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New बेचैनियों का फसलों का Status, Photo, Video

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#शायरी

चेन्नई का समुद्र का नजारा

99 View

प्रेम योगी हैं बहुत कम बिना इनके पड़े अकाल योग करने का नहीं दम इसलिए है जिस्म जाल । योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल , योग मेरा और तुम्हारा बन रहा प्रतिपल मिशाल । प्रेम भोगी हैं बहुत सारे जो भोगें गम मलाल , जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत शक्ल और गुलाबी गाल । बिना प्रेम भोगे गले ना किसी की नौजवां दाल इसलिए सदियों से चलती आ रही प्रिय प्रेम चाल । इस मिलन का योग है भोग में निश्चित दलाल , योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल । . ©Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का  प्रेम योगी हैं बहुत कम 
बिना इनके पड़े अकाल
 योग करने का नहीं दम
इसलिए है जिस्म जाल ।

योग युग का या स्वयं का
बन गया अद्भुत कमाल ,
 योग मेरा और तुम्हारा 
बन रहा प्रतिपल मिशाल ।

प्रेम भोगी हैं बहुत सारे 
जो भोगें गम मलाल ,
जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत 
शक्ल और गुलाबी गाल ।

बिना प्रेम भोगे गले ना 
किसी की नौजवां दाल
इसलिए सदियों से चलती 
आ रही प्रिय प्रेम चाल ।

इस मिलन का योग है 
भोग में निश्चित दलाल ,
योग युग का या स्वयं का 
बन गया अद्भुत कमाल ।
.

©Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का या स्वयं का

18 Love

#वीडियो

बेगम का भर्ता बैगन का भर्ता

63 View

#कॉमेडी  पुजारा खाना बहुत धीरे-धीरे खाते हैं क्यू कि धीरे-धीरे खाने से टेस्ट आता है और वो भी टेस्ट के वह खिलाड़ी हैं।

©Jit

टेस्ट का नहीं टेस्ट का है मामला

63 View

White कुनबे का सरदार है तू, लाखों दिल का प्यार है तू, गज़ल कही है रूमानी, धड़कन की झंकार है तू, दिखलाई दे दूर तलक, ताक़तवर मीनार है तू, करे सुरक्षा सरहद की, इक अभेद्य दीवार है तू, प्यास बुझाए प्यासों की, मीठा जल रसधार है तू, तप्त धरा का जनजीवन, सावन माह फुहार है तू, 'गुंजन' रब से वाबस्ता, फसलों का श्रृंगार है तू, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ• प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #फसलों  White कुनबे  का  सरदार  है  तू, 
लाखों दिल का प्यार है तू,

गज़ल  कही  है  रूमानी, 
धड़कन की झंकार है तू,

दिखलाई  दे  दूर  तलक, 
ताक़तवर  मीनार  है  तू,

करे  सुरक्षा  सरहद  की, 
इक  अभेद्य दीवार है तू,

प्यास बुझाए प्यासों की, 
मीठा जल  रसधार है तू,

तप्त धरा का जनजीवन, 
सावन माह  फुहार  है तू,

'गुंजन'  रब  से  वाबस्ता,
फसलों  का  श्रृंगार है तू,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ• प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#फसलों का श्रृंगार है तू#

9 Love

#Bhakti  जो धर्म की राह पर चलते हैं भगवान उनके घोड़ों की लगाम खुद पकड़ लेते हैं

©book lover

धर्म का मार्ग उन्नति का मार्ग है

1,584 View

#शायरी

चेन्नई का समुद्र का नजारा

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प्रेम योगी हैं बहुत कम बिना इनके पड़े अकाल योग करने का नहीं दम इसलिए है जिस्म जाल । योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल , योग मेरा और तुम्हारा बन रहा प्रतिपल मिशाल । प्रेम भोगी हैं बहुत सारे जो भोगें गम मलाल , जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत शक्ल और गुलाबी गाल । बिना प्रेम भोगे गले ना किसी की नौजवां दाल इसलिए सदियों से चलती आ रही प्रिय प्रेम चाल । इस मिलन का योग है भोग में निश्चित दलाल , योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल । . ©Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का  प्रेम योगी हैं बहुत कम 
बिना इनके पड़े अकाल
 योग करने का नहीं दम
इसलिए है जिस्म जाल ।

योग युग का या स्वयं का
बन गया अद्भुत कमाल ,
 योग मेरा और तुम्हारा 
बन रहा प्रतिपल मिशाल ।

प्रेम भोगी हैं बहुत सारे 
जो भोगें गम मलाल ,
जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत 
शक्ल और गुलाबी गाल ।

बिना प्रेम भोगे गले ना 
किसी की नौजवां दाल
इसलिए सदियों से चलती 
आ रही प्रिय प्रेम चाल ।

इस मिलन का योग है 
भोग में निश्चित दलाल ,
योग युग का या स्वयं का 
बन गया अद्भुत कमाल ।
.

©Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का या स्वयं का

18 Love

#वीडियो

बेगम का भर्ता बैगन का भर्ता

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#कॉमेडी  पुजारा खाना बहुत धीरे-धीरे खाते हैं क्यू कि धीरे-धीरे खाने से टेस्ट आता है और वो भी टेस्ट के वह खिलाड़ी हैं।

©Jit

टेस्ट का नहीं टेस्ट का है मामला

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White कुनबे का सरदार है तू, लाखों दिल का प्यार है तू, गज़ल कही है रूमानी, धड़कन की झंकार है तू, दिखलाई दे दूर तलक, ताक़तवर मीनार है तू, करे सुरक्षा सरहद की, इक अभेद्य दीवार है तू, प्यास बुझाए प्यासों की, मीठा जल रसधार है तू, तप्त धरा का जनजीवन, सावन माह फुहार है तू, 'गुंजन' रब से वाबस्ता, फसलों का श्रृंगार है तू, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ• प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #फसलों  White कुनबे  का  सरदार  है  तू, 
लाखों दिल का प्यार है तू,

गज़ल  कही  है  रूमानी, 
धड़कन की झंकार है तू,

दिखलाई  दे  दूर  तलक, 
ताक़तवर  मीनार  है  तू,

करे  सुरक्षा  सरहद  की, 
इक  अभेद्य दीवार है तू,

प्यास बुझाए प्यासों की, 
मीठा जल  रसधार है तू,

तप्त धरा का जनजीवन, 
सावन माह  फुहार  है तू,

'गुंजन'  रब  से  वाबस्ता,
फसलों  का  श्रृंगार है तू,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ• प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#फसलों का श्रृंगार है तू#

9 Love

#Bhakti  जो धर्म की राह पर चलते हैं भगवान उनके घोड़ों की लगाम खुद पकड़ लेते हैं

©book lover

धर्म का मार्ग उन्नति का मार्ग है

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