वो ।
हमको लगते अभी वो बुरे कुछ नही ।।

जिनकी आखों पे चश्मा चढ़ा प्यार का ।
ऐब अपनों में उनको मिले कुछ नही ।

चुप रहा और देखा तमाशा सभी ।
उनको ऊँचा किया पर झुके कुछ नही ।।

इस तरह तोड़ अभिमान मेरा दिया ।
सिर उठाना भी चाहूँ उठे कुछ नही ।।

मिट गये है वहम अपने पन के सभी ।
कह दिया है प्रखर तुम रहे कुछ नही ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- आज रिश्तों में रिश्ते बचे कुछ नही । आज अपनों से अपने कहे कुछ नही ।।

14 Love

#चुनाव #चश्मा  चश्मा कुछ ऐसे ही उतरेगा कान को लांघ,
कान लगाकर सुनो,कान खड़े कर लो।
सारी हरियाली गुम हो जाएगी,हरा -हरा -
जो दिखता है सावन के अंधों ,टलो।

©BANDHETIYA OFFICIAL
#जिम्मेदारी #कोट्स

#जिम्मेदारी में डूबे लड़के Mere Alfaz जिम्मेदारियों में डूबे लड़के सब कुछ याद रखते हैं प्रेमिका का नाम , माँ की दवा , बाऊजी की उम्र उन्हे

153 View

ग़ज़ल :- आज रिश्तों में रिश्ते बचे कुछ नही । आज अपनों से अपने कहे कुछ नही ।। मोह जिस बाप में आज औलाद का । उनको धृतराष्ट्र खुद में दिखे कुछ नही ।। माफ़ कर दो उन्हें आज नादान वो । हमको लगते अभी वो बुरे कुछ नही ।। जिनकी आखों पे चश्मा चढ़ा प्यार का । ऐब अपनों में उनको मिले कुछ नही । चुप रहा और देखा तमाशा सभी । उनको ऊँचा किया पर झुके कुछ नही ।। इस तरह तोड़ अभिमान मेरा दिया । सिर उठाना भी चाहूँ उठे कुछ नही ।। मिट गये है वहम अपने पन के सभी । कह दिया है प्रखर तुम रहे कुछ नही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
आज रिश्तों में रिश्ते बचे कुछ नही ।
आज अपनों से अपने कहे कुछ नही ।।

मोह जिस बाप में आज औलाद का ।
उनको धृतराष्ट्र खुद में दिखे कुछ नही ।।

माफ़ कर दो उन्हें आज नादान वो ।
हमको लगते अभी वो बुरे कुछ नही ।।

जिनकी आखों पे चश्मा चढ़ा प्यार का ।
ऐब अपनों में उनको मिले कुछ नही ।

चुप रहा और देखा तमाशा सभी ।
उनको ऊँचा किया पर झुके कुछ नही ।।

इस तरह तोड़ अभिमान मेरा दिया ।
सिर उठाना भी चाहूँ उठे कुछ नही ।।

मिट गये है वहम अपने पन के सभी ।
कह दिया है प्रखर तुम रहे कुछ नही ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- आज रिश्तों में रिश्ते बचे कुछ नही । आज अपनों से अपने कहे कुछ नही ।।

14 Love

#चुनाव #चश्मा  चश्मा कुछ ऐसे ही उतरेगा कान को लांघ,
कान लगाकर सुनो,कान खड़े कर लो।
सारी हरियाली गुम हो जाएगी,हरा -हरा -
जो दिखता है सावन के अंधों ,टलो।

©BANDHETIYA OFFICIAL
#जिम्मेदारी #कोट्स

#जिम्मेदारी में डूबे लड़के Mere Alfaz जिम्मेदारियों में डूबे लड़के सब कुछ याद रखते हैं प्रेमिका का नाम , माँ की दवा , बाऊजी की उम्र उन्हे

153 View

Trending Topic