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White शीर्षक - तेरा नाम रहेगा रोशन जय हिंद, जय भारत ----------------------------------------------------------------------- तुझे हिन्द कहे या भारत, हर दिल करें तेरा स्वागत। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत-------------------------।। उत्तर में खड़ा हिमालय, सरहद पर देता है पहरा। उत्तर से ही बहती है, मॉं गंगा की जलधारा।। कश्मीर में महके चमन तेरा, जिसको कहते हैं जन्नत। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।। दिल्ली में जो है लालकिला, लहराये तिरंगा उस पर। वह याद है उन शहीदों की, कुर्बान हुए जो तुझ पर।। अहसान हैं उनके हमपे बहुत, उन्हें नमन करें हम शत शत।। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।। जहाँ राम,कृष्ण, बुद्ध, महावीर, नानक ने जन्म लिया है। तेरा बाल्मीकि, व्यास,माघ, भारवि ने गुणगान किया है।। वसुधैव कुटुम्बकम मन्त्र तेरा, हर धर्म है तुमपे पल्लवित।। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #कविता  White शीर्षक - तेरा नाम रहेगा रोशन जय हिंद, जय भारत
-----------------------------------------------------------------------
तुझे हिन्द कहे या भारत, हर दिल करें तेरा स्वागत।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत-------------------------।।

उत्तर में खड़ा हिमालय, सरहद पर देता है पहरा।
उत्तर से ही बहती है, मॉं गंगा की जलधारा।।
कश्मीर में महके चमन तेरा, जिसको कहते हैं जन्नत।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।

दिल्ली में जो है लालकिला, लहराये तिरंगा उस पर।
वह याद है उन शहीदों की, कुर्बान हुए जो तुझ पर।।
अहसान हैं उनके हमपे बहुत, उन्हें नमन करें हम शत शत।।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।

जहाँ राम,कृष्ण, बुद्ध, महावीर, नानक ने जन्म लिया है।
तेरा बाल्मीकि, व्यास,माघ, भारवि ने गुणगान किया है।।
वसुधैव कुटुम्बकम मन्त्र तेरा, हर धर्म है तुमपे पल्लवित।।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

White शीर्षक - ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर --------------------------------------------------------------------- ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर। खुश नहीं रह पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर------------------------।। फैसला ऐसा तुमने किया है, आखिर क्यों किसलिए। जबकि हमने हर खुशी, मांगी है रब से तेरे लिए।। छोड़ो नहीं साथ हमारा, तोड़ो नहीं यारी हमसे। आबाद नहीं हो पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।। क्या कमी है हममें ऐसी, जिसको पाना है तुमको। करके हमसे पर्दा तुम, नहीं बताते क्यों हमको।। उठावो नहीं यह कदम, तुम ऐसे बहककर। कर नहीं पावोगे ख्वाब पूरे , होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।। आयेगी तुमको याद बहुत, यह हमारी मुहब्बत। नींद नहीं आयेगी तुमको, अश्क़ बहेंगे तेरे बहुत।। ऐसी कहाँ तेरी इज्जत होगी, हम सच कहते हैं। सबसे अकेले हो जावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #लव  White शीर्षक - ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर
---------------------------------------------------------------------
ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर।
खुश नहीं रह पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर------------------------।।

फैसला ऐसा तुमने किया है, आखिर क्यों किसलिए।
जबकि हमने हर खुशी, मांगी है रब से तेरे लिए।।
छोड़ो नहीं साथ हमारा, तोड़ो नहीं यारी हमसे।
आबाद नहीं हो पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।।

क्या कमी है हममें ऐसी, जिसको पाना है तुमको।
करके हमसे पर्दा तुम, नहीं बताते क्यों हमको।।
उठावो नहीं यह कदम, तुम ऐसे बहककर।
कर नहीं पावोगे ख्वाब पूरे , होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।।

आयेगी तुमको याद बहुत, यह हमारी मुहब्बत।
नींद नहीं आयेगी तुमको, अश्क़ बहेंगे तेरे बहुत।।
ऐसी कहाँ तेरी इज्जत होगी, हम सच कहते हैं।
सबसे अकेले हो जावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

White शीर्षक - आबाद वतन रखना, महका चमन रखना ------------------------------------------------------------------- आबाद वतन रखना, महका चमन रखना। नहीं मोड़ना मुँह सच से, नेक कदम रखना।। आबाद वतन रखना------------------------।। नहीं कोई पराया इस जहां में, यह धरती है हम सबकी। मिलकर रहें हम यहाँ सबसे, यही सोच हो हम सबकी।। सबको खुशी यहाँ देना, सबको खुश यहाँ रखना। आबाद वतन रखना------------------------।। हम बोले बोल यहाँ ऐसे, जो सबको लगे प्यारे। नहीं पहुंचे चोट किसी को, हम सबको लगे प्यारे।। प्रीत सबसे यहाँ रखना, रीत दिल की यही रखना। आबाद वतन रखना------------------------।। आज़ाद हुआ है कैसे वतन, मालूम नहीं यह हमको। देकर वीरों ने अपना बलिदान, आबाद किया है हमको।। बदनाम उनको नहीं करना, ख्याल सदा यही रखना। आबाद वतन रखना------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #कविता  White शीर्षक - आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
-------------------------------------------------------------------
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना।
नहीं मोड़ना मुँह सच से, नेक कदम रखना।।
आबाद वतन रखना------------------------।।

नहीं कोई पराया इस जहां में, यह धरती है हम सबकी।
मिलकर रहें हम यहाँ सबसे, यही सोच हो हम सबकी।।
सबको खुशी यहाँ देना, सबको खुश यहाँ रखना।
आबाद वतन रखना------------------------।।

हम बोले बोल यहाँ ऐसे, जो सबको लगे प्यारे।
नहीं पहुंचे चोट किसी को, हम सबको लगे प्यारे।।
प्रीत सबसे यहाँ रखना, रीत दिल की यही रखना।
आबाद वतन रखना------------------------।।

आज़ाद हुआ है कैसे वतन, मालूम नहीं यह हमको।
देकर वीरों ने अपना बलिदान, आबाद किया है हमको।।
बदनाम उनको नहीं करना, ख्याल सदा यही रखना।
आबाद वतन रखना------------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

शीर्षक - मेरे वतन मेरे चमन, तुझपे हम कुर्बान है ----------------------------------------------------------- मेरे वतन मेरे चमन , तुझपे हम कुर्बान है । यह तिरंगा जां से प्यारा , यह हमारी शान है ।। मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।। कैसे मिली आजादी हमको , यह हमें भी याद है । कितने सहे तुमने सितम , यह भी कहानी याद है ।। जिसने तेरी अस्मत लूटी, लूटा तेरा यह चमन । शर्माते है वो देखकर यह , आज हम आबाद है ।। कम होने नहीं देंगे तेरी आन को , हम कभी । चाहे हमें मरना पड़े , हमपे तेरा अहसान है ।। मेरे वतन मेरे चमन --------------------------।। मिलकर मनाते है दीवाली, हिंदू और मुस्लिम सदा । सबके लबों पे हो हंसी , करते हैं यह दुहा सदा ।। नहीं पराया कोई भी , रिश्ता है सबसे प्यार का । महापुरुषों - वीरों की जननी , तु रहे आबाद सदा ।। हम सब तेरी सन्तान है , आपस में भाई भाई हैं । तु ही हमारा ख्वाब है , तु ही हमारा ईमान है ।। मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) मोबाईल नम्बर - 9571070847 ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #शायरी  शीर्षक - मेरे वतन मेरे चमन, तुझपे हम कुर्बान है
-----------------------------------------------------------
मेरे वतन मेरे चमन , तुझपे हम कुर्बान है ।
यह तिरंगा जां से प्यारा , यह हमारी शान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।।

कैसे मिली आजादी हमको , यह हमें भी याद है ।
कितने सहे तुमने सितम , यह भी कहानी याद है ।।
जिसने तेरी अस्मत लूटी, लूटा तेरा यह चमन ।
शर्माते है वो देखकर यह , आज हम आबाद है ।।
कम होने नहीं देंगे तेरी आन को , हम कभी ।
चाहे हमें मरना पड़े , हमपे तेरा अहसान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन --------------------------।।

मिलकर मनाते है दीवाली, हिंदू और मुस्लिम सदा ।
सबके लबों पे हो हंसी , करते हैं यह दुहा सदा ।।
नहीं पराया कोई भी , रिश्ता है सबसे प्यार का ।
महापुरुषों - वीरों की जननी , तु रहे आबाद सदा ।।
हम सब तेरी सन्तान है , आपस में भाई भाई हैं ।
तु  ही हमारा ख्वाब है , तु ही हमारा ईमान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार- 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर - 9571070847

©Gurudeen Verma

शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ --------------------------------------------------------------- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ। अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।। शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना। नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा। मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।। अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन। टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी। गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।। अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा। टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं। शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।। ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश। करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #शायरी  शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
---------------------------------------------------------------
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ।
अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।।
शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना।
नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा।
 मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।।
अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन।
टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी।
गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।।
अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा।
टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं।
शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।।
ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश।
करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

शीर्षक - लोग खुश होते हैं तब ------------------------------------------------------------- सुनते हैं जब लोग, दूसरे की तकलीफें और दर्द, दूसरों के मुख से, या फिर किसी को देखते हैं वो, मजबूरी में हाथ जोड़ते हुए किसी को, लोग खुश होते हैं तब।। जब मांगता है उनसे मदद, उनका कोई परिचित, या फिर विपदा में फंसा हुआ कोई, या फिर चाहता है पनाह उनसे, चंहुओर से असुरक्षित कोई, लोग खुश होते हैं तब।। जब उनको होती है खबर, कि बर्बाद कोई हो रहा है, या बदनाम कोई हो रहा है, और जब मिलती है खबर यह, कि किसी से उनके अपने ही करते हैं, बहुत ही नफरत और ईर्ष्या, लोग खुश होते हैं तब।। ऐसे लोग मानते हैं सभी खुद को, पवित्र,बेदाग और बहुत ही समझदार, जबकि वो खुद खड़े हैं कीचड़ में, लेकिन कौन देखता है कभी भी, अपनी गिरेबां में और कॉलर को, और मरना उनको भी है एक दिन, लेकिन लोग खुश होते हैं तब--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #कविता  शीर्षक - लोग खुश होते हैं तब
-------------------------------------------------------------
सुनते हैं जब लोग,
दूसरे की तकलीफें और दर्द, 
दूसरों के मुख से, 
या फिर किसी को देखते हैं वो, 
मजबूरी में हाथ जोड़ते हुए किसी को,
लोग खुश होते हैं तब।।

जब मांगता है उनसे मदद, 
उनका कोई परिचित, 
या फिर विपदा में फंसा हुआ कोई,
या फिर चाहता है पनाह उनसे,
चंहुओर से असुरक्षित कोई,
लोग खुश होते हैं तब।।

जब उनको होती है खबर,
कि बर्बाद कोई हो रहा है,
या बदनाम कोई हो रहा है,
और जब मिलती है खबर यह,
कि किसी से उनके अपने ही करते हैं,
बहुत ही नफरत और ईर्ष्या,
लोग खुश होते हैं तब।।

ऐसे लोग मानते हैं सभी खुद को,
पवित्र,बेदाग और बहुत ही समझदार,
जबकि वो खुद खड़े हैं कीचड़ में,
लेकिन कौन देखता है कभी भी,
अपनी गिरेबां में और कॉलर को,
और मरना उनको भी है एक दिन,
लेकिन लोग खुश होते हैं तब--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

White शीर्षक - तेरा नाम रहेगा रोशन जय हिंद, जय भारत ----------------------------------------------------------------------- तुझे हिन्द कहे या भारत, हर दिल करें तेरा स्वागत। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत-------------------------।। उत्तर में खड़ा हिमालय, सरहद पर देता है पहरा। उत्तर से ही बहती है, मॉं गंगा की जलधारा।। कश्मीर में महके चमन तेरा, जिसको कहते हैं जन्नत। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।। दिल्ली में जो है लालकिला, लहराये तिरंगा उस पर। वह याद है उन शहीदों की, कुर्बान हुए जो तुझ पर।। अहसान हैं उनके हमपे बहुत, उन्हें नमन करें हम शत शत।। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।। जहाँ राम,कृष्ण, बुद्ध, महावीर, नानक ने जन्म लिया है। तेरा बाल्मीकि, व्यास,माघ, भारवि ने गुणगान किया है।। वसुधैव कुटुम्बकम मन्त्र तेरा, हर धर्म है तुमपे पल्लवित।। तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।। तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #कविता  White शीर्षक - तेरा नाम रहेगा रोशन जय हिंद, जय भारत
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तुझे हिन्द कहे या भारत, हर दिल करें तेरा स्वागत।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत-------------------------।।

उत्तर में खड़ा हिमालय, सरहद पर देता है पहरा।
उत्तर से ही बहती है, मॉं गंगा की जलधारा।।
कश्मीर में महके चमन तेरा, जिसको कहते हैं जन्नत।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।

दिल्ली में जो है लालकिला, लहराये तिरंगा उस पर।
वह याद है उन शहीदों की, कुर्बान हुए जो तुझ पर।।
अहसान हैं उनके हमपे बहुत, उन्हें नमन करें हम शत शत।।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।

जहाँ राम,कृष्ण, बुद्ध, महावीर, नानक ने जन्म लिया है।
तेरा बाल्मीकि, व्यास,माघ, भारवि ने गुणगान किया है।।
वसुधैव कुटुम्बकम मन्त्र तेरा, हर धर्म है तुमपे पल्लवित।।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

White शीर्षक - ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर --------------------------------------------------------------------- ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर। खुश नहीं रह पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर------------------------।। फैसला ऐसा तुमने किया है, आखिर क्यों किसलिए। जबकि हमने हर खुशी, मांगी है रब से तेरे लिए।। छोड़ो नहीं साथ हमारा, तोड़ो नहीं यारी हमसे। आबाद नहीं हो पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।। क्या कमी है हममें ऐसी, जिसको पाना है तुमको। करके हमसे पर्दा तुम, नहीं बताते क्यों हमको।। उठावो नहीं यह कदम, तुम ऐसे बहककर। कर नहीं पावोगे ख्वाब पूरे , होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।। आयेगी तुमको याद बहुत, यह हमारी मुहब्बत। नींद नहीं आयेगी तुमको, अश्क़ बहेंगे तेरे बहुत।। ऐसी कहाँ तेरी इज्जत होगी, हम सच कहते हैं। सबसे अकेले हो जावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।। ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #लव  White शीर्षक - ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर
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ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर।
खुश नहीं रह पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर------------------------।।

फैसला ऐसा तुमने किया है, आखिर क्यों किसलिए।
जबकि हमने हर खुशी, मांगी है रब से तेरे लिए।।
छोड़ो नहीं साथ हमारा, तोड़ो नहीं यारी हमसे।
आबाद नहीं हो पावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।।

क्या कमी है हममें ऐसी, जिसको पाना है तुमको।
करके हमसे पर्दा तुम, नहीं बताते क्यों हमको।।
उठावो नहीं यह कदम, तुम ऐसे बहककर।
कर नहीं पावोगे ख्वाब पूरे , होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।।

आयेगी तुमको याद बहुत, यह हमारी मुहब्बत।
नींद नहीं आयेगी तुमको, अश्क़ बहेंगे तेरे बहुत।।
ऐसी कहाँ तेरी इज्जत होगी, हम सच कहते हैं।
सबसे अकेले हो जावोगे तुम, होकर यूं हमसे दूर।।
ऐसे रुखसत तुम होकर-----------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

White शीर्षक - आबाद वतन रखना, महका चमन रखना ------------------------------------------------------------------- आबाद वतन रखना, महका चमन रखना। नहीं मोड़ना मुँह सच से, नेक कदम रखना।। आबाद वतन रखना------------------------।। नहीं कोई पराया इस जहां में, यह धरती है हम सबकी। मिलकर रहें हम यहाँ सबसे, यही सोच हो हम सबकी।। सबको खुशी यहाँ देना, सबको खुश यहाँ रखना। आबाद वतन रखना------------------------।। हम बोले बोल यहाँ ऐसे, जो सबको लगे प्यारे। नहीं पहुंचे चोट किसी को, हम सबको लगे प्यारे।। प्रीत सबसे यहाँ रखना, रीत दिल की यही रखना। आबाद वतन रखना------------------------।। आज़ाद हुआ है कैसे वतन, मालूम नहीं यह हमको। देकर वीरों ने अपना बलिदान, आबाद किया है हमको।। बदनाम उनको नहीं करना, ख्याल सदा यही रखना। आबाद वतन रखना------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #कविता  White शीर्षक - आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
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आबाद वतन रखना, महका चमन रखना।
नहीं मोड़ना मुँह सच से, नेक कदम रखना।।
आबाद वतन रखना------------------------।।

नहीं कोई पराया इस जहां में, यह धरती है हम सबकी।
मिलकर रहें हम यहाँ सबसे, यही सोच हो हम सबकी।।
सबको खुशी यहाँ देना, सबको खुश यहाँ रखना।
आबाद वतन रखना------------------------।।

हम बोले बोल यहाँ ऐसे, जो सबको लगे प्यारे।
नहीं पहुंचे चोट किसी को, हम सबको लगे प्यारे।।
प्रीत सबसे यहाँ रखना, रीत दिल की यही रखना।
आबाद वतन रखना------------------------।।

आज़ाद हुआ है कैसे वतन, मालूम नहीं यह हमको।
देकर वीरों ने अपना बलिदान, आबाद किया है हमको।।
बदनाम उनको नहीं करना, ख्याल सदा यही रखना।
आबाद वतन रखना------------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

शीर्षक - मेरे वतन मेरे चमन, तुझपे हम कुर्बान है ----------------------------------------------------------- मेरे वतन मेरे चमन , तुझपे हम कुर्बान है । यह तिरंगा जां से प्यारा , यह हमारी शान है ।। मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।। कैसे मिली आजादी हमको , यह हमें भी याद है । कितने सहे तुमने सितम , यह भी कहानी याद है ।। जिसने तेरी अस्मत लूटी, लूटा तेरा यह चमन । शर्माते है वो देखकर यह , आज हम आबाद है ।। कम होने नहीं देंगे तेरी आन को , हम कभी । चाहे हमें मरना पड़े , हमपे तेरा अहसान है ।। मेरे वतन मेरे चमन --------------------------।। मिलकर मनाते है दीवाली, हिंदू और मुस्लिम सदा । सबके लबों पे हो हंसी , करते हैं यह दुहा सदा ।। नहीं पराया कोई भी , रिश्ता है सबसे प्यार का । महापुरुषों - वीरों की जननी , तु रहे आबाद सदा ।। हम सब तेरी सन्तान है , आपस में भाई भाई हैं । तु ही हमारा ख्वाब है , तु ही हमारा ईमान है ।। मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) मोबाईल नम्बर - 9571070847 ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #शायरी  शीर्षक - मेरे वतन मेरे चमन, तुझपे हम कुर्बान है
-----------------------------------------------------------
मेरे वतन मेरे चमन , तुझपे हम कुर्बान है ।
यह तिरंगा जां से प्यारा , यह हमारी शान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।।

कैसे मिली आजादी हमको , यह हमें भी याद है ।
कितने सहे तुमने सितम , यह भी कहानी याद है ।।
जिसने तेरी अस्मत लूटी, लूटा तेरा यह चमन ।
शर्माते है वो देखकर यह , आज हम आबाद है ।।
कम होने नहीं देंगे तेरी आन को , हम कभी ।
चाहे हमें मरना पड़े , हमपे तेरा अहसान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन --------------------------।।

मिलकर मनाते है दीवाली, हिंदू और मुस्लिम सदा ।
सबके लबों पे हो हंसी , करते हैं यह दुहा सदा ।।
नहीं पराया कोई भी , रिश्ता है सबसे प्यार का ।
महापुरुषों - वीरों की जननी , तु रहे आबाद सदा ।।
हम सब तेरी सन्तान है , आपस में भाई भाई हैं ।
तु  ही हमारा ख्वाब है , तु ही हमारा ईमान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार- 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर - 9571070847

©Gurudeen Verma

शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ --------------------------------------------------------------- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ। अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।। शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना। नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा। मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।। अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन। टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी। गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।। अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा। टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं। शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।। ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश। करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #शायरी  शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
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नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ।
अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।।
शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना।
नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा।
 मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।।
अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन।
टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी।
गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।।
अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा।
टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं।
शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।।
ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश।
करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

शीर्षक - लोग खुश होते हैं तब ------------------------------------------------------------- सुनते हैं जब लोग, दूसरे की तकलीफें और दर्द, दूसरों के मुख से, या फिर किसी को देखते हैं वो, मजबूरी में हाथ जोड़ते हुए किसी को, लोग खुश होते हैं तब।। जब मांगता है उनसे मदद, उनका कोई परिचित, या फिर विपदा में फंसा हुआ कोई, या फिर चाहता है पनाह उनसे, चंहुओर से असुरक्षित कोई, लोग खुश होते हैं तब।। जब उनको होती है खबर, कि बर्बाद कोई हो रहा है, या बदनाम कोई हो रहा है, और जब मिलती है खबर यह, कि किसी से उनके अपने ही करते हैं, बहुत ही नफरत और ईर्ष्या, लोग खुश होते हैं तब।। ऐसे लोग मानते हैं सभी खुद को, पवित्र,बेदाग और बहुत ही समझदार, जबकि वो खुद खड़े हैं कीचड़ में, लेकिन कौन देखता है कभी भी, अपनी गिरेबां में और कॉलर को, और मरना उनको भी है एक दिन, लेकिन लोग खुश होते हैं तब--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#रचनाकार #कविता  शीर्षक - लोग खुश होते हैं तब
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सुनते हैं जब लोग,
दूसरे की तकलीफें और दर्द, 
दूसरों के मुख से, 
या फिर किसी को देखते हैं वो, 
मजबूरी में हाथ जोड़ते हुए किसी को,
लोग खुश होते हैं तब।।

जब मांगता है उनसे मदद, 
उनका कोई परिचित, 
या फिर विपदा में फंसा हुआ कोई,
या फिर चाहता है पनाह उनसे,
चंहुओर से असुरक्षित कोई,
लोग खुश होते हैं तब।।

जब उनको होती है खबर,
कि बर्बाद कोई हो रहा है,
या बदनाम कोई हो रहा है,
और जब मिलती है खबर यह,
कि किसी से उनके अपने ही करते हैं,
बहुत ही नफरत और ईर्ष्या,
लोग खुश होते हैं तब।।

ऐसे लोग मानते हैं सभी खुद को,
पवित्र,बेदाग और बहुत ही समझदार,
जबकि वो खुद खड़े हैं कीचड़ में,
लेकिन कौन देखता है कभी भी,
अपनी गिरेबां में और कॉलर को,
और मरना उनको भी है एक दिन,
लेकिन लोग खुश होते हैं तब--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma
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