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#विचार #mango  White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇

{Bolo Ji Radhey Radhey}
चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। 

आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं।

वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है।

धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है.

👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है।

चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।

©N S Yadav GoldMine

#mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra

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#विचार

आ अब लौट चले अपनी पुरानी संस्कृति सभ्यता व संस्कार की तरफ.....

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#जीवन_एक_बिसात #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  जीवन एक बिसात

ये जीवन देखो एक बिसात है,
जिसमें शतरंज सी हर बात है।
फूँक फूँक कर कदम रखना है,
आती मुसीबत से भी बचना है।
कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे,
काट कर बातों को वो मेरे।
मुझ पर ही हावी हो जाए,
काम ऐसा कुछ कर जाए।
उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में,
शतरंज के फैले इस डेरे में।
शह-मात का चलन रहा है,
देख पानी सा रक्त बहा है।
युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर,
कभी नारी की इज्जत पर।
भाई-भाई में द्वेष बड़ा है,
देखो कैसे अधर्म अडा़ है।
खून के प्यासे दोनों भाई,
महाभारत की देते दुहाई।
प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है,
ये जीवन अब खेल हुआ है।
सभ्यता ही सब गई है मारी,
बुजुर्गों का जीवन ये भारी।
मिले नहीं सम्मान उन्हें अब,
संतानें ही विद्रोह करें जब।
कलियुग का ये प्रभाव सारा,
किसने किसको कैसे मारा।
संस्कारों की बलि चढ़ी है,
मुश्किल की ही ये घड़ी है।
होती है ये अनुभूती ऐसी,
शतरंज में दिखती है जैसी।
..........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना ह

234 View

#विश्व_मौर्य_परिषद #Vishwa_Maurya_Parishad #Motivational

विश्व शासक अखंड भारत के संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जी के पौत्र भारत के महानतम सम्राट अशोक मौर्य महान के जन्मोत्सव राष्ट्रीय

99 View

#सभ्यता #GingerTea #usfauji #Indian #Thanks #socity  🙏सभ्य समाज 🙏
हर उस शख्स को धन्यवाद करना सीखों जो आपके जीवन जीने कि राह को आसान बनाता है।
तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हों सकता है।
धन्यवाद आपका सभी का जों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मेरे जीवन की प्रेरणा बनतें हों,
जय हिंद 🇮🇳

©usFAUJI
#विचार #mango  White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇

{Bolo Ji Radhey Radhey}
चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। 

आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं।

वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है।

धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है.

👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है।

चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।

©N S Yadav GoldMine

#mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra

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#विचार

आ अब लौट चले अपनी पुरानी संस्कृति सभ्यता व संस्कार की तरफ.....

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#जीवन_एक_बिसात #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  जीवन एक बिसात

ये जीवन देखो एक बिसात है,
जिसमें शतरंज सी हर बात है।
फूँक फूँक कर कदम रखना है,
आती मुसीबत से भी बचना है।
कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे,
काट कर बातों को वो मेरे।
मुझ पर ही हावी हो जाए,
काम ऐसा कुछ कर जाए।
उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में,
शतरंज के फैले इस डेरे में।
शह-मात का चलन रहा है,
देख पानी सा रक्त बहा है।
युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर,
कभी नारी की इज्जत पर।
भाई-भाई में द्वेष बड़ा है,
देखो कैसे अधर्म अडा़ है।
खून के प्यासे दोनों भाई,
महाभारत की देते दुहाई।
प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है,
ये जीवन अब खेल हुआ है।
सभ्यता ही सब गई है मारी,
बुजुर्गों का जीवन ये भारी।
मिले नहीं सम्मान उन्हें अब,
संतानें ही विद्रोह करें जब।
कलियुग का ये प्रभाव सारा,
किसने किसको कैसे मारा।
संस्कारों की बलि चढ़ी है,
मुश्किल की ही ये घड़ी है।
होती है ये अनुभूती ऐसी,
शतरंज में दिखती है जैसी।
..........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना ह

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#विश्व_मौर्य_परिषद #Vishwa_Maurya_Parishad #Motivational

विश्व शासक अखंड भारत के संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जी के पौत्र भारत के महानतम सम्राट अशोक मौर्य महान के जन्मोत्सव राष्ट्रीय

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#सभ्यता #GingerTea #usfauji #Indian #Thanks #socity  🙏सभ्य समाज 🙏
हर उस शख्स को धन्यवाद करना सीखों जो आपके जीवन जीने कि राह को आसान बनाता है।
तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हों सकता है।
धन्यवाद आपका सभी का जों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मेरे जीवन की प्रेरणा बनतें हों,
जय हिंद 🇮🇳

©usFAUJI
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