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New निर्मल कटारा Status, Photo, Video

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जी भर कर अब देख लो , शीतल निर्मल नीर । आने वाली पीढ़ियां , झेलेंगी यह पीर ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  जी भर कर अब देख लो , शीतल निर्मल नीर ।
आने वाली पीढ़ियां ,  झेलेंगी यह पीर ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

*जी भर कर अब देख लो , शीतल निर्मल नीर ।* *आने वाली पीढ़ियां , झेलेंगी यह पीर ।।* *महेन्द्र सिंह प्रखर*

10 Love

#रेसिटेशन #विनोद #भक्ति #मिश्र

निर्मल मन जन सो मोहि पावा,मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। 🌷🔱🙏 #विनोद #मिश्र #रेसिटेशन

81 View

आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में चक्र आत्मा का भी कुछ ऐसा आत्मा पवित्र और शुद्ध होती मैला तो तन और मन होता जल को क्या मालूम बिस्लेरी का काम बुझाना प्यास जल का आत्मा का वास तन का मन क्या जाने उसको तो बस रहता इंतजार उस दिन मिलन होना प्रभु से कब इसी आस में जीना ©Mahadev Son

#Bhakti  आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल 
प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती

समुद्र से बादल बन मेंह बनकर  फिर 
बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में 

चक्र आत्मा का भी कुछ ऐसा 
आत्मा पवित्र और शुद्ध होती

मैला तो तन और मन होता
जल को क्या मालूम बिस्लेरी का 
काम बुझाना प्यास जल का 

आत्मा का वास तन का मन क्या जाने
उसको तो बस रहता इंतजार उस दिन

मिलन होना प्रभु से कब इसी आस में जीना

©Mahadev Son

आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में च

15 Love

#hanumanjayanti24 #विचार  hanuman jayanti 2024 किसी ने कहां है भगवान निर्गुण है ऐसा लगता है सच ही तो कहा है निर्गुण यानी निराकार जो अपने आप में ही पूर्ण हो जो समस्त विकारों से दूर हो जो निश्चल हो निर्मल हो जिसका कोई दोष नही हो वही तो निर्गुण का प्रतीक है ।

©Yogi Sonu

#hanumanjayanti24 किसी ने कहां है भगवान निर्गुण है ऐसा लगता है सच ही तो कहा है निर्गुण यानी निराकार जो अपने आप में ही पूर्ण हो जो समस्त विका

99 View

मुक्तक :- करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना । करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।। दीनों को हो आस  , तुम्हारे ही कुनबे से - पथ में उनके आज , फूल बनकर बिछ जाना ।। कष्ट सभी हो दूर , सताना मत अब दुर्बल । बहे नैन से गंग , करे मन पावन निर्मल ।। बने सुगम हर राह , करो धर्मों का पालन- नहीं सताओ आप , कभी भी देखो निर्बल ।। ०५/०४/२०४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना ।
करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।।
दीनों को हो आस  , तुम्हारे ही कुनबे से -
पथ में उनके आज , फूल बनकर बिछ जाना ।।

कष्ट सभी हो दूर , सताना मत अब दुर्बल ।
बहे नैन से गंग , करे मन पावन निर्मल ।।
बने सुगम हर राह , करो धर्मों का पालन-
नहीं सताओ आप , कभी भी देखो निर्बल ।।

०५/०४/२०४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना । करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।। दीनों को हो आस  , तुम्हारे ही कुनबे से - पथ में उनके

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#inspirationalquotes #jaishreekrishna #Bhakti

ईश्वर हमेशा निर्मल हृदय में निवास करते हैं। #inspirationalquotes #jaishreekrishna

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जी भर कर अब देख लो , शीतल निर्मल नीर । आने वाली पीढ़ियां , झेलेंगी यह पीर ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  जी भर कर अब देख लो , शीतल निर्मल नीर ।
आने वाली पीढ़ियां ,  झेलेंगी यह पीर ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

*जी भर कर अब देख लो , शीतल निर्मल नीर ।* *आने वाली पीढ़ियां , झेलेंगी यह पीर ।।* *महेन्द्र सिंह प्रखर*

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#रेसिटेशन #विनोद #भक्ति #मिश्र

निर्मल मन जन सो मोहि पावा,मोहि कपट छल छिद्र न भावा।। 🌷🔱🙏 #विनोद #मिश्र #रेसिटेशन

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आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में चक्र आत्मा का भी कुछ ऐसा आत्मा पवित्र और शुद्ध होती मैला तो तन और मन होता जल को क्या मालूम बिस्लेरी का काम बुझाना प्यास जल का आत्मा का वास तन का मन क्या जाने उसको तो बस रहता इंतजार उस दिन मिलन होना प्रभु से कब इसी आस में जीना ©Mahadev Son

#Bhakti  आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल 
प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती

समुद्र से बादल बन मेंह बनकर  फिर 
बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में 

चक्र आत्मा का भी कुछ ऐसा 
आत्मा पवित्र और शुद्ध होती

मैला तो तन और मन होता
जल को क्या मालूम बिस्लेरी का 
काम बुझाना प्यास जल का 

आत्मा का वास तन का मन क्या जाने
उसको तो बस रहता इंतजार उस दिन

मिलन होना प्रभु से कब इसी आस में जीना

©Mahadev Son

आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में च

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#hanumanjayanti24 #विचार  hanuman jayanti 2024 किसी ने कहां है भगवान निर्गुण है ऐसा लगता है सच ही तो कहा है निर्गुण यानी निराकार जो अपने आप में ही पूर्ण हो जो समस्त विकारों से दूर हो जो निश्चल हो निर्मल हो जिसका कोई दोष नही हो वही तो निर्गुण का प्रतीक है ।

©Yogi Sonu

#hanumanjayanti24 किसी ने कहां है भगवान निर्गुण है ऐसा लगता है सच ही तो कहा है निर्गुण यानी निराकार जो अपने आप में ही पूर्ण हो जो समस्त विका

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मुक्तक :- करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना । करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।। दीनों को हो आस  , तुम्हारे ही कुनबे से - पथ में उनके आज , फूल बनकर बिछ जाना ।। कष्ट सभी हो दूर , सताना मत अब दुर्बल । बहे नैन से गंग , करे मन पावन निर्मल ।। बने सुगम हर राह , करो धर्मों का पालन- नहीं सताओ आप , कभी भी देखो निर्बल ।। ०५/०४/२०४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना ।
करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।।
दीनों को हो आस  , तुम्हारे ही कुनबे से -
पथ में उनके आज , फूल बनकर बिछ जाना ।।

कष्ट सभी हो दूर , सताना मत अब दुर्बल ।
बहे नैन से गंग , करे मन पावन निर्मल ।।
बने सुगम हर राह , करो धर्मों का पालन-
नहीं सताओ आप , कभी भी देखो निर्बल ।।

०५/०४/२०४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- करके सुख की चाह , लुटेरा मत बन जाना । करके प्रभु का ध्यान , सहारा बनकर आना ।। दीनों को हो आस  , तुम्हारे ही कुनबे से - पथ में उनके

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#inspirationalquotes #jaishreekrishna #Bhakti

ईश्वर हमेशा निर्मल हृदय में निवास करते हैं। #inspirationalquotes #jaishreekrishna

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