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New महाराणा प्रताप poem Status, Photo, Video

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#कविता #poem  White मोबाइल पर पढ़ते बच्चे ऐसे आगे बढ़ते बच्चे
बिना परीक्षा अगली कक्षा घर बैठे ही चढ़ते बच्चे बिना संग मित्रों में खेले नई जिंदगी गढ़ते बच्चे
खोया बचपन, दोष
समूचा
कोरोना पर मढ़ते बच्चे

©The Kane

#poem

108 View

#महाराणा_प्रताप_जयंती #शायरीदिलसेनिकलीहुई #एसकेहरियाणा #मोटिवेशनल #महाराणा #प्रताप  माता पन्नाधाय गुर्जरी का 
बलिदान काम आया था।
तभी तो sk
महाराणा प्रताप जैसे योद्धा का
 इस धरा पर जन्म हुआ था।
इस देश में जन्म हुआ था।
🇮🇳🇮🇳
एस के हरियाणा 🕉️
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की
 जयंती पर उन्हें 💯🙏 नमन 🙏🔱🤗🕉️

©SKgujjarchauhan
#कविता  दोहा

भारत-भू  का लाडला, सच्चा पहरेदार ।
मेवाड़ी सरदार को, नमन करोङों बार ॥

अरावली पाषाण पर, सुन चेतक की टाप।
खड़ा खड़ा दुश्मन गिरे, भू पर अपने आप ।।

अंजली श्रीवास्तव
महाराणा प्रताप के जयंती पर मेरे भी कुछ लिखे दोहे

©Anjali Srivastav

दोहा भारत-भू का लाडला, सच्चा पहरेदार । मेवाड़ी सरदार को, नमन करोङों बार ॥ अरावली पाषाण पर, सुन चेतक की टाप। खड़ा खड़ा दुश्मन गिरे, भू पर अप

153 View

जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ, मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ, घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो, मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ। ©Shivam Singh Rajput

#कविता #शायरी #maharanapratap #shayri #Shayar  जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ,

मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ,

घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो,

मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ।

©Shivam Singh Rajput

#maharanapratap #shayri #Shayar #शायरी महाराणा प्रताप की जयंती पर खास पेशकश।

13 Love

#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

prakrti poem #Lake #poem #Tranding

90 View

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#कविता #poem  White मोबाइल पर पढ़ते बच्चे ऐसे आगे बढ़ते बच्चे
बिना परीक्षा अगली कक्षा घर बैठे ही चढ़ते बच्चे बिना संग मित्रों में खेले नई जिंदगी गढ़ते बच्चे
खोया बचपन, दोष
समूचा
कोरोना पर मढ़ते बच्चे

©The Kane

#poem

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#महाराणा_प्रताप_जयंती #शायरीदिलसेनिकलीहुई #एसकेहरियाणा #मोटिवेशनल #महाराणा #प्रताप  माता पन्नाधाय गुर्जरी का 
बलिदान काम आया था।
तभी तो sk
महाराणा प्रताप जैसे योद्धा का
 इस धरा पर जन्म हुआ था।
इस देश में जन्म हुआ था।
🇮🇳🇮🇳
एस के हरियाणा 🕉️
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की
 जयंती पर उन्हें 💯🙏 नमन 🙏🔱🤗🕉️

©SKgujjarchauhan
#कविता  दोहा

भारत-भू  का लाडला, सच्चा पहरेदार ।
मेवाड़ी सरदार को, नमन करोङों बार ॥

अरावली पाषाण पर, सुन चेतक की टाप।
खड़ा खड़ा दुश्मन गिरे, भू पर अपने आप ।।

अंजली श्रीवास्तव
महाराणा प्रताप के जयंती पर मेरे भी कुछ लिखे दोहे

©Anjali Srivastav

दोहा भारत-भू का लाडला, सच्चा पहरेदार । मेवाड़ी सरदार को, नमन करोङों बार ॥ अरावली पाषाण पर, सुन चेतक की टाप। खड़ा खड़ा दुश्मन गिरे, भू पर अप

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जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ, मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ, घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो, मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ। ©Shivam Singh Rajput

#कविता #शायरी #maharanapratap #shayri #Shayar  जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ,

मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ,

घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो,

मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ।

©Shivam Singh Rajput

#maharanapratap #shayri #Shayar #शायरी महाराणा प्रताप की जयंती पर खास पेशकश।

13 Love

#कविता #Tranding #Lake #poem  White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात
बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात .
अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को
बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात .
दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस
आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात .
चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात
तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात .
सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें
चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात .
नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की
जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात

©ishant Thakur

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