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New उफ्फ यह नादानियां Status, Photo, Video

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#लव

# यह क्या हैभाई#

153 View

#शायरी #matangiupadhyay #thought #poem #SAD  अपनी नादानी में तुमसे कही हुई  बातों का पछतावा,
अब इस  दिल को हमेशा रहेगा ।
ना जानें इस बात की  शर्मिंदगी का अहसास 
बेचारे दिल को अब कब तक रहेगा।
लगता है अब काश कभी तुमसे हम मिले ही न होते,
मेरे भीतर ये प्रेम पुष्प खिले ही न होते,
अपने बीते कल से  ये मान लिया था हमने 
कि सब एक जैसे ही होते हैं ,
पर तुम उनमें से नहीं ये जान लिया था हमनें।
 अब तुमसे रूबरू होना बड़ा बोझिल सा लगता है,
दिल का होना भी अब, बे दिल सा लगता है,
काश की ये भावनाएं दिल में ,कभी आती ही नहीं
फिर यादें तुम्हारी सताती ही नहीं,
पर तुमसे अब कहीं दूर चले जाने को दिल चाहता है,
 कभी फिर वापस न आने को दिल चाहता है,
काश ऐसा हो की ,सब कुछ ,कुछ वक्त पहले जैसा हो जाए,
जैसा पहले था  फिर से वैसा हो जाए,
काश मैंने मेरे दिल का हाल तुम्हे कभी बताया ही न होता,
मैने खुदको इस तरह  सताया ही न होता,
 एक गलती ने मेरी मुझे खुदकी नजरों से गिरा दिया
जिस चीज के डर से  संभाल रखा था खुदको,
खुदने इन आंखों को वही मंजर दिखा दिया ।।

©Chinka Upadhyay

मेरी नादानियां मुझे इस मोड़ पर ले आई 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #thought #poem #SAD #शायरी

171 View

उफ्फ्फ ये सादगी बिखरी सी है मोती की लड़ी क्या फिर से वह हँस पड़ी। घिर आये काले काले बादल लगा लिया क्या उसने काजल। चाँद पर लाखों पहरें हैं आनन पर गेसू ठहरे हैं। उसका कहाँ कोई सानी पहन ली फिर साड़ी धानी। अल्हड़ सी मासूम मतवाली, न श्रृंगार है ना होठ लाली। लगा जमी पर आ गया बादल उछाला जो उसने आँचल। बजती रुन झुन किंकिणि आ गई सुन्दर रमणी। सविता सिंह मीरा जमशेदरपुर ©savita singh Meera

#कविता  उफ्फ्फ ये सादगी 

बिखरी सी है मोती की लड़ी 
क्या फिर से वह हँस पड़ी। 

घिर आये  काले काले बादल 
लगा लिया क्या उसने काजल।

 चाँद पर लाखों पहरें हैं 
आनन पर गेसू  ठहरे हैं। 

 उसका कहाँ कोई सानी
पहन ली फिर साड़ी धानी।

 अल्हड़ सी मासूम मतवाली, 
 न श्रृंगार है ना होठ लाली। 

लगा जमी पर आ गया बादल 
उछाला जो उसने आँचल।

 बजती रुन झुन किंकिणि 
 आ गई सुन्दर रमणी। 


सविता सिंह मीरा 
जमशेदरपुर

©savita singh Meera

# यह सादगी

11 Love

#लव #यह  उसकी आंखों में पूरा समुंद्र है
जब भी उसकी आखों में देखा
गहराइयों के अनंत अंधेरा में
डूबता चला जाता हूं
ओर बस डूबा ही रहना चाहता हूं।

©मुसाफिर

#यह नशीली आखें

171 View

#विचार  यह काले बादलों ने,  
सूरज ही को छुपाया है। अरे दिन का उजाला कहां है। जहां सूरज ना निकला वह रोशनी का निशान कहां है।।
यह काले बादलों ने सूरज ही को छुपाया है।।

©Shekh Galib

यह काले बादलों ने

189 View

#Motivational #यह

#यह दोस्ती यह प्यार यह मीठी-मीठी बातें सब धोखा है!

162 View

#लव

# यह क्या हैभाई#

153 View

#शायरी #matangiupadhyay #thought #poem #SAD  अपनी नादानी में तुमसे कही हुई  बातों का पछतावा,
अब इस  दिल को हमेशा रहेगा ।
ना जानें इस बात की  शर्मिंदगी का अहसास 
बेचारे दिल को अब कब तक रहेगा।
लगता है अब काश कभी तुमसे हम मिले ही न होते,
मेरे भीतर ये प्रेम पुष्प खिले ही न होते,
अपने बीते कल से  ये मान लिया था हमने 
कि सब एक जैसे ही होते हैं ,
पर तुम उनमें से नहीं ये जान लिया था हमनें।
 अब तुमसे रूबरू होना बड़ा बोझिल सा लगता है,
दिल का होना भी अब, बे दिल सा लगता है,
काश की ये भावनाएं दिल में ,कभी आती ही नहीं
फिर यादें तुम्हारी सताती ही नहीं,
पर तुमसे अब कहीं दूर चले जाने को दिल चाहता है,
 कभी फिर वापस न आने को दिल चाहता है,
काश ऐसा हो की ,सब कुछ ,कुछ वक्त पहले जैसा हो जाए,
जैसा पहले था  फिर से वैसा हो जाए,
काश मैंने मेरे दिल का हाल तुम्हे कभी बताया ही न होता,
मैने खुदको इस तरह  सताया ही न होता,
 एक गलती ने मेरी मुझे खुदकी नजरों से गिरा दिया
जिस चीज के डर से  संभाल रखा था खुदको,
खुदने इन आंखों को वही मंजर दिखा दिया ।।

©Chinka Upadhyay

मेरी नादानियां मुझे इस मोड़ पर ले आई 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #thought #poem #SAD #शायरी

171 View

उफ्फ्फ ये सादगी बिखरी सी है मोती की लड़ी क्या फिर से वह हँस पड़ी। घिर आये काले काले बादल लगा लिया क्या उसने काजल। चाँद पर लाखों पहरें हैं आनन पर गेसू ठहरे हैं। उसका कहाँ कोई सानी पहन ली फिर साड़ी धानी। अल्हड़ सी मासूम मतवाली, न श्रृंगार है ना होठ लाली। लगा जमी पर आ गया बादल उछाला जो उसने आँचल। बजती रुन झुन किंकिणि आ गई सुन्दर रमणी। सविता सिंह मीरा जमशेदरपुर ©savita singh Meera

#कविता  उफ्फ्फ ये सादगी 

बिखरी सी है मोती की लड़ी 
क्या फिर से वह हँस पड़ी। 

घिर आये  काले काले बादल 
लगा लिया क्या उसने काजल।

 चाँद पर लाखों पहरें हैं 
आनन पर गेसू  ठहरे हैं। 

 उसका कहाँ कोई सानी
पहन ली फिर साड़ी धानी।

 अल्हड़ सी मासूम मतवाली, 
 न श्रृंगार है ना होठ लाली। 

लगा जमी पर आ गया बादल 
उछाला जो उसने आँचल।

 बजती रुन झुन किंकिणि 
 आ गई सुन्दर रमणी। 


सविता सिंह मीरा 
जमशेदरपुर

©savita singh Meera

# यह सादगी

11 Love

#लव #यह  उसकी आंखों में पूरा समुंद्र है
जब भी उसकी आखों में देखा
गहराइयों के अनंत अंधेरा में
डूबता चला जाता हूं
ओर बस डूबा ही रहना चाहता हूं।

©मुसाफिर

#यह नशीली आखें

171 View

#विचार  यह काले बादलों ने,  
सूरज ही को छुपाया है। अरे दिन का उजाला कहां है। जहां सूरज ना निकला वह रोशनी का निशान कहां है।।
यह काले बादलों ने सूरज ही को छुपाया है।।

©Shekh Galib

यह काले बादलों ने

189 View

#Motivational #यह

#यह दोस्ती यह प्यार यह मीठी-मीठी बातें सब धोखा है!

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