tags

New आवडतो मज अफाट सागर Status, Photo, Video

Find the latest Status about आवडतो मज अफाट सागर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about आवडतो मज अफाट सागर.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#कविता #nojotohindi #Free  White पल्लव की डायरी
भीड़ से अस्त व्यस्त दुनिया
किस और भागी जाती है
सांसो पर नही भरोसा
कितने ख्वाव सजाती है
सिर्फ अहंकार का पोषण करने
दल दल में जिंदगी फंसती जाती है
तोड़ कर सारे पैमाने नैतिकता के
अंतर्मन को साध नही पाते है
लालचों के आगोश में 
सकून के क्षण छूटे जाते है
अपेक्षा के सागर इतने बड़े
चुल्लू भर शांति का अहसास कर नही पाते है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Free अपेक्षा के सागर इतने बड़े #nojotohindi

225 View

White आधा चांद आधा सूरज आधा मैं बंजारों सा आधी आधी दुनिया फिर भी पूरी तुम इन तारों सा।। ©Sandeep Sagar

#शायरी #Moon  White आधा चांद आधा सूरज 
आधा मैं बंजारों सा 
आधी आधी दुनिया फिर भी 
पूरी तुम इन तारों सा।।

©Sandeep Sagar

#Moon सागर की डायरी से

14 Love

White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ। मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से। मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।। ©Sandeep Sagar

#शायरी #Road  White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ 
कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ 
वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा
नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ।

मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से 
की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से 
तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा
मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से।

मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है 
पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है 
वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है 
वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।।

©Sandeep Sagar

#Road सागर की डायरी से

13 Love

पेशेखिदमत है एक गजल सागर मे भी दिखता..गजल

108 View

नकोत मज नाती... नकोत आता शब्द... मज काही नको नको... मी बरी आहे एकटीच... परी आहे सोबतीस माझ्या... नात्यात्तले शब्द तुझे अन्...

585 View

#Motivational #gone

ग्यान सागर #gone

108 View

#कविता #nojotohindi #Free  White पल्लव की डायरी
भीड़ से अस्त व्यस्त दुनिया
किस और भागी जाती है
सांसो पर नही भरोसा
कितने ख्वाव सजाती है
सिर्फ अहंकार का पोषण करने
दल दल में जिंदगी फंसती जाती है
तोड़ कर सारे पैमाने नैतिकता के
अंतर्मन को साध नही पाते है
लालचों के आगोश में 
सकून के क्षण छूटे जाते है
अपेक्षा के सागर इतने बड़े
चुल्लू भर शांति का अहसास कर नही पाते है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Free अपेक्षा के सागर इतने बड़े #nojotohindi

225 View

White आधा चांद आधा सूरज आधा मैं बंजारों सा आधी आधी दुनिया फिर भी पूरी तुम इन तारों सा।। ©Sandeep Sagar

#शायरी #Moon  White आधा चांद आधा सूरज 
आधा मैं बंजारों सा 
आधी आधी दुनिया फिर भी 
पूरी तुम इन तारों सा।।

©Sandeep Sagar

#Moon सागर की डायरी से

14 Love

White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ। मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से। मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।। ©Sandeep Sagar

#शायरी #Road  White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ 
कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ 
वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा
नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ।

मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से 
की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से 
तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा
मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से।

मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है 
पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है 
वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है 
वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।।

©Sandeep Sagar

#Road सागर की डायरी से

13 Love

पेशेखिदमत है एक गजल सागर मे भी दिखता..गजल

108 View

नकोत मज नाती... नकोत आता शब्द... मज काही नको नको... मी बरी आहे एकटीच... परी आहे सोबतीस माझ्या... नात्यात्तले शब्द तुझे अन्...

585 View

#Motivational #gone

ग्यान सागर #gone

108 View

Trending Topic