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साक्ष्य चाहिए तुम्हें कैसा, प्रेम नहीं हैं धर्म जैसा। न धागा न ताबीज़... रंग सूफ़ी ये कोरा ऐसा।। तुम कागजी चाल चाहते हो, ज़माने से मिसाल चाहते हो। मेरी तिश्नगी मेरी प्रेरणा... तुम जां 'गुस्ताख़' चाहते हो।। ©गुस्ताख़शब्द

#पंक्ति #प्रेम #हिंदी #स्नेह #फ़िल्म #Life_experience  साक्ष्य चाहिए तुम्हें कैसा,
प्रेम नहीं हैं धर्म जैसा।
न धागा न ताबीज़...
रंग सूफ़ी ये कोरा ऐसा।।

तुम कागजी चाल चाहते हो,
ज़माने से मिसाल चाहते हो।
मेरी तिश्नगी मेरी प्रेरणा...
तुम जां 'गुस्ताख़' चाहते हो।।

©गुस्ताख़शब्द

“Kise chahiye mann ka sona, aankh ke moti? Kise padi hai andar kya hai?” तारा- “Ye tum nahi ho Ved. ye sab nakli hai.” वेद- “Wo toh acting

12 Love

#रूबरू_है_जिंदगी #स्नेहा_अग्रवाल #साहित्य_सागर #शायरी #sahityasagar #sneha_geet  आँखों ही आँखों में इश्क लड़ाने आते हैं। 
वो मुहब्बत हमसे बेइंतेहा जताने आते हैं।

सुर - ताल से तो कोई राब्ता नहीं है उनका, 
फिर भी हमें रिझाने को गुनगुनाने आते हैं।

यूं तो हम उन्हें हर लिबास में अच्छे लगते हैं, 
फिर भी दुल्हन - सा वो हमें सजाने आते हैं।

बेरूखी भी कमाल की है हमारे महबूब की,
 न मिलने के भी उन्हें हजारों बहाने आते हैं।

हर "गीत" ग़ज़ल में लिखकर के नाम उनका, 
हम अपने रूठे हुए महबूब को मनाने आते हैं।

©Sneha Agarwal 'Geet'
#अक्षयतृतीया #त्योहार #कारोबार #akshaya_tritiya_2024 #परिवार #प्यार  White दिनों दिन बढ़ता जाए आपका कारोबार,
परिवार में बना रहे स्नेह और प्यार, 
होती रहे सदा आप पर धन की बौछार,
 ऐसा हो आपका अक्षय तृतीया का त्योहार !! 

अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं !!!

©Shivkumar

#akshaya_tritiya_2024 #Nojoto दिनों दिन बढ़ता जाए आपका #कारोबार #परिवार में बना रहे #स्नेह और #प्यार होती रहे सदा आप पर #धन की #बौछ

162 View

#विचार #पिता  पिता का प्रेम दिखाई नहीं देता, स्नेह और समर्पण में छुपा जाता है वो सच्चा व्यक्तित्व। उनकी कठिनाइयों और संघर्षों के पीछे, हमें सबक सिखाने की क्षमता छिपी होती है। उनकी ममता और चिंता का अहसास, हमें जीवन की महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूक करता है। पिता का प्रेम स्थायी और अथक होता है, हमें हर कदम पर साथ देने का आशीर्वाद देता है।

©रोहन बिष्ट

#पिता पिता का प्रेम दिखाई नहीं देता, स्नेह और समर्पण में छुपा जाता है वो सच्चा व्यक्तित्व। उनकी कठिनाइयों और संघर्षों के पीछे, हमें सबक सिखा

117 View

#Animals #Quotes  जानवर विश्वसनीय, प्रेम से भरपूर, अपने स्नेह में सच्चे, अपने कार्यों में पूर्वानुमानित, आभारी और वफादार होते हैं।

©Ankit Singh

जानवर विश्वसनीय, प्रेम से भरपूर, अपने स्नेह में सच्चे, अपने कार्यों में पूर्वानुमानित, आभारी और वफादार होते हैं #Animals

117 View

 खो गईं वो चिठ्ठियाँ जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे ,कुशलता” की कामना से शुरू होते थे। बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते थे...!!
नन्हें के आने की “खबर”“माँ” की तबियत का दर्द और पैसे भेजने का 
“अनुनय” विनय।“फसलों” के खराब होने की वजह...!!
कितना कुछ सिमट जाता था एक“नीले से कागज में”...
जिसे नवयौवना भाग कर “सीने” से लगाती और “अकेले” में आंखो 
सेआंसू बहाती माँ” की आस थी “पिता” का संबल थी
बच्चों का भविष्य थी और ,गाँव का गौरव थी ये “चिठ्ठियां”
अब तो “स्क्रीन” पर अंगूठा दौडता हैं,और अक्सर ही दिल तोड़ता है
“मोबाइल” का स्पेस भर जाए तो सब कुछ दो मिनट में “डिलीट” होता 
सब कुछ “सिमट” गया है 6 इंच में ,जैसे “मकान” सिमट गए फ्लैटों में !
जज्बात सिमट गए “मैसेजों” में “चूल्हे” सिमट गए गैसों में और 
इंसान सिमट गए नोटों में!वाह रे कलयुग वाह क्या बात है तेरी वाह....!

©AwadheshPSRathore_7773

"अंखियों का पानी बड़ा बेजुबा दर्द मेरा कह पाए ना , O साथी O साथी O साथी तेरी चिट्ठी पते पर आए ना" प्रसिद्ध पार्श्व गायक के गाए बोल हे यह,पहच

90 View

साक्ष्य चाहिए तुम्हें कैसा, प्रेम नहीं हैं धर्म जैसा। न धागा न ताबीज़... रंग सूफ़ी ये कोरा ऐसा।। तुम कागजी चाल चाहते हो, ज़माने से मिसाल चाहते हो। मेरी तिश्नगी मेरी प्रेरणा... तुम जां 'गुस्ताख़' चाहते हो।। ©गुस्ताख़शब्द

#पंक्ति #प्रेम #हिंदी #स्नेह #फ़िल्म #Life_experience  साक्ष्य चाहिए तुम्हें कैसा,
प्रेम नहीं हैं धर्म जैसा।
न धागा न ताबीज़...
रंग सूफ़ी ये कोरा ऐसा।।

तुम कागजी चाल चाहते हो,
ज़माने से मिसाल चाहते हो।
मेरी तिश्नगी मेरी प्रेरणा...
तुम जां 'गुस्ताख़' चाहते हो।।

©गुस्ताख़शब्द

“Kise chahiye mann ka sona, aankh ke moti? Kise padi hai andar kya hai?” तारा- “Ye tum nahi ho Ved. ye sab nakli hai.” वेद- “Wo toh acting

12 Love

#रूबरू_है_जिंदगी #स्नेहा_अग्रवाल #साहित्य_सागर #शायरी #sahityasagar #sneha_geet  आँखों ही आँखों में इश्क लड़ाने आते हैं। 
वो मुहब्बत हमसे बेइंतेहा जताने आते हैं।

सुर - ताल से तो कोई राब्ता नहीं है उनका, 
फिर भी हमें रिझाने को गुनगुनाने आते हैं।

यूं तो हम उन्हें हर लिबास में अच्छे लगते हैं, 
फिर भी दुल्हन - सा वो हमें सजाने आते हैं।

बेरूखी भी कमाल की है हमारे महबूब की,
 न मिलने के भी उन्हें हजारों बहाने आते हैं।

हर "गीत" ग़ज़ल में लिखकर के नाम उनका, 
हम अपने रूठे हुए महबूब को मनाने आते हैं।

©Sneha Agarwal 'Geet'
#अक्षयतृतीया #त्योहार #कारोबार #akshaya_tritiya_2024 #परिवार #प्यार  White दिनों दिन बढ़ता जाए आपका कारोबार,
परिवार में बना रहे स्नेह और प्यार, 
होती रहे सदा आप पर धन की बौछार,
 ऐसा हो आपका अक्षय तृतीया का त्योहार !! 

अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं !!!

©Shivkumar

#akshaya_tritiya_2024 #Nojoto दिनों दिन बढ़ता जाए आपका #कारोबार #परिवार में बना रहे #स्नेह और #प्यार होती रहे सदा आप पर #धन की #बौछ

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#विचार #पिता  पिता का प्रेम दिखाई नहीं देता, स्नेह और समर्पण में छुपा जाता है वो सच्चा व्यक्तित्व। उनकी कठिनाइयों और संघर्षों के पीछे, हमें सबक सिखाने की क्षमता छिपी होती है। उनकी ममता और चिंता का अहसास, हमें जीवन की महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूक करता है। पिता का प्रेम स्थायी और अथक होता है, हमें हर कदम पर साथ देने का आशीर्वाद देता है।

©रोहन बिष्ट

#पिता पिता का प्रेम दिखाई नहीं देता, स्नेह और समर्पण में छुपा जाता है वो सच्चा व्यक्तित्व। उनकी कठिनाइयों और संघर्षों के पीछे, हमें सबक सिखा

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#Animals #Quotes  जानवर विश्वसनीय, प्रेम से भरपूर, अपने स्नेह में सच्चे, अपने कार्यों में पूर्वानुमानित, आभारी और वफादार होते हैं।

©Ankit Singh

जानवर विश्वसनीय, प्रेम से भरपूर, अपने स्नेह में सच्चे, अपने कार्यों में पूर्वानुमानित, आभारी और वफादार होते हैं #Animals

117 View

 खो गईं वो चिठ्ठियाँ जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे ,कुशलता” की कामना से शुरू होते थे। बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते थे...!!
नन्हें के आने की “खबर”“माँ” की तबियत का दर्द और पैसे भेजने का 
“अनुनय” विनय।“फसलों” के खराब होने की वजह...!!
कितना कुछ सिमट जाता था एक“नीले से कागज में”...
जिसे नवयौवना भाग कर “सीने” से लगाती और “अकेले” में आंखो 
सेआंसू बहाती माँ” की आस थी “पिता” का संबल थी
बच्चों का भविष्य थी और ,गाँव का गौरव थी ये “चिठ्ठियां”
अब तो “स्क्रीन” पर अंगूठा दौडता हैं,और अक्सर ही दिल तोड़ता है
“मोबाइल” का स्पेस भर जाए तो सब कुछ दो मिनट में “डिलीट” होता 
सब कुछ “सिमट” गया है 6 इंच में ,जैसे “मकान” सिमट गए फ्लैटों में !
जज्बात सिमट गए “मैसेजों” में “चूल्हे” सिमट गए गैसों में और 
इंसान सिमट गए नोटों में!वाह रे कलयुग वाह क्या बात है तेरी वाह....!

©AwadheshPSRathore_7773

"अंखियों का पानी बड़ा बेजुबा दर्द मेरा कह पाए ना , O साथी O साथी O साथी तेरी चिट्ठी पते पर आए ना" प्रसिद्ध पार्श्व गायक के गाए बोल हे यह,पहच

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