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पेड़ से इक दरख़ास्त है, कली को कली ही रहने देना, जो फुल बन जाएगी... टूट जाएगी...! ©Aarti Sirsat

#लव #poem #pool  पेड़ से इक दरख़ास्त है, 
कली को कली ही रहने देना, 
जो फुल बन जाएगी... 
टूट जाएगी...!

©Aarti Sirsat

#poem #Love #pool

14 Love

' तलाश ' ये लेखनी की बातें वो ख्वाबों में मुलाकातें सब तुमसे ही थीं मगर तुमने पहचाना ही नहीं। मैं लिखता रहा तुम पढ़ते रहे मैं कहता रहा तुम सुनते रहे इतना पढ़कर-सुनकर भी तुम पढ़-सुन न सके सब तुम्हारे लिए ही था मगर तुमने अपना माना ही नहीं। ©Rishi Ranjan

#talaash #poem  ' तलाश '

ये लेखनी की बातें
वो ख्वाबों में मुलाकातें
सब तुमसे ही थीं
मगर तुमने
पहचाना ही नहीं।

मैं लिखता रहा तुम पढ़ते रहे 
मैं कहता रहा तुम सुनते रहे 
इतना पढ़कर-सुनकर भी
तुम पढ़-सुन न सके 

सब तुम्हारे लिए ही था
मगर तुमने
अपना माना ही नहीं।

©Rishi Ranjan

#talaash #poem #Love

15 Love

#शायरी #Hindi #Path #poem  प्रश्न ये की अगर गौतम बुद्ध किसी के प्रेम में पड़े होते तो क्या निर्वाण को प्राप्त हो पाते..?
महलों का वैभव तो त्याग दिया था.. क्या प्रेम से विरक्त हो पाते।
क्या तज पाते प्रेयसी को पत्नी की तरह ।
बंध पाते वैराग्य में प्रेम से मुक्त होकर।
कर पाते ध्यान किसी और आराध्य का ।
आँख बंद करते, वही मूरत दिखाई देती
ध्यान तो छोड़िए, सो भी नही पाते और हर दिन कोरी आंखों सवेरा होता।
जब सवार होती वेदना रूपी प्रताड़ना, तो  ज्ञान का बोध चुनते या साथी का ।

प्रेम के निम्तम रूपों मोह, आकर्षण, वासना पर  तो उन्होंने पार पा लिया था. 
दूसरों से मिले प्रेम को तो उन्होंने भावनाओं का ज्वार समझ कर नकार दिया
 लेकिन एक बार अपनी समस्त इन्द्रियों को साक्षी मानकर  उन्होंने अपने चंचल ह्रदय में अगर किसी को बसाया होता..सुना होता किसी की सांसों का संगीत..बिताये होते एकांत के कुछ पल हाथों में हाथ लेकर..तो उनके मोक्ष के मायने बदल गए होते।
अगर मन हुआ होता रक्तरंजित अपने प्रिय के इंकार से ..होता कभी जो प्रणय निवेदन अस्वीकार.. ह्रदय बिखरा होता छलनी होकर..
तो उन्हें मौन से ज्यादा मृत्यु, मुक्ति का मार्ग लगती।
हर स्मृति, हर कल्पना, हर भावना बस एक ही विंदु पर आकर सिमट जाती ..और वो केंद्र विंदु होता प्रेम ।

 ये शायद नियति ही थी कि गौतम बुद्ध के ह्रदय में प्रेम के बीज नही पड़े वर्ना विश्वास कीजिये वो सिदार्थ से गौतम 
तो हो जाते..पर शायद कभी बुद्ध नही हो पाते।

©राहुल Shiv

#Path #Love #Hindi #poem

198 View

#oddone  “Our love story is like pigeons cooing at dawn, a beautiful symphony of affection.”

©Naresh

#oddone our love

126 View

#ReasonICried #SAD #our
#शायरी #poem

#Love #poem

126 View

पेड़ से इक दरख़ास्त है, कली को कली ही रहने देना, जो फुल बन जाएगी... टूट जाएगी...! ©Aarti Sirsat

#लव #poem #pool  पेड़ से इक दरख़ास्त है, 
कली को कली ही रहने देना, 
जो फुल बन जाएगी... 
टूट जाएगी...!

©Aarti Sirsat

#poem #Love #pool

14 Love

' तलाश ' ये लेखनी की बातें वो ख्वाबों में मुलाकातें सब तुमसे ही थीं मगर तुमने पहचाना ही नहीं। मैं लिखता रहा तुम पढ़ते रहे मैं कहता रहा तुम सुनते रहे इतना पढ़कर-सुनकर भी तुम पढ़-सुन न सके सब तुम्हारे लिए ही था मगर तुमने अपना माना ही नहीं। ©Rishi Ranjan

#talaash #poem  ' तलाश '

ये लेखनी की बातें
वो ख्वाबों में मुलाकातें
सब तुमसे ही थीं
मगर तुमने
पहचाना ही नहीं।

मैं लिखता रहा तुम पढ़ते रहे 
मैं कहता रहा तुम सुनते रहे 
इतना पढ़कर-सुनकर भी
तुम पढ़-सुन न सके 

सब तुम्हारे लिए ही था
मगर तुमने
अपना माना ही नहीं।

©Rishi Ranjan

#talaash #poem #Love

15 Love

#शायरी #Hindi #Path #poem  प्रश्न ये की अगर गौतम बुद्ध किसी के प्रेम में पड़े होते तो क्या निर्वाण को प्राप्त हो पाते..?
महलों का वैभव तो त्याग दिया था.. क्या प्रेम से विरक्त हो पाते।
क्या तज पाते प्रेयसी को पत्नी की तरह ।
बंध पाते वैराग्य में प्रेम से मुक्त होकर।
कर पाते ध्यान किसी और आराध्य का ।
आँख बंद करते, वही मूरत दिखाई देती
ध्यान तो छोड़िए, सो भी नही पाते और हर दिन कोरी आंखों सवेरा होता।
जब सवार होती वेदना रूपी प्रताड़ना, तो  ज्ञान का बोध चुनते या साथी का ।

प्रेम के निम्तम रूपों मोह, आकर्षण, वासना पर  तो उन्होंने पार पा लिया था. 
दूसरों से मिले प्रेम को तो उन्होंने भावनाओं का ज्वार समझ कर नकार दिया
 लेकिन एक बार अपनी समस्त इन्द्रियों को साक्षी मानकर  उन्होंने अपने चंचल ह्रदय में अगर किसी को बसाया होता..सुना होता किसी की सांसों का संगीत..बिताये होते एकांत के कुछ पल हाथों में हाथ लेकर..तो उनके मोक्ष के मायने बदल गए होते।
अगर मन हुआ होता रक्तरंजित अपने प्रिय के इंकार से ..होता कभी जो प्रणय निवेदन अस्वीकार.. ह्रदय बिखरा होता छलनी होकर..
तो उन्हें मौन से ज्यादा मृत्यु, मुक्ति का मार्ग लगती।
हर स्मृति, हर कल्पना, हर भावना बस एक ही विंदु पर आकर सिमट जाती ..और वो केंद्र विंदु होता प्रेम ।

 ये शायद नियति ही थी कि गौतम बुद्ध के ह्रदय में प्रेम के बीज नही पड़े वर्ना विश्वास कीजिये वो सिदार्थ से गौतम 
तो हो जाते..पर शायद कभी बुद्ध नही हो पाते।

©राहुल Shiv

#Path #Love #Hindi #poem

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#oddone  “Our love story is like pigeons cooing at dawn, a beautiful symphony of affection.”

©Naresh

#oddone our love

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#ReasonICried #SAD #our
#शायरी #poem

#Love #poem

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