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New आपणो घर पृथ्वी Status, Photo, Video

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White घर पहला घर मां की कोख है फिर जहां मां होती है वो घर होता है मां भी प्रकृति सी होती है और प्रकृति भी मां जैसी स्नेह जहां पनपता है प्रेम जहां पलता है वहां घर है वही घर है कमरे, गांव, शहर या देश घर नही जहां प्रेम है वहां घर है वही घर है!! ©मिहिर

#कविता #घर  White घर

पहला घर मां की कोख है
फिर जहां मां होती है
वो घर होता है
मां भी प्रकृति सी होती है
और प्रकृति भी मां जैसी
स्नेह जहां पनपता है
प्रेम जहां पलता है
वहां घर है वही घर है
कमरे, गांव, शहर या देश घर नही 
जहां प्रेम है
वहां घर है वही घर है!!

©मिहिर

#घर

12 Love

#पर्यावरण #पृथ्वी #विचार #City  White जयद्रथ को निन्यानवे मौके दिए थे कृष्ण ने
सौंवी भार वो भी खुद को न रोक पाए
कहते हैं कि वो भगवान थे

😌

ये धरती है
और
मां भी
😌😏
देखते हैं कब तक अपनी कोख में पाल पाती है

🙏🏻मां🙏🏻

©Ram Yadav
#कविता #erthday #poatry #Road  White *पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* 
💐💐💐💐💐💐💐💐
दिनांक :- 22/04/2024
दिन :- सोमवार 
🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎
हे मात मेरी प्रिय वसुधा
अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका।
जिस अंचल के तले 
खेला कुंदा बड़ा हुआ
उस अंचल का मोल कभी समझ न सका।
अपनी जरूरत को पूरा करने
तेरी कोख से जन्में पेड़ों को काटे 
पर्वत फोड़े पठार फोड़े और 
नदी झरनों का मुख मोड़ दिया 
बस अपना दर्द मुझे हा याद रहा 
पर तेरा दर्द मैं कभी समझ न सका ।
तूने मुझे सुखी बनाने को 
जल दिया , अन्ना दिया
फल ,फूल और  रहने को अपना तन दिया
फिर भी अहमियत तेरी मैं समझ न सका।
मां मेरी इन भूलों को क्षमा करना
अपना ही बच्चा जान 
थोड़ी दया करना
समझ गया तेरे बलिदान को मां
पर क्या करू 
हे मात मेरी प्रिय वसुधा
अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका।

©Neeraj Mishra

पृथ्वी दिवस #Road #erthday #poatry

126 View

#कविता

विश्व पृथ्वी दिवस

135 View

#होली #Festival #घर #Holi  मुझे घर बनाने; घर से दूर निकलना पड़ा,
और गिरते-गिरते कई बार सम्हलना पड़ा।

हारा हिम्मत; टूटा हौसला कई बार, बेशक!
“कुछ दूर और!” कह कर बस चलना पड़ा।

थक कर चूर; जब सोया कभी इत्मीनान से,
नींद आई नहीं पूरी रात; बस करवट बदलना पड़ा।

याद आती रही मां, बाप से दूर होना खलता रहा,
मत पूछो, अपनों से दूर हो कितना मचलना पड़ा।

और गिरते-गिरते कई बार सम्हलना पड़ा।

©Rudra Pratap Singh

मुझे घर बनाने घर से दूर निकालना पड़ा #घर #होली #Festival #Holi

7,614 View

इंसान भी एक पैरासाइट है.... जो धरती को अपने मुताबिक चूस रहा है!!!!!!!! ©Ram Yadav

#पर्यावरण #पृथ्वी #विचार #भारत  इंसान भी एक पैरासाइट है....

जो धरती को अपने मुताबिक चूस रहा है!!!!!!!!

©Ram Yadav

White घर पहला घर मां की कोख है फिर जहां मां होती है वो घर होता है मां भी प्रकृति सी होती है और प्रकृति भी मां जैसी स्नेह जहां पनपता है प्रेम जहां पलता है वहां घर है वही घर है कमरे, गांव, शहर या देश घर नही जहां प्रेम है वहां घर है वही घर है!! ©मिहिर

#कविता #घर  White घर

पहला घर मां की कोख है
फिर जहां मां होती है
वो घर होता है
मां भी प्रकृति सी होती है
और प्रकृति भी मां जैसी
स्नेह जहां पनपता है
प्रेम जहां पलता है
वहां घर है वही घर है
कमरे, गांव, शहर या देश घर नही 
जहां प्रेम है
वहां घर है वही घर है!!

©मिहिर

#घर

12 Love

#पर्यावरण #पृथ्वी #विचार #City  White जयद्रथ को निन्यानवे मौके दिए थे कृष्ण ने
सौंवी भार वो भी खुद को न रोक पाए
कहते हैं कि वो भगवान थे

😌

ये धरती है
और
मां भी
😌😏
देखते हैं कब तक अपनी कोख में पाल पाती है

🙏🏻मां🙏🏻

©Ram Yadav
#कविता #erthday #poatry #Road  White *पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* 
💐💐💐💐💐💐💐💐
दिनांक :- 22/04/2024
दिन :- सोमवार 
🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎
हे मात मेरी प्रिय वसुधा
अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका।
जिस अंचल के तले 
खेला कुंदा बड़ा हुआ
उस अंचल का मोल कभी समझ न सका।
अपनी जरूरत को पूरा करने
तेरी कोख से जन्में पेड़ों को काटे 
पर्वत फोड़े पठार फोड़े और 
नदी झरनों का मुख मोड़ दिया 
बस अपना दर्द मुझे हा याद रहा 
पर तेरा दर्द मैं कभी समझ न सका ।
तूने मुझे सुखी बनाने को 
जल दिया , अन्ना दिया
फल ,फूल और  रहने को अपना तन दिया
फिर भी अहमियत तेरी मैं समझ न सका।
मां मेरी इन भूलों को क्षमा करना
अपना ही बच्चा जान 
थोड़ी दया करना
समझ गया तेरे बलिदान को मां
पर क्या करू 
हे मात मेरी प्रिय वसुधा
अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका।

©Neeraj Mishra

पृथ्वी दिवस #Road #erthday #poatry

126 View

#कविता

विश्व पृथ्वी दिवस

135 View

#होली #Festival #घर #Holi  मुझे घर बनाने; घर से दूर निकलना पड़ा,
और गिरते-गिरते कई बार सम्हलना पड़ा।

हारा हिम्मत; टूटा हौसला कई बार, बेशक!
“कुछ दूर और!” कह कर बस चलना पड़ा।

थक कर चूर; जब सोया कभी इत्मीनान से,
नींद आई नहीं पूरी रात; बस करवट बदलना पड़ा।

याद आती रही मां, बाप से दूर होना खलता रहा,
मत पूछो, अपनों से दूर हो कितना मचलना पड़ा।

और गिरते-गिरते कई बार सम्हलना पड़ा।

©Rudra Pratap Singh

मुझे घर बनाने घर से दूर निकालना पड़ा #घर #होली #Festival #Holi

7,614 View

इंसान भी एक पैरासाइट है.... जो धरती को अपने मुताबिक चूस रहा है!!!!!!!! ©Ram Yadav

#पर्यावरण #पृथ्वी #विचार #भारत  इंसान भी एक पैरासाइट है....

जो धरती को अपने मुताबिक चूस रहा है!!!!!!!!

©Ram Yadav
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