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New मातलि किसके सारथी थे Status, Photo, Video

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#मोटिवेशनल #inspirational

किसके भाग्य में कितना धन है? #inspirational

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#मोटिवेशनल #inspirational #hindistory

किसके भाग्य में कितना धन है।। #inspirational #hindistory

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कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग। आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग। जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर - पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।। वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर, बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर। मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास- बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।। बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत, रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति। यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग- नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।। अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग। मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में भर रंग। संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत- अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#कविता #Holi  कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग।
आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग।
जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर -
पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।।

वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर,
बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर।
मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास-
बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।।

बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत,
रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति।
यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग-
नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।।

अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग।
मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में  भर रंग।
संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत-
अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।।

                   वीणा खंडेलवाल
                  तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

#Holi होली किसके संग

14 Love

#शायरी

हम बधिर हो तो यह झंकार किसके लिए।

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#शायरी #bluemoon  Blue Moon किसके लिए रोई थी
 तुम रात भर
किसके लिए 
अश्रु बहाए थे
 छोड़ कर चले गए जो
 वो अपने नही पराए थे

©Bhupendra Rawat

#bluemoon किसके लिए रोई थी तुम रात भर किसके लिए अश्रु बहाए थे छोड़ कर चले गए जो वो अपने नही पराए थे

144 View

#शायरी #stilllife  इक समा ऐसा भी था
थे हम हमारे जैसे
अब प्रश्न हम हमसे ही करते है
हम है किसके जैसे

ना तो मन में उमंग है
ना ही दिल को भाता रंग है
चल रही है जिंदगी
मानो कोई कटी पतंग है
हम है अब जैसे
हम ना थे कभी ऐसे
अब प्रश्न हम हमसे ही करते है
हम है किसके जैसे

रहा ना साथ साथी
रहा ना कोई सारथी
जिसे भी हम पुकारे
निकलता है वो स्वार्थी
भावनाओं का सौदा यहाँ
हर कोई चाहता है पैसे
अब प्रश्न हम हमसे ही करते है
हम है किसके जैसे.....

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor

#stilllife इक समा ऐसा भी था थे हम हमारे जैसे अब प्रश्न हम हमसे ही करते है हम है किसके जैसे ना तो मन में उमंग है ना ही दिल को भाता रंग है चल

252 View

#मोटिवेशनल #inspirational

किसके भाग्य में कितना धन है? #inspirational

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#मोटिवेशनल #inspirational #hindistory

किसके भाग्य में कितना धन है।। #inspirational #hindistory

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कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग। आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग। जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर - पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।। वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर, बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर। मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास- बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।। बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत, रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति। यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग- नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।। अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग। मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में भर रंग। संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत- अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#कविता #Holi  कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग।
आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग।
जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर -
पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।।

वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर,
बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर।
मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास-
बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।।

बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत,
रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति।
यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग-
नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।।

अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग।
मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में  भर रंग।
संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत-
अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।।

                   वीणा खंडेलवाल
                  तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

#Holi होली किसके संग

14 Love

#शायरी

हम बधिर हो तो यह झंकार किसके लिए।

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#शायरी #bluemoon  Blue Moon किसके लिए रोई थी
 तुम रात भर
किसके लिए 
अश्रु बहाए थे
 छोड़ कर चले गए जो
 वो अपने नही पराए थे

©Bhupendra Rawat

#bluemoon किसके लिए रोई थी तुम रात भर किसके लिए अश्रु बहाए थे छोड़ कर चले गए जो वो अपने नही पराए थे

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#शायरी #stilllife  इक समा ऐसा भी था
थे हम हमारे जैसे
अब प्रश्न हम हमसे ही करते है
हम है किसके जैसे

ना तो मन में उमंग है
ना ही दिल को भाता रंग है
चल रही है जिंदगी
मानो कोई कटी पतंग है
हम है अब जैसे
हम ना थे कभी ऐसे
अब प्रश्न हम हमसे ही करते है
हम है किसके जैसे

रहा ना साथ साथी
रहा ना कोई सारथी
जिसे भी हम पुकारे
निकलता है वो स्वार्थी
भावनाओं का सौदा यहाँ
हर कोई चाहता है पैसे
अब प्रश्न हम हमसे ही करते है
हम है किसके जैसे.....

मी माझी.....

©Sangeeta Kalbhor

#stilllife इक समा ऐसा भी था थे हम हमारे जैसे अब प्रश्न हम हमसे ही करते है हम है किसके जैसे ना तो मन में उमंग है ना ही दिल को भाता रंग है चल

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